दक्षिण-पश्चिम मानसून इस बार पहाड़ों से लेकर मैदानों तक भारी तबाही मचा रहा है। जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और दिल्ली जैसे राज्यों में बाढ़ और भूस्खलन से हालात बेहद खराब हैं। ऊंचाई वाले इलाकों में फ्लैश फ्लड, लैंडस्लाइड और बादल फटने जैसी घटनाओं ने लोगों की जिंदगी मुश्किल कर दी है। जम्मू संभाग में लगातार हो रही बारिश ने रामबन, कठुआ और रियासी जिलों की हालत सबसे ज्यादा बिगाड़ दी है। अब रियासी जिले में जमीन धंसने से एक और संकट खड़ा हो गया है, जिसमें कई घरों को नुकसान हुआ है।
किश्तवाड़ आपदा पीड़ितों के लिए CM अब्दुल्ला ने किया मुआवजे का ऐलान, क्षेत्र का दौरा कर जाना प्रभावितों का हाल करीब 50 घर क्षतिग्रस्तरियासी जिले के महोर इलाके में लगातार बारिश की वजह से दो पहाड़ी गांवों में करीब 50 घर क्षतिग्रस्त हो गए। प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए प्रभावित परिवारों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया और राहत शिविरों में ठहराया। बग्गा जेम्सलान गांव में लगभग 35 घरों को नुकसान पहुंचा। यहां सभी परिवारों को निकालकर पास के सरकारी स्कूलों और पंचायत घर में बनाए गए तीन राहत शिविरों में शिफ्ट किया गया।
रियासी की उपायुक्त निधि मलिक खुद हालात की निगरानी कर रही हैंइसी तरह सरह गांव में भी जमीन धंसने से 15 घर प्रभावित हुए। यहां भी सभी परिवारों को समय रहते राहत शिविर में पहुंचा दिया गया। रियासी की उपायुक्त निधि मलिक खुद हालात की निगरानी कर रही हैं। महोर के एसडीएम शफक़त मजीद भट और विभिन्न विभागों के अधिकारी मौके पर राहत-बचाव कार्य देख रहे हैं। शिविरों में खाने-पीने का सामान, कंबल, गद्दे, तंबू, पेयजल और बिजली की व्यवस्था की गई है। प्रशासन का कहना है कि हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है और प्रभावित परिवारों की सुरक्षा व पुनर्वास उनकी पहली प्राथमिकता है।
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