राजस्थान भाजपा अध्यक्ष मदन राठौड़ ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा भारतीय सेना और चुनाव आयोग को लेकर दिए गए हालिया बयानों पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि जब एक “55 वर्षीय युवा नेता” बिना सोच-विचार के दिशाहीन बयान देता है, तो उसकी गैर-जिम्मेदारी का खामियाजा पूरा देश भुगतता है। राठौड़ ने आरोप लगाया कि हर चुनाव से पहले कांग्रेस और राहुल गांधी अपने “राष्ट्र-विरोधी एजेंडे” को आगे बढ़ाने में जुट जाते हैं। उनका मकसद जनता के बीच भ्रम फैलाना, अस्थिरता पैदा करना और लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करना होता है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि राहुल गांधी की आदत बन चुकी है कि वे हर बार न्यायपालिका, चुनाव आयोग और सशस्त्र बलों जैसी संवैधानिक संस्थाओं की विश्वसनीयता पर हमला करते हैं। राठौड़ के अनुसार, यह प्रवृत्ति न केवल लोकतंत्र के लिए खतरनाक है बल्कि राष्ट्र की एकता और अखंडता पर भी सीधा आघात है।
‘अगर गड़बड़ी है तो सबूत दें, मंचों से आरोप न लगाएं’
मदन राठौड़ ने राहुल गांधी द्वारा लगाए गए चुनाव आयोग पर आरोपों को “झूठा, मनगढ़ंत और आधारहीन” बताया। उन्होंने कहा कि अगर मतदाता सूची में किसी तरह की गड़बड़ी है, तो कांग्रेस को ठोस सबूतों के साथ आयोग के सामने पेश होना चाहिए। मगर राहुल गांधी ऐसा करने के बजाय खुले मंचों से भ्रामक बातें फैलाते हैं।
राठौड़ ने याद दिलाया कि अदालतें भी पहले राहुल गांधी को बिना साक्ष्य दावे करने पर चेतावनी दे चुकी हैं। उन्होंने कहा कि जब स्वयं राहुल गांधी यह कह चुके हैं कि “लोकतंत्र की रक्षा करना उनका काम नहीं है,” तो यह स्पष्ट है कि उनका असली उद्देश्य लोकतंत्र को कमजोर करना है। उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी विदेशी शक्तियों के इशारे पर देश की संस्थाओं की साख गिराने की कोशिश करते हैं।
‘महागठबंधन की संभावित हार से घबराए राहुल गांधी’
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि राहुल गांधी लंबे समय तक विदेशों में रहने के बाद जब भारत लौटते हैं, तो वहीं की “विभाजनकारी सोच” को यहां लागू करने की कोशिश करते हैं। उनके हालिया बयान इस बात का प्रमाण हैं कि वे आगामी बिहार चुनाव में महागठबंधन की संभावित हार से बेहद चिंतित और निराश हैं।
राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस और उसके सहयोगी पहले से ही अपनी हार को महसूस कर चुके हैं, इसलिए वे मतदाता सूचियों में गड़बड़ी और विदेशी हस्तक्षेप जैसी झूठी कहानियां गढ़ रहे हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने अतीत में भी सर्जिकल स्ट्राइक और ऑपरेशन सिंदूर के समय सेना के साहस पर सवाल उठाकर वीर जवानों के मनोबल को ठेस पहुंचाई थी।
‘फूट डालो और राज करो’ की नीति फिर अपना रहे राहुल
मदन राठौड़ ने कहा कि राहुल गांधी एक बार फिर ‘अंग्रेजों की फूट डालो और राज करो’ नीति का पालन कर रहे हैं। वे जाति, धर्म और क्षेत्र के नाम पर देश को बांटने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन भारत की जनता अब पहले से अधिक सजग है और ‘राष्ट्र प्रथम’ की भावना से ओत-प्रोत है।
राठौड़ ने कहा कि आने वाले बिहार चुनाव नतीजे राहुल गांधी और कांग्रेस को यह सिखा देंगे कि देश की जनता किसी भी राष्ट्र-विरोधी प्रचार में नहीं आने वाली। भारत के नागरिक अपने वोट से यह साबित करेंगे कि वे लोकतंत्र, देश की एकता और सैनिकों के सम्मान के पक्ष में मजबूती से खड़े हैं।
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