नई दिल्ली। दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गुरुवार को निर्धारित सुनवाई टल गई, जिससे पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को बड़ी राहत मिली। राऊज एवेन्यू कोर्ट ने दोनों नेताओं को पेशी से छूट देते हुए मामले की सुनवाई को अब अक्टूबर तक स्थगित कर दिया है।
अदालत के समक्ष केजरीवाल और सिसोदिया की ओर से पेशी से छूट की अर्जी दायर की गई थी। इसमें कहा गया कि वे इन दिनों पंजाब के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर रहे हैं और वहां राहत एवं बचाव कार्यों में सक्रिय रूप से शामिल हैं। अदालत ने इस आधार पर उनकी अनुपस्थिति को उचित मानते हुए राहत प्रदान की।
यह मामला प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग केस से जुड़ा है, जिसमें दिल्ली की विवादित आबकारी नीति के तहत कई नेताओं और अधिकारियों पर कार्रवाई की जा चुकी है। अगली सुनवाई में अदालत का रुख इस केस की दिशा तय करने में अहम होगा।
इस बीच, पंजाब में जारी बाढ़ संकट ने राजनीतिक और प्रशासनिक हालात को और गंभीर बना दिया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर केंद्र से मदद की मांग की है। उन्होंने कहा कि राज्य के लिए 60 हजार करोड़ रुपये का रुका हुआ फंड तुरंत जारी किया जाए। इसके अलावा, उन्होंने केंद्र से आग्रह किया कि राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (SDRF) के मुआवजा नियमों में संशोधन कर प्रति एकड़ 50 हजार रुपये की राहत राशि दी जाए। मान ने यह भी स्पष्ट किया कि पंजाब सरकार केंद्र की योजना के अनुसार 25 प्रतिशत योगदान देने को तैयार है।
दिल्ली आबकारी नीति मामला जहां राजनीतिक हलचल का केंद्र बना हुआ है, वहीं पंजाब की बाढ़ ने इसे एक नए सामाजिक–राजनीतिक संदर्भ से जोड़ दिया है। अब सबकी निगाहें अक्टूबर में होने वाली सुनवाई पर टिकी हैं, जहां यह तय होगा कि केस आगे किस दिशा में बढ़ेगा।
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