बरसात का मौसम हो या बदलते तापमान का असर, गले में दर्द और खराश होना आम बात है। कई बार लोग इसे मामूली समझकर घरेलू नुस्खे अपनाते हैं। लेकिन जो हल्की खराश लगती है, वह टॉन्सिलाइटिस भी हो सकता है — जो इलाज न मिलने पर गंभीर रूप ले सकता है।
इसलिए जरूरी है कि गले की सामान्य खराश और टॉन्सिल की सूजन में फर्क समझें और सही इलाज करें।
गले की सामान्य खराश कब होती है?
आमतौर पर वायरल इन्फेक्शन, ठंडी चीजें खाने-पीने या मौसम बदलने से होती है।
बोलने या ज़ोर से चिल्लाने से भी गला बैठ सकता है।
लक्षणों में हल्की जलन, सूखापन और गले में चुभन शामिल हैं।
इसमें बुखार नहीं होता और 2–3 दिन में घरेलू नुस्खों से राहत मिल जाती है जैसे:
नमक वाले गुनगुने पानी से गरारे
गरम पानी, सूप या हर्बल चाय
हल्का, गर्म और नरम खाना
टॉन्सिलाइटिस क्या होता है?
टॉन्सिल्स गले के दोनों तरफ मौजूद छोटी ग्रंथियां होती हैं। जब इनमें वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण हो जाता है, तो उसे टॉन्सिलाइटिस कहा जाता है।
लक्षण:
तेज गले का दर्द
निगलने में बहुत परेशानी
तेज बुखार
टॉन्सिल्स पर सफेद या पीले धब्बे (पस)
सांस से दुर्गंध
कभी-कभी कान में भी दर्द
जरूरी: टॉन्सिलाइटिस में घरेलू इलाज पर्याप्त नहीं होता, डॉक्टर की सलाह और दवाइयों की जरूरत होती है।
गले की खराश vs टॉन्सिल – फर्क समझें
लक्षण गले की खराश टॉन्सिलाइटिस
दर्द की तीव्रता हल्का तेज और लगातार
बुखार नहीं होता है
निगलने में दिक्कत कभी-कभी बहुत अधिक
टॉन्सिल्स पर सफेदी/पस नहीं सफेद या पीले धब्बे हो सकते हैं
इलाज घरेलू उपाय से राहत डॉक्टर की सलाह ज़रूरी
कब डॉक्टर को दिखाना ज़रूरी है?
अगर गले में दर्द 3 दिन से ज़्यादा रहे
निगलने में बहुत तकलीफ हो
तेज़ बुखार के साथ पस दिखे
सांस की बदबू आए या कान में दर्द हो
याद रखें:
गले का मामूली दर्द भी बड़ी समस्या बन सकता है अगर समय पर पहचाना न जाए।
खुद इलाज करने से बेहतर है डॉक्टर की सलाह लेना।
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