शिमला: हिमाचल प्रदेश में एक बार फिर से भारी बारिश का खतरा मंडरा रहा है। मौसम विभाग ने अगले चार दिनों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इस मॉनसून में 20 जून से अब तक 219 लोगों की जान जा चुकी है और लगभग 1,988 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। अधिकारियों ने लोगों से सतर्क रहने का आग्रह किया है। उनका कहना है कि इस बार नुकसान अभूतपूर्व है। राज्य सरकार लोगों की सुरक्षा के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। आइए जानते हैं हिमाचल के मौजूदा हालात कैसे हैं?
ऑरेंज अलर्ट जारी
मौसम विभाग (IMD) ने रविवार को राज्य के कुछ स्थानों पर सोमवार से गुरुवार तक भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी दी। अगले 48 घंटों में कई जिलों में फिर से व्यवधान देखने को मिल सकता है।
सड़कें और बुनियादी ढांचा प्रभावित
रविवार तक नेशनल हाईवे-305 के औट-सैंज खंड सहित 360 सड़कें बंद थीं। मंडी जिला 214 अवरुद्ध मार्गों के साथ सबसे ज़्यादा प्रभावित है। उसके बाद कुल्लू 92 मार्गों के साथ दूसरे स्थान पर है। 145 ट्रांसफार्मरों की बिजली आपूर्ति बाधित हुई है। जबकि 520 जलापूर्ति योजनाएं ठप हैं।
मृतकों की संख्या और नुकसान?
20 जून से अब तक मॉनसून में मरने वालों की संख्या 219 हो गई है। इनमें से 112 मौतें भूस्खलन, अचानक बाढ़ और घर गिरने जैसी वर्षाजनित घटनाओं के कारण हुईं। जबकि 107 लोगों की मौत सड़क दुर्घटनाओं में हुई। 37 अन्य लोग लापता हैं। राज्य में 315 लोगों के घायल होने और 876 पशुओं के मारे जाने की सूचना है। इनमें 25,700 से ज़्यादा मुर्गी पालन शामिल हैं।
मॉनसून की अधिकता
1 जून से 10 अगस्त तक हिमाचल प्रदेश में 507.3 मिमी बारिश दर्ज की गई। जो सामान्य से 11% अधिक है। इस मौसम में 58 अचानक बाढ़, 30 बादल फटने और 53 बड़े भूस्खलन हुए हैं।
जिलेवार प्रभाव
मंडी में बारिश से जुड़ी 23 मौतें हुई हैं और 1,164 लाख रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। इसके बाद कांगड़ा में 25 मौतें, कुल्लू और हमीरपुर में 10-10 और चंबा में नौ मौतें हुई हैं। कुल्लू में सबसे अधिक बिजली कटौती हुई, जहां 50 ट्रांसफार्मर प्रभावित हुए और खराब हो गए, जबकि मंडी में पानी की आपूर्ति सबसे ज्यादा प्रभावित हुई। जहां 367 योजनाएं प्रभावित हुईं।
बांध की स्थिति नियंत्रण में
भाखड़ा, पौंग, कोल, नाथपा और करछम सहित सभी प्रमुख बांध और बैराज अनुमत सीमा के भीतर काम कर रहे हैं। सतलुज पर कोल बांध में 1,100 क्यूमेक्स पानी का अंतर्वाह दर्ज किया गया, जबकि ब्यास पर पौंग बांध में 1,397 क्यूमेक्स पानी का बहिर्वाह हुआ
हाल की बारिश के आंकड़े
कांगड़ा में शनिवार रात से 68.4 मिमी बारिश हुई। उसके बाद मुरारी देवी (52.6 मिमी), पालमपुर (52 मिमी), सराहन (25 मिमी), जुब्बड़हट्टी (17 मिमी), धर्मशाला (16.8 मिमी) और कुफरी (11.2 मिमी) में बारिश हुई। शनिवार को नैना देवी में सबसे अधिक 112.4 मिमी बारिश दर्ज की गई, जबकि पंडोह में 102 मिमी बारिश हुई।
आधिकारिक चेतावनी क्या?
