अक्सर हम हाथों के ठंडे या गर्म होने को मौसम या थकान से जोड़कर नजरअंदाज़ कर देते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हाथों का तापमान आपकी आंतों की सेहत यानी गट हेल्थ के बारे में भी बहुत कुछ बता सकता है? जी हां, आपकी हथेलियों की गर्मी या ठंडक सिर्फ बाहरी नहीं, बल्कि अंदरूनी संकेत भी हो सकते हैं।
डॉ विशाल खुराना, डायरेक्टर गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, मेट्रो हॉस्पिटल फरीदाबाद के मुताबिक गट हेल्थ यानी आंतों की स्थिति हमारे शरीर की पाचन शक्ति, इम्यून सिस्टम और मानसिक स्थिति से जुड़ी होती है। जब हमारी गट हेल्दी नहीं होती, तो शरीर इसके अलग-अलग तरीकों से संकेत देता है – जिनमें से एक है हाथों का तापमान। कुछ आयुर्वेदिक विशेषज्ञों और होलिस्टिक हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि ठंडी हथेलियां, कब्ज, अपच या गट इंफ्लेमेशन का संकेत हो सकती हैं।
अगर आप अकसर बिना वजह हाथों में बदलाव महसूस करते हैं ,कभी ठंडे, कभी पसीने से गीले, तो इसे हल्के में न लें। यह आपके डाइजेस्टिव सिस्टम की गड़बड़ी का इशारा हो सकता है। इस लेख में हम जानेंगे कि कैसे हाथों का तापमान गट हेल्थ से जुड़ा है, किन संकेतों पर ध्यान देना चाहिए, और किस तरह से आप इस बदलाव को पॉजिटिव हेल्थ ट्रैकिंग में बदल सकते हैं।(Photo credit):Canva
हाथों का तापमान कैसे देता है आंतों की सेहत का इशारा
हमारे शरीर में हर अंग आपसी संपर्क में काम करता है। क्या ब्लड सर्कुलेशन का भी गट हेल्थ से संबंध है, अगर इस बात का जवाब तलाश रहें हैं तो जब गट यानी आंतों की स्थिति सही नहीं होती, तो इसका असर ब्लड सर्कुलेशन और नर्व सिस्टम पर भी पड़ता है। इसका एक नतीजा यह होता है कि हमारी हथेलियां ठंडी या असहज रूप से गर्म महसूस होने लगती हैं। अगर लगातार हाथ ठंडे रहते हैं, तो यह कमजोर पाचन, खून की कमी या पोषण की कमी का संकेत हो सकता है। यह एक आसान तरीका है जिससे हम बिना किसी टेस्ट के भी गट से जुड़े संकेत समझ सकते हैं।
ठंडी हथेलियों का क्या है डायजेशन से रिश्ता
जब आंतों में सूजन, कब्ज या पोषण अवशोषण में परेशानी होती है, तो ब्लड फ्लो सबसे पहले हाथ-पैरों से हटकर शरीर के इंटर्नल पार्ट्स की तरफ जाता है। इससे हथेलियां ठंडी हो सकती हैं। आयुर्वेद में इसे "जठराग्नि की कमजोरी" माना जाता है। लगातार ठंडे हाथ पाचन तंत्र की गड़बड़ी का सीधा संकेत हो सकते हैं। ऐसे में ज़रूरी है कि आप अपने डायजेस्टिव सिस्टम को सुधारने वाले खाद्य पदार्थों और जीवनशैली पर ध्यान दें।
गर्म हथेलियां और आंतों की गर्मी का संबंध
अगर आपकी हथेलियां अक्सर बहुत गर्म लगती हैं या उनमें पसीना आता है, तो यह गट में एक्सेस हीट या इनफ्लेमेशन का संकेत हो सकता है। विशेषकर अगर साथ में आपको एसिडिटी, गैस, या बार-बार भूख लगने की समस्या रहती है, तो यह पेट की गर्मी बढ़ने का नतीजा हो सकता है। ऐसे में ठंडे तत्व जैसे नारियल पानी, सादा दही, और सौंफ जैसी चीज़ें गट को ठंडक देने में मदद कर सकती हैं।
बार-बार हाथों में पसीना या नमी रहना क्या कहता है

अत्यधिक पसीना या हाथों में लगातार नमी रहना भी पाचन तंत्र से जुड़ी चिंता का संकेत हो सकता है। जब शरीर किसी इंटरनल स्ट्रेस या असंतुलन से गुजरता है, तो ऑटोनॉमिक नर्वस सिस्टम एक्टिव हो जाता है और हाथों में पसीना आ सकता है। अगर यह स्थिति बार-बार हो रही है, तो जरूरी है कि आप अपने गट हेल्थ को संतुलित करने वाली चीज़ों पर फोकस करें जैसे फाइबर रिच डायट, प्रोबायोटिक और पर्याप्त नींद।
गट हेल्थ सुधारें और पाएं हाथों में संतुलन
अगर आप चाहते हैं कि आपके हाथों का तापमान सामान्य बना रहे और आपको बार-बार ठंडक या गर्मी की समस्या न हो, तो सबसे जरूरी है अपनी गट हेल्थ को बेहतर करना। संतुलित भोजन, हाइड्रेशन, फिजिकल एक्टिविटी और माइंडफुल ईटिंग से आप अपने पाचन को सुधार सकते हैं। जब आपकी आंतें खुश होती हैं, तो हाथ-पैर भी आराम महसूस करते हैं। याद रखें, हेल्दी गट का मतलब है हेल्दी बॉडी और एक बेहतर जीवनशैली।
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