कोलकाता : पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के बोलपुर में बुधवार को एक जोरदार बम का धमाका हुआ। इस धमाके से इलाके में काला धुआं फैल गया और धरती कांप उठी। यह पूरा धमाका दूसरे विश्व युद्ध के एक पुराने मोर्टार को सेना द्वारा डिफ्यूज करते वक्त हुआ।
अजय नदी के किनारे मिला मोर्टार सेल
यह मोर्टार सेल बीरभूम जिले के लौदा गांव के लोगों को एक महीने पहले अजय नदी के किनारे रेत में फंसा मिला था। गांव वालों ने बम जैसे दिखने वाले जब इस ऑब्जेक्ट को देखा तो उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंच कर जब मोर्टार सेल की जांच की तो पता चला कि ये शेल दूसरे विश्व युद्ध के समय का है। जिसके बाद पुलिस ने इस पूरे इलाके को सील कर दिया और सेना की मदद का इंताजार किया जाने लगा।
विस्फोट के बाद हुआ बड़ा गड्ढ़ा
बुधवार को भारतीय सेना की पनागढ़ कैंप से बम निरोधक टीम साइट पर पहुंची। सैनिकों ने पहले अजय नदी के तल में एक गहरा गड्ढा खोदा और फिर सेल के चारों ओर रेत से भरे बैग लगा दिए। जिसके बाद सेना ने एक नियंत्रित विस्फोट किया। धमाके की आवाज की इतनी तेज थी कि आसपास के लोग डर गए। बम निरोधक दस्ते के एक्सपर्ट्स को शेल को भी डिफ्यूज करने का तरीका खोजने में काफी समय लगा। इस धमाके के बाद आसपास की फसलों को थोड़ा नुकसान पहुंचा है। इसके साथ ही जहां पर यह पूरा धमाका हुआ, वहां एक बड़ा गड्ढा हो गया।
'ब्रिटिश सेना सैन्य अभ्यासों में करती थी इस्तेमाल'
विश्व-भारती यूनिवर्सिटी के भूगोल विभाग के पूर्व प्रोफेसर मलय मुखर्जी ने बताया कि पहले ब्रिटिश सेना ऐसे मोर्टार शेल का इस्तेमाल सैन्य अभ्यासों के लिए करती थी। उन्होंने कहा कि यह शेल भी शायद ऐसे ही किसी सैन्य अभ्यास का हिस्सा रहा होगा। उन्होंने बताया कि समय के साथ अजय नदी में आई बाढ़ के कारण ये शेल नीचे बहकर आ गया होगा।
You may also like

उत्तर प्रदेश शासन कैबिनेट मंत्री बेबी रानी मौर्य सड़क दुर्घटना में बाल बाल बचीं, कार क्षतिग्रस्त

जीवन की हर समस्या का समाधान गीता में : स्वामी ज्ञानानंद

मध्य प्रदेश के इंदौर में बनी दो दवाएं केंद्र की जांच में पाई गई अमानक

मदरसे की छात्रा से वर्जिनिटी सर्टिफिकेट मांगने के आरोप में एडमिशन इंचार्ज मोहम्मद शाहजहां गिरफ्तार

मुख्यमंत्री डॉ. यादव कार्बाइड गन प्रभावितों से अस्पताल में मिले, हालचाल जाना




