भारत में हर 10 साल में जनगणना होती रही है, लेकिन इस बार यह प्रक्रिया 16 साल के लंबे इंतज़ार के बाद 2027 में शुरू की जाएगी। भले ही यह देरी से आ रही है, लेकिन इस बार सरकार ने इसे तकनीकी रूप से और भी मज़बूत और आसान बनाया है। अब लोग चाहें तो घर बैठे ऑनलाइन पोर्टल के ज़रिए खुद अपनी और अपने परिवार की पूरी जानकारी जनगणना रिकॉर्ड में दर्ज कर सकेंगे। यह सुनकर उन लोगों को ज़रूर राहत मिलेगी, जो अक्सर शिकायत करते थे कि जनगणना टीम उनके पास पहुंची ही नहीं।
सरकार जल्द ही एक विशेष पोर्टल लॉन्च करने जा रही है, जहां लोग पहले खुद को रजिस्टर कर पाएंगे और फिर दिए गए फॉर्म में अपने परिवार के हर सदस्य की डिटेल दर्ज कर सकेंगे—जैसे नाम, उम्र, लिंग, जाति, धर्म, शिक्षा, पेशा आदि। जैसे ही आप यह जानकारी भरकर सबमिट करेंगे, यह जनगणना रजिस्टर में रियल टाइम दर्ज हो जाएगी।
जो लोग टेक्नोलॉजी से थोड़े डरते हैं, उनके लिए भी इसे काफी यूज़र फ्रेंडली बनाया जा रहा है, जिससे कोई भी सामान्य स्मार्टफोन यूजर इसे आसानी से इस्तेमाल कर सके। खास बात यह है कि अगर आप चाहें तो यह प्रक्रिया हिंदी के अलावा कई भारतीय भाषाओं में भी कर सकेंगे।
जनगणना कर्मचारी भी होंगे डिजिटल
अब जनगणना करने वाले कर्मचारी भी पुराने जमाने की रजिस्टर और कलम छोड़कर मोबाइल डिवाइस से ही जानकारी दर्ज करेंगे। जैसे ही वे किसी घर में जानकारी इकट्ठा करेंगे, वह डेटा तुरंत अपलोड कर दिया जाएगा। इससे डेटा एनालिसिस में भी आसानी होगी और रिपोर्ट्स जल्द तैयार हो सकेंगी।
रजिस्ट्रेशन का प्रोसेस कैसा होगा?
सूत्रों के मुताबिक, यह प्रोसेस कुछ हद तक वोटर आईडी बनवाने जैसी होगी। संभव है कि इसे आधार कार्ड से भी लिंक किया जाए। यानी पहले पोर्टल पर जाकर आपको खुद को रजिस्टर करना होगा, फिर एक प्रोफाइल बनेगी, जिसमें आगे चलकर दो चरणों में जानकारी भरनी होगी।
दो चरणों में मिलेगा मौका
पहले चरण में “हाउस लिस्टिंग” यानी आपके घर के बुनियादी विवरण लिए जाएंगे—जैसे घर का आकार, कमरों की संख्या, पानी-बिजली की सुविधा आदि। इसके बाद दूसरे चरण में आपके और आपके परिवार के सामाजिक-आर्थिक विवरण दर्ज किए जाएंगे।
सबसे खास बात यह है कि इस बार इतिहास में पहली बार देशभर में जाति आधारित जनगणना कराई जा रही है। इससे सामाजिक ढांचे को लेकर नीतिगत फैसलों को और अधिक डेटा आधारित और न्यायसंगत बनाया जा सकेगा।
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