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस मॉनसून में नुकसान का पैमाना अभूतपूर्व रहा है। बहाली का काम चौबीसों घंटे किया जा रहा है, लेकिन भूस्खलन संभावित और नदी किनारे के इलाकों में लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी जाती है।
ऑरेंज अलर्ट जारी
मौसम विभाग (IMD) ने रविवार को राज्य के कुछ स्थानों पर सोमवार से गुरुवार तक भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी दी। अगले 48 घंटों में कई जिलों में फिर से व्यवधान देखने को मिल सकता है।
सड़कें और बुनियादी ढांचा प्रभावित
रविवार तक नेशनल हाईवे-305 के औट-सैंज खंड सहित 360 सड़कें बंद थीं। मंडी जिला 214 अवरुद्ध मार्गों के साथ सबसे ज़्यादा प्रभावित है। उसके बाद कुल्लू 92 मार्गों के साथ दूसरे स्थान पर है। 145 ट्रांसफार्मरों की बिजली आपूर्ति बाधित हुई है। जबकि 520 जलापूर्ति योजनाएं ठप हैं।
मृतकों की संख्या और नुकसान?
20 जून से अब तक मॉनसून में मरने वालों की संख्या 219 हो गई है। इनमें से 112 मौतें भूस्खलन, अचानक बाढ़ और घर गिरने जैसी वर्षाजनित घटनाओं के कारण हुईं। जबकि 107 लोगों की मौत सड़क दुर्घटनाओं में हुई। 37 अन्य लोग लापता हैं। राज्य में 315 लोगों के घायल होने और 876 पशुओं के मारे जाने की सूचना है। इनमें 25,700 से ज़्यादा मुर्गी पालन शामिल हैं।
बहु मौसम संबंधी चेतावनी
— India Meteorological Department (@Indiametdept) August 10, 2025
मुख्यबिंदु
उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में अगले 7 दिनों के दौरान कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा की संभावना, उत्तराखंड में कुछ स्थानों पर 13 अगस्त, 2025 को अत्यंत भारी वर्षा (≥21 सेमी) होने की संभावना है।
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मॉनसून की अधिकता
1 जून से 10 अगस्त तक हिमाचल प्रदेश में 507.3 मिमी बारिश दर्ज की गई। जो सामान्य से 11% अधिक है। इस मौसम में 58 अचानक बाढ़, 30 बादल फटने और 53 बड़े भूस्खलन हुए हैं।
जिलेवार प्रभाव
मंडी में बारिश से जुड़ी 23 मौतें हुई हैं और 1,164 लाख रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। इसके बाद कांगड़ा में 25 मौतें, कुल्लू और हमीरपुर में 10-10 और चंबा में नौ मौतें हुई हैं। कुल्लू में सबसे अधिक बिजली कटौती हुई, जहां 50 ट्रांसफार्मर प्रभावित हुए और खराब हो गए, जबकि मंडी में पानी की आपूर्ति सबसे ज्यादा प्रभावित हुई। जहां 367 योजनाएं प्रभावित हुईं।
बांध की स्थिति नियंत्रण में
भाखड़ा, पौंग, कोल, नाथपा और करछम सहित सभी प्रमुख बांध और बैराज अनुमत सीमा के भीतर काम कर रहे हैं। सतलुज पर कोल बांध में 1,100 क्यूमेक्स पानी का अंतर्वाह दर्ज किया गया, जबकि ब्यास पर पौंग बांध में 1,397 क्यूमेक्स पानी का बहिर्वाह हुआ
हाल की बारिश के आंकड़े
कांगड़ा में शनिवार रात से 68.4 मिमी बारिश हुई। उसके बाद मुरारी देवी (52.6 मिमी), पालमपुर (52 मिमी), सराहन (25 मिमी), जुब्बड़हट्टी (17 मिमी), धर्मशाला (16.8 मिमी) और कुफरी (11.2 मिमी) में बारिश हुई। शनिवार को नैना देवी में सबसे अधिक 112.4 मिमी बारिश दर्ज की गई, जबकि पंडोह में 102 मिमी बारिश हुई।
आधिकारिक चेतावनी क्या?
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस मॉनसून में नुकसान का पैमाना अभूतपूर्व रहा है। बहाली का काम चौबीसों घंटे किया जा रहा है, लेकिन भूस्खलन संभावित और नदी किनारे के इलाकों में लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी जाती है।