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लाल निशान में खुला भारतीय शेयर बाजार, आईटी और बैंकिंग शेयरों में दबाव

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बुधवार सुबह भारतीय शेयर बाजार की शुरुआत कमजोर संकेतों के साथ हुई, जहां शुरुआती कारोबार के दौरान सेंसेक्स और निफ्टी दोनों प्रमुख सूचकांक लाल निशान में नजर आए। वैश्विक बाजारों से मिले मिले-जुले संकेत और घरेलू स्तर पर निवेशकों की सतर्कता के बीच बाजार ने सुस्ती के साथ ट्रेडिंग शुरू की। सबसे ज्यादा दबाव आईटी, बैंकिंग और ऑटो सेक्टर के शेयरों में देखने को मिला।

सेंसेक्स 311.90 अंकों की गिरावट के साथ 81,790.20 पर कारोबार कर रहा था, जबकि निफ्टी 106.40 अंक टूटकर 25,062.65 पर आ गया। हालांकि, कुछ सेक्टर जैसे निफ्टी पीएसयू बैंक और मेटल इंडेक्स ने मामूली तेजी दिखाते हुए बाजार में थोड़ी स्थिरता बनाए रखने की कोशिश की। निफ्टी पीएसयू बैंक 0.51% और निफ्टी मेटल 0.09% की बढ़त के साथ हरे निशान में थे।


सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में ट्रेंट, मारुति सुजुकी, टाटा स्टील, एसबीआई, एशियन पेंट्स, एनटीपीसी और बजाज फाइनेंस जैसी कंपनियों के शेयरों ने शुरुआती कारोबार में मजबूती दिखाई और ये टॉप गेनर्स की सूची में रहे। वहीं दूसरी ओर, टेक महिंद्रा, टाटा मोटर्स, भारती एयरटेल, आईसीआईसीआई बैंक, टीसीएस, टाइटन, एक्सिस बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, एचसीएल टेक, एचडीएफसी बैंक, अल्ट्राटेक सीमेंट और पावर ग्रिड जैसी कंपनियों में बिकवाली का दबाव देखने को मिला और ये टॉप लूजर्स के रूप में सामने आईं।

मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में निवेशकों का रुझान मिला-जुला रहा। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 0.30% की गिरावट के साथ 58,319.55 पर था, जबकि स्मॉलकैप इंडेक्स में हल्की तेजी दर्ज की गई और यह 0.08% चढ़कर 18,206.05 पर पहुंचा।

बाजार विश्लेषकों का कहना है कि निफ्टी अपने सितंबर 2024 के उच्चतम स्तर से लगभग 4% नीचे चल रहा है और बाजार की मौजूदा वैल्यूएशन चिंताजनक बनी हुई है। अगर इस मूल्यांकन को जायज ठहराना है तो कंपनियों की आय में आगामी वर्षों में ठोस वृद्धि दर्ज करनी होगी, तभी बाजार के मौजूदा स्तर को सही ठहराया जा सकता है।



विशेषज्ञों ने स्मॉलकैप सेगमेंट को लेकर भी चिंता जताई है। उनका मानना है कि इस सेगमेंट में वैल्यूएशन अब भी ऊंचे स्तर पर बना हुआ है और इसमें करेक्शन की संभावना बनी हुई है। इसलिए निवेशकों को सलाह दी जाती है कि बाजार में गिरावट के दौरान निवेश करते समय वैल्यूएशन और भविष्य की ग्रोथ पोटेंशियल को ध्यान में रखकर ही निर्णय लें।

अंतरराष्ट्रीय बाजारों की बात करें तो वहां भी कारोबारी रुख मिला-जुला रहा। टोक्यो और सोल के बाजार लाल निशान में बंद हुए, जबकि शंघाई, हांगकांग और बैंकॉक के बाजारों में तेजी देखने को मिली। अमेरिका के शेयर बाजार मंगलवार को कमजोरी के साथ बंद हुए थे, जिसने एशियाई बाजारों पर भी प्रभाव डाला।

बाजार की आगे की चाल अब वैश्विक संकेतों, डॉलर की स्थिति, विदेशी निवेशकों की गतिविधियों और आगामी तिमाही नतीजों पर निर्भर करेगी। निवेशकों के लिए यह समय सावधानीपूर्वक कदम उठाने का है, खासकर ऐसे माहौल में जहां उच्च वैल्यूएशन और अस्थिर ग्लोबल ट्रेंड्स लगातार बाजार को प्रभावित कर रहे हैं।

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