ब्रिटेन, कनाडा समेत विदेश में नौकरी करने वाले लाखों भारतीयों के लिए खुशखबरी है। भारत सरकार ने कई देशों के साथ सोशल सिक्योरिटी एग्रीमेंट (SSA) लागू किया है और कई अन्य देशों के साथ यह समझौता करने की तैयारी में है। ब्रिटेन के साथ भी इस योजना को लेकर सहमति बन गई है। केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय की इस योजना से उन सभी कर्मचारियों को फायदा होगा, जो एक तय समय के लिए विदेश में काम करने गए हैं।
सामाजिक सुरक्षा के नाम पर कर्मचारियों को उन देशों में अपनी सैलरी से अंशदान देना होता है, जिस देश में वह काम कर रहे हैं। मगर 3 साल बाद वापस लौटने पर यह पैसा उन्हें वापस नहीं मिलता है। इस समस्या के समाधान के लिए सरकार ने 20 से ज्यादा देशों के साथ SSA किया है। इन देशों में कनाडा, जापान, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, स्वीडन और ब्राजील शामिल हैं। अब ग्रेट ब्रिटेन (UK) के साथ भी समझौता हुआ है। जल्द ही इस पर साइन हो जाएंगे। इस योजना का फायदा खासतौर से आईटी प्रोफेशनल्स को होगा।
कर्मचारियों को कैसे मिलेगा फायदा दरअसल भारत के वो नागरिक जो एक निश्चित समय के लिए विदेश में नौकरी करने जाते हैं, उनके लिए यह योजना काफी फायदेमंद साबित होने जा रही है। इनमें बड़ी संख्या में श्रमिक, टेक कर्मचारी शामिल हैं। भारत में जैसे PF, ESIC के लिए पैसा सैलरी से कटता है, इसी तरह दूसरे देशों में भी सामाजिक सुरक्षा का अंशदान कर्मचारी की सैलरी से कटता है। मगर जब भारतीय कर्मचारी वापस भारत लौटते हैं तो यह पैसा उन्हें वापस नहीं मिलता है। सरकार चाहती है कि विदेश में काम करने वाले भारतीयों को यह पैसा वापस मिले। इसके बिना वे दूसरे देशों में सामाजिक सुरक्षा में अंशदान न करें।
अब सीधे PF खाते में आएगा पैसा केंद्र सरकार की योजना के मुताबिक जिन देशों के साथ समझौता हुआ है, वहां कंपनियों को सामाजिक सुरक्षा का पैसा कर्मचारी के भारत में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) खाते में डालना होगा। ये कंपनियां संबंधित देश को योगदान नहीं देंगी। सीमित समय के लिए विदेश में नौकरी करने जाने वाले कर्मचारियों को उस देश में पैसा देने की जरूरत नहीं होगी। यह पैसा भारत में आ जाएगा और भविष्य में कर्मचारी के काम आएगा।
केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मंडाविया के मुताबिक, 'हम दूसरे देशों के साथ सोशल सिक्योरिटी एग्रीमेंट करना चाहते हैं। हमने वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से अनुरोध किया है कि वे इसे FTA के साथ शामिल करें ताकि विदेशों में काम करने वाले भारतीयों को सामाजिक सुरक्षा मिल सके।' हाल ही में अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) ने माना है कि भारत में 64% कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा मिल रही है, जो 2015 में 19% थी।
इन देशों में काम करने वालों को होगा फायदा
अमेरिका से भी चल रही बात
इस योजना से लाखों भारतीयों को फायदा होने वाला है। अकेले ब्रिटेन में ही 60 हजार से ज्यादा आईटी प्रोफेशनल्स हैं। समझौते के मुताबिक UK में जो कर्मचारी काम कर रहे हैं, उन्हें 3 साल तक सामाजिक सुरक्षा के अंशदान से छूट मिलेगी। यह पैसा सीधे भारत में पीएफ खाते में आएगा। अमेरिका के साथ भी इस समझौते को लेकर चर्चा चल रही है।
सामाजिक सुरक्षा के नाम पर कर्मचारियों को उन देशों में अपनी सैलरी से अंशदान देना होता है, जिस देश में वह काम कर रहे हैं। मगर 3 साल बाद वापस लौटने पर यह पैसा उन्हें वापस नहीं मिलता है। इस समस्या के समाधान के लिए सरकार ने 20 से ज्यादा देशों के साथ SSA किया है। इन देशों में कनाडा, जापान, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, स्वीडन और ब्राजील शामिल हैं। अब ग्रेट ब्रिटेन (UK) के साथ भी समझौता हुआ है। जल्द ही इस पर साइन हो जाएंगे। इस योजना का फायदा खासतौर से आईटी प्रोफेशनल्स को होगा।
कर्मचारियों को कैसे मिलेगा फायदा दरअसल भारत के वो नागरिक जो एक निश्चित समय के लिए विदेश में नौकरी करने जाते हैं, उनके लिए यह योजना काफी फायदेमंद साबित होने जा रही है। इनमें बड़ी संख्या में श्रमिक, टेक कर्मचारी शामिल हैं। भारत में जैसे PF, ESIC के लिए पैसा सैलरी से कटता है, इसी तरह दूसरे देशों में भी सामाजिक सुरक्षा का अंशदान कर्मचारी की सैलरी से कटता है। मगर जब भारतीय कर्मचारी वापस भारत लौटते हैं तो यह पैसा उन्हें वापस नहीं मिलता है। सरकार चाहती है कि विदेश में काम करने वाले भारतीयों को यह पैसा वापस मिले। इसके बिना वे दूसरे देशों में सामाजिक सुरक्षा में अंशदान न करें।
अब सीधे PF खाते में आएगा पैसा केंद्र सरकार की योजना के मुताबिक जिन देशों के साथ समझौता हुआ है, वहां कंपनियों को सामाजिक सुरक्षा का पैसा कर्मचारी के भारत में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) खाते में डालना होगा। ये कंपनियां संबंधित देश को योगदान नहीं देंगी। सीमित समय के लिए विदेश में नौकरी करने जाने वाले कर्मचारियों को उस देश में पैसा देने की जरूरत नहीं होगी। यह पैसा भारत में आ जाएगा और भविष्य में कर्मचारी के काम आएगा।
केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मंडाविया के मुताबिक, 'हम दूसरे देशों के साथ सोशल सिक्योरिटी एग्रीमेंट करना चाहते हैं। हमने वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से अनुरोध किया है कि वे इसे FTA के साथ शामिल करें ताकि विदेशों में काम करने वाले भारतीयों को सामाजिक सुरक्षा मिल सके।' हाल ही में अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) ने माना है कि भारत में 64% कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा मिल रही है, जो 2015 में 19% थी।
इन देशों में काम करने वालों को होगा फायदा
अमेरिका से भी चल रही बात
इस योजना से लाखों भारतीयों को फायदा होने वाला है। अकेले ब्रिटेन में ही 60 हजार से ज्यादा आईटी प्रोफेशनल्स हैं। समझौते के मुताबिक UK में जो कर्मचारी काम कर रहे हैं, उन्हें 3 साल तक सामाजिक सुरक्षा के अंशदान से छूट मिलेगी। यह पैसा सीधे भारत में पीएफ खाते में आएगा। अमेरिका के साथ भी इस समझौते को लेकर चर्चा चल रही है।
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