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महाराष्ट्र में रमी खेलने वाले मंत्री को खेल विभाग मिला, कांग्रेस बोली- यह सरकार बेशर्म और रीढ़विहीन

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महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रमुख हर्षवर्धन सपकाल ने विधान परिषद में मोबाइल फोन पर ‘रमी गेम’ खेलते पकड़े गए एक मंत्री को बर्खास्त करने के बजाय उसे खेल विभाग से नवाजने पर सरकार पर हमला बोला है। सपकाल ने कहा कि बीजेपी नीत महाराष्ट्र सरकार ‘‘बेशर्म और रीढ़विहीन’’ है।

सपकाल की यह टिप्पणी एनसीपी नेता और कृषि मंत्रालय का प्रभार संभाल रहे मंत्री माणिकराव कोकाटे को गुरुवार देर रात खेल एवं युवा कल्याण विभाग सौंपे जाने के बाद आई है। कोकाटे को उस वीडियो को लेकर आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें वह हालिया मानसून सत्र के दौरान विधान परिषद में अपने मोबाइल फोन पर ऑनलाइन ‘रमी गेम’ खेलते हुए दिखाई दे रहे थे।

लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक को उनकी पुण्यतिथि पर और लोक कवि अन्नाभाऊ साठे को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए हर्षवर्द्धन सपकाल ने राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला और दावा किया कि यह ‘‘पाखंड और नैतिक विफलता’’ है।

सपकाल ने कहा, ‘‘मंत्री को एक महत्वपूर्ण विधानमंडल सत्र के दौरान ‘रमी गेम’ खेलते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया। उन्हें बर्खास्त करने के बजाय, सरकार ने उन्हें खेल मंत्रालय देकर पुरस्कृत किया। यह सजा नहीं, सम्मान है। हो सकता है कि अब वह ‘रमी’ को ओलंपिक खेल के रूप में अनुशंसित करें और उन्हें शिव छत्रपति पुरस्कार भी दें।’’

वर्ष 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में गुरुवार को आए अदालती फैसले को लेकर, सपकाल ने आरोप लगाया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आधिकारिक फैसले से एक दिन पहले ही संसद में फैसला सुना दिया था। कांग्रेस नेता ने दावा किया, ‘‘यह गंभीर सवाल खड़े करता है। यह दुर्भाग्यपूर्ण और चिंताजनक है। आतंकवाद का कोई धर्म या रंग नहीं होता, लेकिन बीजेपी अपने एजेंडे के अनुरूप इसे सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश कर रही है।’’

इस बीच, शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी (एसपी) के प्रवक्ता क्लाइड क्रैस्टो ने शुक्रवार को महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार जैसे अनुशासित व्यक्ति द्वारा अपने एनसीपी सहयोगी और मंत्री माणिकराव कोकाटे से इस्तीफा नहीं मांगने पर आश्चर्य व्यक्त किया। क्रैस्टो ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘यह कितना शर्मनाक है? माणिकराव कोकाटे अब भी मंत्री हैं और उन्हें अब एक अलग विभाग दिया गया है। उन्होंने हमारे किसानों और महाराष्ट्र सरकार का अपमान किया है।’’

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