नई दिल्ली: दिल्ली सरकार की ACB ने गुरुवार को दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज और सत्येंद्र जैन के खिलाफ मामला दर्ज किया है। ACB का आरोप है कि AAPसरकार के दौरान उनके कार्यकाल में स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ। साल 2018-19 में लगभग 5,590 करोड़ रुपये की लागत से 24 अस्पताल परियोजनाओं को मंजूरी दी गई थी। इनमें 11 ग्रीनफील्ड और 13 ब्राउनफील्ड परियोजनाएं शामिल थीं। इन परियोजनाओं में भारी देरी हुई और लागत भी बहुत बढ़ गई। इससे वित्तीय अनियमितताओं की आशंका बढ़ गई है।
दोनों मंत्रियों पर लगाए गए हैं गंभीर आरोप
जांच में दिल्ली में अस्पताल, पॉलीक्लिनिक और ICU बनाने में गड़बड़ी सामने आई है। जांचकर्ताओं के अनुसार, परियोजनाओं में अनियमितताएं, देरी और कुप्रबंधन हुआ है। किसी भी प्रोजेक्ट को समय पर पूरा नहीं किया गया। कई प्रोजेक्ट में लागत सैकड़ों करोड़ रुपये बढ़ गई। अधिकारियों का मानना है कि यह सार्वजनिक धन के दुरुपयोग का मामला हो सकता है। ACB ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 17A के तहत मंजूरी मिलने के बाद मामला दर्ज किया। ACB ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है। ACB ने बताया कि उन्होंने सक्षम प्राधिकारी से भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 17A के तहत जरूरी मंजूरी ले ली है। इसके बाद ही मामला दर्ज किया गया।
विजेंद्र गुप्ता ने शिकायत दर्ज कराई थी
पिछले साल BJP नेता विजेंद्र गुप्ता ने एक शिकायत दर्ज कराई थी। इस शिकायत में पूर्व की दिल्ली सरकार के अस्पताल प्रोजेक्ट में गड़बड़ी की बात कही गई थी। अधिकारियों के अनुसार, 2018-19 में 5,590 करोड़ रुपये की लागत से 24 अस्पताल प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई थी। इनमें 11 नए अस्पताल बनने थे और 13 पुराने अस्पतालों का विस्तार होना था। लेकिन ये प्रोजेक्ट अधूरे रह गए। साथ ही, लागत भी बहुत ज्यादा बढ़ गई, जिसका कोई स्पष्ट कारण नहीं बताया गया। इसी तरह, 1,125 करोड़ रुपये का ICU अस्पताल प्रोजेक्ट भी है। इसमें 7 प्री-इंजीनियर्ड सुविधाएं बननी थीं, जिनमें 6,800 बेड होते। लेकिन लगभग तीन साल बाद भी यह प्रोजेक्ट सिर्फ 50% ही पूरा हुआ है। इस पर 800 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं. जबकि इसे छह महीने में पूरा हो जाना था।
दोनों मंत्रियों पर लगाए गए हैं गंभीर आरोप
जांच में दिल्ली में अस्पताल, पॉलीक्लिनिक और ICU बनाने में गड़बड़ी सामने आई है। जांचकर्ताओं के अनुसार, परियोजनाओं में अनियमितताएं, देरी और कुप्रबंधन हुआ है। किसी भी प्रोजेक्ट को समय पर पूरा नहीं किया गया। कई प्रोजेक्ट में लागत सैकड़ों करोड़ रुपये बढ़ गई। अधिकारियों का मानना है कि यह सार्वजनिक धन के दुरुपयोग का मामला हो सकता है। ACB ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 17A के तहत मंजूरी मिलने के बाद मामला दर्ज किया। ACB ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है। ACB ने बताया कि उन्होंने सक्षम प्राधिकारी से भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 17A के तहत जरूरी मंजूरी ले ली है। इसके बाद ही मामला दर्ज किया गया।
विजेंद्र गुप्ता ने शिकायत दर्ज कराई थी
पिछले साल BJP नेता विजेंद्र गुप्ता ने एक शिकायत दर्ज कराई थी। इस शिकायत में पूर्व की दिल्ली सरकार के अस्पताल प्रोजेक्ट में गड़बड़ी की बात कही गई थी। अधिकारियों के अनुसार, 2018-19 में 5,590 करोड़ रुपये की लागत से 24 अस्पताल प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई थी। इनमें 11 नए अस्पताल बनने थे और 13 पुराने अस्पतालों का विस्तार होना था। लेकिन ये प्रोजेक्ट अधूरे रह गए। साथ ही, लागत भी बहुत ज्यादा बढ़ गई, जिसका कोई स्पष्ट कारण नहीं बताया गया। इसी तरह, 1,125 करोड़ रुपये का ICU अस्पताल प्रोजेक्ट भी है। इसमें 7 प्री-इंजीनियर्ड सुविधाएं बननी थीं, जिनमें 6,800 बेड होते। लेकिन लगभग तीन साल बाद भी यह प्रोजेक्ट सिर्फ 50% ही पूरा हुआ है। इस पर 800 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं. जबकि इसे छह महीने में पूरा हो जाना था।
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