जम्मू, 27 अगस्त . जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने Wednesday को उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की. इस मीटिंग में लगातार हो रही बारिश और अचानक आई बाढ़ से उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए केंद्र शासित प्रदेश और संबंधित केंद्रीय एजेंसियों, सेना, वायु सेना, एनडीआरएफ, सीएपीएफ के बचाव-राहत कार्यों और तैयारियों की समीक्षा की गई.
उपराज्यपाल ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे बाढ़ प्रभावित निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए हर संभव कदम उठाएं. उन्होंने अधिकारियों से बिजली, स्वास्थ्य सेवा, स्वच्छ पेयजल, राशन और दूरसंचार जैसी सभी आवश्यक सेवाओं का रखरखाव सुनिश्चित करने को कहा. उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बाधित आवश्यक सेवाओं को प्राथमिकता के आधार पर बहाल किया जाना चाहिए और प्राकृतिक आपदा प्रभावित क्षेत्रों में आवश्यक आपूर्ति और दवाओं का पर्याप्त भंडार होना चाहिए.
उन्होंने सड़कों, राष्ट्रीय राजमार्गों पर पुलों, यातायात के वैकल्पिक मार्गों और जल जनित रोगों के रोगियों के आने की स्थिति में अस्पतालों की तैयारी को तत्काल बहाल करने के भी निर्देश दिए. उपराज्यपाल ने विद्युत अवसंरचना की शीघ्र बहाली के लिए पीडीडी को एनएचपीसी लिमिटेड और पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (पीजीसीआईएल) के साथ मिलकर काम करने का निर्देश दिया. उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) से राष्ट्रीय राजमार्गों के साथ-साथ केंद्र शासित प्रदेश की सड़कों को बहाल करने में लोक निर्माण विभाग की सहायता करने का आह्वान किया.
एलजी मनोज सिन्हा ने जल शक्ति विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को जलभराव और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों, विशेष रूप से दूरदराज और पहाड़ी बस्तियों में स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित करने और नियमित जल आपूर्ति अवसंरचना को बहाल करने का निर्देश दिया. उन्होंने स्वास्थ्य सचिव, लोक निर्माण विभाग (आरएंडबी), खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति और विद्युत विकास विभाग को जम्मू संभाग में रहने और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों तक पहुंचने का भी निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि कोई भी अधिकारी या कर्मचारी छुट्टी नहीं लेगा या स्टेशन नहीं छोड़ेगा.
उपराज्यपाल ने कहा कि आपातकालीन दल संवेदनशील क्षेत्रों में पहले से तैनात होने चाहिए और अन्य टीमें पर्याप्त रूप से सुसज्जित होनी चाहिए और आपात स्थिति में कुछ ही घंटों में तैनात होने के लिए तैयार होनी चाहिए. एलजी 24 घंटे स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं और केंद्र शासित प्रदेश तथा केंद्रीय एजेंसियों के संबंधित अधिकारियों के संपर्क में हैं. उन्होंने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में त्वरित कार्रवाई करके बहुमूल्य जानमाल के नुकसान को कम करने के लिए सेना, वायु सेना, एनडीआरएफ, सीएपीएफ, जिला प्रशासन, पुलिस और एसडीआरएफ के प्रयासों की सराहना की.
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एएसएच/डीकेपी
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