School Fees New Guidelines: शिक्षा मंत्रालय ने 'ईज ऑफ स्कूलिंग' ( Ease of Schooling ) विजन को आगे बढ़ाते हुए डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म के प्रयोग के बारे में नए दिशा- निर्देश जारी किए हैं। स्कूल फीस जमा करने की प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। मंत्रालय के स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग के सचिव संजय कुमार की ओर से सभी राज्यों के उच्च अधिकारियों, एनसीईआरटी, सीबीएसई , नवोदय विद्यालय समिति, केंद्रीय विद्यालय समिति, टीचर एजुकेशन काउंसिल समेत सभी राज्य बोर्ड के चेयरमैन को पत्र लिखा गया है।
स्कूल में दाखिले की प्रक्रिया से लेकर परीक्षा फीस जमा करने की प्रक्रिया को कैश बेस्ड से डिजिटल पेमेंट की ओर ले जाने को कहा गया है। इसके लिए यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI), मोबाइल वॉलेट और नेट बैंकिंग जैसे डिजिटल भुगतान प्लेटफार्म का प्रयोग किया जा सकता है। पेरेंट्स को डिजिटल पेमेंट के सभी मौजूदा विकल्प दिए जाएं।
पेरेंट्स और स्कूलों को क्या-क्या फायदे होंगे?शिक्षा सचिव ने अपने पत्र में कहा है कि नकद भुगतान के बजाय डिजिटल भुगतान के कई फायदे हैं। अभिभावकों और छात्रों के लिए डिजिटल पेमेंट घर बैठे भुगतान करने की सुविधा सुनिश्चित करती है, वहीं पेरेंट्स को फीस के लिए बार- बार स्कूल विजिट करने की जरूरत नहीं रहेगी। इसके साथ ही स्कूलों के फाइनेंशियल मैकेनिज्म में पारदर्शिता होगी। स्कूलों के लिए फीस का हिसाब- किताब रखना भी आसान होगा। साथ ही फीस कलेक्शन की रीयल टाइम ट्रैकिंग भी हो सकेगी।
वहीं जानकारों का यह भी कहना है कि फीस को लेकर पेरेंट्स की जो शिकायतें होती हैं, उनके बारे में भी जांच आसान होगी। लेट फीस के लिए ज्यादा पैसा वसूलने को लेकर भी शिकायतें रहती हैं। वहीं डिजिटल पेमेंट सिस्टम में राज्यों के शिक्षा विभाग को भी जांच करने में आसानी होगी। एम.एम. पब्लिक स्कूल, पीतम पुरा की प्रिंसिपल रूमा पाठक ने बताया कि केंद्र के निर्देशों के तहत डिजिटल भुगतान के लिए पेरेंट्स को कह दिया गया है और इसका काफी अच्छा रिजल्ट भी मिल रहा है।
शिक्षाविद और वीएसपीके स्कूल एजुकेशन सोसायटी के चेयरमैन एस. के. गुप्ता का कहना है कि स्कूली शिक्षा, इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार के साथ- साथ डिजिटल भुगतान का बड़ा असर स्कूलों से देखने को मिलेगा। स्कूल भी इस मुहिम में केंद्र के साथ पूरा सहयोग कर रहे हैं।
छात्र की यूनिक आईडी रहेगी प्रमुख पहचान चिह्नशिक्षा मंत्रालय के दिशा- निर्देशों के मुताबिक ऑनलाइन फीस जमा करने की प्रक्रिया में छात्र की यूनिक आईडी प्रमुख पहचान चिह्न होगी। ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री यानी अपार (APAAR ID ), एडमिशन आईडी का प्रयोग कर फीस जमा करवाई जा सकेगी।
केंद्र सरकार के सरकारी स्कूलों में शिक्षा विभाग ने कई सुधार लागू किए हैं, जिसमें पॉइंट ऑप सेल् (PoS) मशीनों से फीस पेमेंट की सुविधा भी शामिल है। शिक्षा मंत्रालय ने सभी सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त और प्राइवेट स्कूलों को कहा है कि जहां तक संभव हो, फीस पेमेंट का डिजिटल मोड अपनाया जाए।
