21 अक्टूबर को OpenAI ने ChatGPT Atlas लॉन्च किया है, जो कि एक ब्राउजर है। यह फिलहाल सिर्फ macOS के लिए उपलब्ध है। इस ब्राउजर की मदद से AI का इस्तेमाल करके फॉर्म भरने, रिसर्च करने जैसे कई काम किए जा सकते हैं। ऐसे में अगर आप भी इस ब्राउजर को डाउनलोड कर इस्तेमाल करने का सोच रहे हैं, तो बता दें कि सुरक्षा विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि AI आधारित ब्राउजर पर तुरंत शिफ्ट करना खतरनाक साबित हो सकता है। खासकर इंडायरेक्ट प्रॉम्प्ट इंजेक्शन जैसी टेक्नोलॉजी के जरिए साइबर अपराधी यूजर्स के फाइल, पासवर्ड और बैंक अकाउंट तक पहुंच सकते हैं।
AI ब्राउजर में सुरक्षा खतरेरिपोर्ट्स के मुताबिक ब्रेव रिसर्चर्स ने बताया है कि AI आधारित ब्राउजर, जैसे Perplexity Comet और Fellou, में इंडायरेक्ट प्रॉम्प्ट इंजेक्शन का खतरा हो सकता है। इसमें वेबसाइट के कंटेंट में छुपी हुई कमांड्स AI को गलत निर्देश दे सकती हैं। उदाहरण के लिए स्क्रीनशॉट लेने पर AI उसे कमांड समझकर गलत कार्रवाई कर सकता है। इससे बैंक और ईमेल अकाउंट जैसी संवेदनशील जानकारी खतरे में पड़ सकती है।
प्रॉम्प्ट इंजेक्शन क्या है?IBM के अनुसार, प्रॉम्प्ट इंजेक्शन एक साइबर हमला है जिसमें खराब इनपुट्स को सही प्रॉम्प्ट की तरह दिखाया जाता है। ऐसा करने से AI सिस्टम से संवेदनशील जानकारी लीक हो सकती है या गलत जानकारी फैल सकती है। ऐसा खासकर तब ज्यादा खतरनाक होता है, जब AI ऐप्स के पास कॉन्फिडेंशियल डॉक्यूमेंट्स या API एक्सेस हो। इससे नुकसान का खतरा और बढ़ सकता है।
सुरक्षा उपाय और सावधानियांOpenAI ने AgentKit टूल्स के साथ 6 अक्टूबर को Guardrails सुरक्षा फ्रेमवर्क पेश किया था। इसका मकसद AI एजेंट्स को सुरक्षित बनाना है। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि इसे लेकर अभी कोई पुख्ता समाधान नहीं मिला है। इसलिए AI ब्राउज़र का इस्तेमाल करते समय संवेदनशील ऑपरेशन्स में यूजर की पुष्टि होना जरूरी है।
यूजर क्या करें?एक्सपर्ट्स के मुताबिक AI-पावर्ड ब्राउजर में छिपे प्रॉम्प्ट इंजेक्शन हमलों से आपकी निजी जानकारी, पासवर्ड और बैंक डिटेल्स चोरी हो सकती हैं। ऐसे ब्राउजर कभी-कभी यूजर की मंजूरी के बिना भी कमांड चला सकते हैं। इससे डेटा लीक और आर्थिक नुकसान का खतरा बढ़ सकता है। यही वजह है कि एक्सपर्ट्स कहते हैं नए-नए AI ब्राउजर का इस्तेमाल सोच-समझकर करना चाहिए।
AI ब्राउजर में सुरक्षा खतरेरिपोर्ट्स के मुताबिक ब्रेव रिसर्चर्स ने बताया है कि AI आधारित ब्राउजर, जैसे Perplexity Comet और Fellou, में इंडायरेक्ट प्रॉम्प्ट इंजेक्शन का खतरा हो सकता है। इसमें वेबसाइट के कंटेंट में छुपी हुई कमांड्स AI को गलत निर्देश दे सकती हैं। उदाहरण के लिए स्क्रीनशॉट लेने पर AI उसे कमांड समझकर गलत कार्रवाई कर सकता है। इससे बैंक और ईमेल अकाउंट जैसी संवेदनशील जानकारी खतरे में पड़ सकती है।
The security vulnerability we found in Perplexity’s Comet browser this summer is not an isolated issue.
— Brave (@brave) October 21, 2025
Indirect prompt injections are a systemic problem facing Comet and other AI-powered browsers.
Today we’re publishing details on more security vulnerabilities we uncovered.
प्रॉम्प्ट इंजेक्शन क्या है?IBM के अनुसार, प्रॉम्प्ट इंजेक्शन एक साइबर हमला है जिसमें खराब इनपुट्स को सही प्रॉम्प्ट की तरह दिखाया जाता है। ऐसा करने से AI सिस्टम से संवेदनशील जानकारी लीक हो सकती है या गलत जानकारी फैल सकती है। ऐसा खासकर तब ज्यादा खतरनाक होता है, जब AI ऐप्स के पास कॉन्फिडेंशियल डॉक्यूमेंट्स या API एक्सेस हो। इससे नुकसान का खतरा और बढ़ सकता है।
Atlas is definitely vulnerable to Prompt Injection pic.twitter.com/N9VHjqnTVd
— P1njc70r (@p1njc70r) October 21, 2025
सुरक्षा उपाय और सावधानियांOpenAI ने AgentKit टूल्स के साथ 6 अक्टूबर को Guardrails सुरक्षा फ्रेमवर्क पेश किया था। इसका मकसद AI एजेंट्स को सुरक्षित बनाना है। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि इसे लेकर अभी कोई पुख्ता समाधान नहीं मिला है। इसलिए AI ब्राउज़र का इस्तेमाल करते समय संवेदनशील ऑपरेशन्स में यूजर की पुष्टि होना जरूरी है।
Do NOT install any agentic browsers like OpenAI Atlas that just launched.
— Wasteland Capital (@ecommerceshares) October 21, 2025
Prompt injection attacks (malicious hidden prompts on websites) can easily hijack your computer, all your files and even log into your brokerage or banking using your credentials.
Don’t be a guinea pig. https://t.co/JS76Hf6VAN
यूजर क्या करें?एक्सपर्ट्स के मुताबिक AI-पावर्ड ब्राउजर में छिपे प्रॉम्प्ट इंजेक्शन हमलों से आपकी निजी जानकारी, पासवर्ड और बैंक डिटेल्स चोरी हो सकती हैं। ऐसे ब्राउजर कभी-कभी यूजर की मंजूरी के बिना भी कमांड चला सकते हैं। इससे डेटा लीक और आर्थिक नुकसान का खतरा बढ़ सकता है। यही वजह है कि एक्सपर्ट्स कहते हैं नए-नए AI ब्राउजर का इस्तेमाल सोच-समझकर करना चाहिए।
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