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कांग्रेस के सवालों का काउंटर, खरा-खरा जवाब... नरेंद्र मोदी के लिए 'कवच' बने विपक्ष के ये दिग्गज नेता

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श्रीनगर/चंडीगढ़: पहलगाम आतंकी हमले और पाकिस्तान में भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद देश की राजनीति अजीब मोड़ पर आ गई है। पाकिस्तान पर कार्रवाई को लेकर विपक्ष सरकार के साथ है, मगर अमेरिका की भूमिका को लेकर सवाल भी खड़े हो रहे हैं। पीएम नरेंद्र मोदी नेशनल पॉलिटिक्स के केंद्र बिंदु हैं, जिनके समर्थन में कई विपक्षी नेता अलग-अलग भूमिका के साथ सामने आए। खासकर कांग्रेस की ओर से उठाए गए सवाल का जवाब भी विपक्षी नेताओं की ओर से आ रहा है। यूपीए-2 में विदेश राज्य मंत्री रहे कांग्रेस सांसद शशि थरूर, शरद पवार, उमर अब्दुल्ला, फारूक अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती के बाद अब सुखबीर सिंह बादल भी इस लिस्ट में शामिल हो चुके हैं। इस पूरे परिदृश्य में एआईएआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी एक अलग ही तेवर में नजर आए। पहलगाम हमले के बाद निशाने पर सरकारपहलगाम हमले के बाद नरेंद्र मोदी सरकार पहली बार विपक्ष के निशाने पर आई। कांग्रेस ने इंटेलिजेंस फेल्योर का आरोप लगाते हुए हमला बोला। केंद्र सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई तो शिवसेना-कांग्रेस ने मीटिंग में प्रधानमंत्री की गैरमौजूदगी पर तीखे तंज कसे। कांग्रेस ने 28 अप्रैल को पीएम मोदी को लापता बताने वाला पोस्टर भी शेयर किया था, जिसे आलोचना के बाद हटा दिया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार की सभा में आतंकियों को सबक सिखाने का ऐलान किया। इसके बाद यूपी के कांग्रेस नेता अजय राय ने राफेल पर नीबू-मिर्ची लगाकर पीएम मोदी को निशाने पर लिया। शशि थरूर और फारूक अब्दुल्ला ने किया बचावइंटेलिजेंस फेल्योर जैसे आरोप का बचाव करने खुद शशि थरूर सामने आए। उन्होंने एक बयान में कहा कि किसी भी देश में इंटेलिजेंस की चूक हो सकती है। उन्होंने इजरायल का उदाहरण देते हुए सरकार पर उठते सवालों का जवाब दे दिया। सर्वदलीय बैठक में पीएम मोदी के नहीं होने पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि मुझे पता है कि हमें पता है कि वह कहां गायब हैं, प्रधानमंत्री दिल्ली में हैं। उन्होंने कहा कि जब हमने प्रधानमंत्री को समर्थन दे दिया है तो ऐसे सवाल नहीं करना चाहिए। प्रधानमंत्री को जो काम करना है, वह करना चाहिए। अजय राय के बयान के समर्थन में कोई गैर कांग्रेसी नेता सामने नहीं आया और उन्हें राफेल वाले कमेंट पर सफाई देनी पड़ी। सैन्य कार्रवाई रोकने पर सवाल, संसद सत्र बुलाने की मांग 7 मई की आधी रात भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के लिए पाकिस्तान और पीओके के 9 आतंकवादी ठिकानों पर सैन्य कार्रवाई की। इसके साथ ही भारत के तमाम विपक्षी दलों ने भारतीय सेना को सफल ऑपरेशन के लिए बधाई दी, मगर विपक्षी दलों ने पीएम मोदी को फैसले के लिए क्रेडिट देने से परहेज किया। बॉर्डर के पार तीन दिनों तक चले ऑपरेशन के बाद कार्रवाई रोकने का ऐलान करते ही मोदी सरकार फिर विपक्ष के निशाने पर आई। कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और शिवसेना ने संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग कर दी। शरद पवार का समर्थन, सुखबीर बादल की तारीफ ऐसे नाजुक मसले पर शरद पवार आगे आए और उन्होंने संसद सत्र बुलाने की मांग को खारिज कर दिया। उन्होंने साफ किया कि गंभीर मुद्दों पर संसद में ऐसे चर्चा नहीं हो सकती है। असदुद्दीन ओवैसी ने कार्रवाई रोकने पर अमेरिका की भूमिका पर सवाल उठाए, मगर संसद के सत्र बुलाने की मांग से परहेज किया। ऐसे मौके पर पीएम मोदी को उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती का साथ मिला, जिन्होंने भारत सरकार के कदम का समर्थन किया। विपक्ष में बैठे अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल ने पाकिस्तान पर सख्त कार्रवाई के लिए पीएम मोदी खुली तारीफ की। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने स्थिति को कूटनीतिक ढंग से संभाला, इस कारण पाकिस्तानी सेना के को युद्ध विराम की भीख मांगने के लिए वाशिंगटन भागना पड़ा। अमेरिका की भूमिका और डोनाल्ड ट्रंप के ट्वीट का जवाब एक बार फिर शशि थरूर ने दिया। शशि थरूर ने तो कांग्रेस को ही काउंटर कर दियाडिप्लोमैट रहे शशि थरूर ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर को जिस तरह डिजाइन किया गया, वह काबिले तारीफ है। ट्रंप को कैसे हैंडल किया जा सकता है, ट्रंप तो ट्रंप हैं। कश्मीर मुद्दे के अंतर राष्ट्रीयकरण पर उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पोस्ट से ही इस आरोप को जायज नहीं ठहरा सकते हैं। उन्होंने पार्लियामेंट सेशन की मांग का विरोध भी किया। उन्होंने कई मंचों पर बताया कि ऑपरेशन सिंदूर से भारत ने नेशनल और इंटरनेशनल लेवल पर क्या हासिल किया है? उन्होंने अपने जवाब से पीएम मोदी को विपक्ष के वार से बचा लिया।
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