नई दिल्ली: यूपीआई के जरिए होने वाले क्रेडिट कार्ड ट्रांजेक्शन में जबरदस्त इजाफे का सबसे बड़ा फायदा भारत के घरेलू कार्ड नेटवर्क RuPay को मिला है। Bernstein के डेटा के मुताबिक, अब कुल क्रेडिट कार्ड ट्रांजेक्शन में से लगभग 40% (संख्या के हिसाब से) यूपीआई के जरिए हो रहे हैं। यह हिस्सेदारी FY24 के अंत में 10% थी, जो अब चार गुना हो चुकी है। वहीं वैल्यू के हिसाब से भी हिस्सेदारी 2% से बढ़कर 8% पर पहुंच गई है।
इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक साल 2022 के आखिर में रिजर्व बैंक (RBI) ने सिर्फ RuPay क्रेडिट कार्ड को UPI प्लेटफॉर्म से लिंक करने की इजाजत दी थी। तब से RuPay का क्रेडिट कार्ड मार्केट शेयर दो साल पहले के 3% से बढ़कर अब करीब 16% हो गया है। सितंबर 2025 के आखिर तक भारत में 11.33 करोड़ से ज्यादा क्रेडिट कार्ड एक्टिव थे। रिपोर्ट के मुताबिक ज्यादा दुकानदारों तक पहुंच और छोटे व्यापारियों के लिए कम MDR (मर्चेंट डिस्काउंट रेट) स्ट्रक्चर की वजहों से इसे अपनाने की रफ्तार तेज हुई है।
छोटे व्यापारियों पर कोई चार्ज नहींआज 5 करोड़ से ज्यादा व्यापारी लेनदेन के लिए UPI का इस्तेमाल करते हैं। वहीं, सभी क्रेडिट कार्ड स्वीकार करने वाली पॉइंट ऑफ सेल (POS) मशीनें रखने वाले व्यापारियों की संख्या 1 करोड़ से भी कम है। यूपीआई पर RuPay क्रेडिट कार्ड से ट्रांजेक्शन MDR सिर्फ बड़े व्यापारियों पर लगता है। छोटे व्यापारी को 2000 रुपये से ऊपर के ट्रांजेक्शन पर चार्ज लगता है। इसी वजह से छोटे दुकानदार भी इसे आसानी से अपना रहे हैं। जानकारों का कहना है कि UPI से जुड़ी क्रेडिट लाइन पर QR पेमेंट के जरिए क्रेडिट की पहुंच बढ़ा रही है।
कैसे मिला बढ़ावा, क्या हैं चुनौतियां?PwC इंडिया ने अपनी हालिया रिपोर्ट के मुताबिक UPI पर RuPay क्रेडिट कार्ड को लिंक करने की सुविधा ने डिजिटल पेमेंट में क्रांति ला दी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अब यूजर्स आसानी से QR-आधारित ट्रांजेक्शन कर सकते हैं। रिवॉर्ड्स और एक साथ बिल पेमेंट का फायदा भी उठा सकते है। इस इनोवेशन ने क्रेडिट कार्ड को अपनाने और इस्तेमाल को बढ़ावा दिया है।
Bernstein की रिपोर्ट के मुताबिक जैसे-जैसे UPI छोटे व्यापारियों के बीच क्रेडिट की पहुंच बढ़ाएगा, क्रेडिट कार्ड ट्रांजेक्शन की संख्या में बढ़ोतरी हो सकती है। हालांकि, 2000 रुपये से कम के ज्यादातर ट्रांजेक्शन पर कोई चार्ज (MDR) नहीं लगता, जिससे कंपनियों की रेवेन्यू ग्रोथ धीमी रह सकती है।
इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक साल 2022 के आखिर में रिजर्व बैंक (RBI) ने सिर्फ RuPay क्रेडिट कार्ड को UPI प्लेटफॉर्म से लिंक करने की इजाजत दी थी। तब से RuPay का क्रेडिट कार्ड मार्केट शेयर दो साल पहले के 3% से बढ़कर अब करीब 16% हो गया है। सितंबर 2025 के आखिर तक भारत में 11.33 करोड़ से ज्यादा क्रेडिट कार्ड एक्टिव थे। रिपोर्ट के मुताबिक ज्यादा दुकानदारों तक पहुंच और छोटे व्यापारियों के लिए कम MDR (मर्चेंट डिस्काउंट रेट) स्ट्रक्चर की वजहों से इसे अपनाने की रफ्तार तेज हुई है।
छोटे व्यापारियों पर कोई चार्ज नहींआज 5 करोड़ से ज्यादा व्यापारी लेनदेन के लिए UPI का इस्तेमाल करते हैं। वहीं, सभी क्रेडिट कार्ड स्वीकार करने वाली पॉइंट ऑफ सेल (POS) मशीनें रखने वाले व्यापारियों की संख्या 1 करोड़ से भी कम है। यूपीआई पर RuPay क्रेडिट कार्ड से ट्रांजेक्शन MDR सिर्फ बड़े व्यापारियों पर लगता है। छोटे व्यापारी को 2000 रुपये से ऊपर के ट्रांजेक्शन पर चार्ज लगता है। इसी वजह से छोटे दुकानदार भी इसे आसानी से अपना रहे हैं। जानकारों का कहना है कि UPI से जुड़ी क्रेडिट लाइन पर QR पेमेंट के जरिए क्रेडिट की पहुंच बढ़ा रही है।
कैसे मिला बढ़ावा, क्या हैं चुनौतियां?PwC इंडिया ने अपनी हालिया रिपोर्ट के मुताबिक UPI पर RuPay क्रेडिट कार्ड को लिंक करने की सुविधा ने डिजिटल पेमेंट में क्रांति ला दी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अब यूजर्स आसानी से QR-आधारित ट्रांजेक्शन कर सकते हैं। रिवॉर्ड्स और एक साथ बिल पेमेंट का फायदा भी उठा सकते है। इस इनोवेशन ने क्रेडिट कार्ड को अपनाने और इस्तेमाल को बढ़ावा दिया है।
Bernstein की रिपोर्ट के मुताबिक जैसे-जैसे UPI छोटे व्यापारियों के बीच क्रेडिट की पहुंच बढ़ाएगा, क्रेडिट कार्ड ट्रांजेक्शन की संख्या में बढ़ोतरी हो सकती है। हालांकि, 2000 रुपये से कम के ज्यादातर ट्रांजेक्शन पर कोई चार्ज (MDR) नहीं लगता, जिससे कंपनियों की रेवेन्यू ग्रोथ धीमी रह सकती है।
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