हाई ब्लड प्रेशर (हाइपरटेंशन) एक ऐसी बीमारी है, जिसे न तो आप देख सकते हैं और न ही अक्सर महसूस कर सकते हैं। लेकिन अगर आपको हाई बीपी या प्री-हाइपरटेंशन है, तो इसके असर को समझना बेहद जरूरी है।
बीपी का स्तर दिनभर बदलता रहता है — आराम या नींद में यह घटता है, सुबह के समय या तनाव, उत्साह और व्यायाम के दौरान यह बढ़ता है। लेकिन जब बीपी का स्तर बहुत ज्यादा बढ़ जाता है, तो यह नसों (ब्लड वेसल्स) को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे उनका कमजोर या सख्त होना शुरू हो जाता है। इससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा काफी बढ़ जाता है।
हाई बीपी से हार्ट फेलियर, नजर कमजोर होना, किडनी की परेशानी, डिमेंशिया, पैरों में दर्द (peripheral artery disease), हड्डियों का कमजोर होना और पुरुषों में इरेक्टाइल डिस्फंक्शन जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
🚨 हाई बीपी के कारण और रिस्क फैक्टर
स्मोकिंग
अधिक वजन
कम फाइबर और ज्यादा नमक वाला भोजन
अत्यधिक शराब का सेवन
तनाव और शारीरिक गतिविधि की कमी
अनुवांशिक (जैनेटिक) कारण और उम्र का बढ़ना
✅ हाई बीपी की रोकथाम कैसे करें?
1. वजन कम करें
पेट की चर्बी बीपी को बढ़ा सकती है, इसलिए वजन मैनेज करना जरूरी है।
2. शराब का सेवन सीमित करें
दिन में 2 से ज्यादा ड्रिंक्स से परहेज करें, क्योंकि ज्यादा शराब बीपी बढ़ा देती है।
3. ज्यादा चलें और एक्टिव रहें
एक्सरसाइज से नसें लचीली रहती हैं और बीपी कंट्रोल में रहता है।
4. हेल्दी डाइट लें
कैल्शियम, मैग्नीशियम और पोटैशियम से भरपूर चीजें खाएं (दूध, दही, बीन्स)। सैचुरेटेड फैट्स और प्रोसेस्ड फूड से दूरी बनाएं।
5. स्मोकिंग छोड़ें
सिगरेट में मौजूद केमिकल नसों को नुकसान पहुंचाते हैं और बीपी बढ़ाते हैं।
6. तनाव को कम करें
ब्रीदिंग एक्सरसाइज, योग और हल्की-फुल्की एक्टिविटी से दिमाग शांत रहेगा और बीपी नियंत्रित रहेगा।
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