'ईज ऑफ स्कूलिंग' के जरिए स्कूल जाने की प्रक्रिया को आसान और सुगम बनाना लक्ष्य रखा गया है। शिक्षा मंत्रालय ने छात्रों की सीखने की प्रक्रिया से जुड़ी बाधाओं को दूर करने के लिए इससे पहले भी कई दिशा- निर्देश जारी किए हैं, जिसमें दाखिला प्रक्रिया को सरल बनाना, पढ़ाई को आसान बनाना और सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करना है। 2047 तक विकसित भारत बनाने के सरकारी विजन में डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन अहम है।
स्कूल में दाखिले की प्रक्रिया से लेकर परीक्षा फीस जमा करने की प्रक्रिया को कैश बेस्ड से डिजिटल पेमेंट की ओर ले जाने को कहा गया है। इसके लिए यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI), मोबाइल वॉलेट और नेट बैंकिंग जैसे डिजिटल भुगतान प्लेटफार्म का प्रयोग किया जा सकता है। पेरेंट्स को डिजिटल पेमेंट के सभी मौजूदा विकल्प दिए जाएं।
पेरेंट्स और स्कूलों को क्या-क्या फायदे होंगे?शिक्षा सचिव ने अपने पत्र में कहा है कि नकद भुगतान के बजाय डिजिटल भुगतान के कई फायदे हैं। अभिभावकों और छात्रों के लिए डिजिटल पेमेंट घर बैठे भुगतान करने की सुविधा सुनिश्चित करती है, वहीं पेरेंट्स को फीस के लिए बार- बार स्कूल विजिट करने की जरूरत नहीं रहेगी। इसके साथ ही स्कूलों के फाइनेंशियल मैकेनिज्म में पारदर्शिता होगी। स्कूलों के लिए फीस का हिसाब- किताब रखना भी आसान होगा। साथ ही फीस कलेक्शन की रीयल टाइम ट्रैकिंग भी हो सकेगी।
वहीं जानकारों का यह भी कहना है कि फीस को लेकर पेरेंट्स की जो शिकायतें होती हैं, उनके बारे में भी जांच आसान होगी। लेट फीस के लिए ज्यादा पैसा वसूलने को लेकर भी शिकायतें रहती हैं। वहीं डिजिटल पेमेंट सिस्टम में राज्यों के शिक्षा विभाग को भी जांच करने में आसानी होगी। एम.एम. पब्लिक स्कूल, पीतम पुरा की प्रिंसिपल रूमा पाठक ने बताया कि केंद्र के निर्देशों के तहत डिजिटल भुगतान के लिए पेरेंट्स को कह दिया गया है और इसका काफी अच्छा रिजल्ट भी मिल रहा है।
शिक्षाविद और वीएसपीके स्कूल एजुकेशन सोसायटी के चेयरमैन एस. के. गुप्ता का कहना है कि स्कूली शिक्षा, इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार के साथ- साथ डिजिटल भुगतान का बड़ा असर स्कूलों से देखने को मिलेगा। स्कूल भी इस मुहिम में केंद्र के साथ पूरा सहयोग कर रहे हैं।
छात्र की यूनिक आईडी रहेगी प्रमुख पहचान चिह्नशिक्षा मंत्रालय के दिशा- निर्देशों के मुताबिक ऑनलाइन फीस जमा करने की प्रक्रिया में छात्र की यूनिक आईडी प्रमुख पहचान चिह्न होगी। ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री यानी अपार (APAAR ID ), एडमिशन आईडी का प्रयोग कर फीस जमा करवाई जा सकेगी।
केंद्र सरकार के सरकारी स्कूलों में शिक्षा विभाग ने कई सुधार लागू किए हैं, जिसमें पॉइंट ऑप सेल् (PoS) मशीनों से फीस पेमेंट की सुविधा भी शामिल है। शिक्षा मंत्रालय ने सभी सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त और प्राइवेट स्कूलों को कहा है कि जहां तक संभव हो, फीस पेमेंट का डिजिटल मोड अपनाया जाए।
'ईज ऑफ स्कूलिंग' के जरिए स्कूल जाने की प्रक्रिया को आसान और सुगम बनाना लक्ष्य रखा गया है। शिक्षा मंत्रालय ने छात्रों की सीखने की प्रक्रिया से जुड़ी बाधाओं को दूर करने के लिए इससे पहले भी कई दिशा- निर्देश जारी किए हैं, जिसमें दाखिला प्रक्रिया को सरल बनाना, पढ़ाई को आसान बनाना और सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करना है। 2047 तक विकसित भारत बनाने के सरकारी विजन में डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन अहम है।
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