कोलकाता : निर्वाचन आयोग ने पश्चिम बंगाल के बूथ स्तरीय अधिकारियों (बीएलओ) को सख्त निर्देश जारी करते हुए चेतावनी दी है कि बृहस्पतिवार तक ड्यूटी पर नहीं आने वालों को निलंबन और विभागीय कार्यवाही सहित सख्त प्रशासनिक कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। यह निर्देश ऐसे समय में आया है जब राज्य में मतदाता सूचियों का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) शुरू हो गया है। पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) कार्यालय के अधिकारी ने जमीनी स्तर पर मतदाता सूचियों का सत्यापन सुनिश्चित करने में प्रखंड स्तरीय अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया।
उन्होंने कहा कि अगर बीएलओ जिम्मेदारी नहीं लेते हैं, तो पूरी एसआईआर प्रक्रिया खतरे में पड़ जाएगी। जो लोग बृहस्पतिवार तक बीएलओ का कार्यभार नहीं संभालेंगे, उन्हें कड़ी प्रशासनिक कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे कर्मचारियों को निलंबित करने की भी योजना है। सीईओ कार्यालय के सूत्रों ने बताया कि राज्य में 143 बीएलओ को अपना कर्तव्य निर्वहन में विफल रहने के कारण निलंबित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हालांकि अप्रैल में नियुक्त किए इन बीएलओ में से कई ने न तो कार्यभार संभाला है और न ही अनिवार्य प्रशिक्षण सत्रों में हिस्सा लिया है। कारण बताओ नोटिस जारी किए गए, लेकिन इन 143 अधिकारियों ने अभी तक कार्यभार ग्रहण नहीं किया है।
कई बीएलओ ने अभी तक कार्यभार नहीं संभाला
मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) मनोज कुमार अग्रवाल ने बुधवार को सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों (डीईओ) के साथ एक ऑनलाइन बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें प्रशिक्षण और क्षेत्रीय कार्यों में प्रगति की समीक्षा की गई। अधिकारी ने बताया कि कूचबिहार, मुर्शिदाबाद और कोलकाता उत्तर के कई बीएलओ अभी तक कार्यभार नहीं संभाला है। जिला प्रशासन को निर्देश दिया गया है कि वे आयोग को उन कार्मिकों की सूची प्रस्तुत करें जो निर्धारित समय सीमा तक ड्यूटी पर उपस्थित नहीं हुए हैं।
नोटिस के बाद दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी
अधिकारी ने बताया कि आयोग ने स्पष्ट कर दिया है कि इस नोटिस के बाद दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि शिक्षकों सहित कई नियुक्त व्यक्तियों ने अनुपस्थिति के लिए विभिन्न बहाने बताए हैं, लेकिन आयोग इसमें और अधिक नरमी नहीं बरतेगा। इस बीच, निर्वाचन आयोग ने उत्तर बंगाल के बाढ़ प्रभावित जिलों में अधिकारियों की त्वरित प्रतिक्रिया पर संतोष व्यक्त किया। कूचबिहार, अलीपुरद्वार और दार्जिलिंग में विशेष शिविरों के माध्यम से खोए हुए दस्तावेजों की प्रमाणित प्रतियां जारी करने का कार्य शुरू किया गया है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि प्रभावित निवासी मतदाता सूची पुनरीक्षण में भाग ले सकें।
जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिया गया
उन्होंने कहा कि सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे बृहस्पतिवार तक राजनीतिक दलों के साथ बैठक करें और उन्हें एसआईआर प्रोटोकॉल के बारे में जानकारी दें। अधिकारी ने कहा कि कई जिलों में आवेदन पत्र का प्रारूप बनाने और छपाई का काम पहले ही शुरू हो चुका है और शुरुआती तैयारियां दो दिनों में पूरी होने की उम्मीद है। हम एसआईआर प्रक्रिया को स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण तरीके से संचालित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
उन्होंने कहा कि अगर बीएलओ जिम्मेदारी नहीं लेते हैं, तो पूरी एसआईआर प्रक्रिया खतरे में पड़ जाएगी। जो लोग बृहस्पतिवार तक बीएलओ का कार्यभार नहीं संभालेंगे, उन्हें कड़ी प्रशासनिक कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे कर्मचारियों को निलंबित करने की भी योजना है। सीईओ कार्यालय के सूत्रों ने बताया कि राज्य में 143 बीएलओ को अपना कर्तव्य निर्वहन में विफल रहने के कारण निलंबित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हालांकि अप्रैल में नियुक्त किए इन बीएलओ में से कई ने न तो कार्यभार संभाला है और न ही अनिवार्य प्रशिक्षण सत्रों में हिस्सा लिया है। कारण बताओ नोटिस जारी किए गए, लेकिन इन 143 अधिकारियों ने अभी तक कार्यभार ग्रहण नहीं किया है।
कई बीएलओ ने अभी तक कार्यभार नहीं संभाला
मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) मनोज कुमार अग्रवाल ने बुधवार को सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों (डीईओ) के साथ एक ऑनलाइन बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें प्रशिक्षण और क्षेत्रीय कार्यों में प्रगति की समीक्षा की गई। अधिकारी ने बताया कि कूचबिहार, मुर्शिदाबाद और कोलकाता उत्तर के कई बीएलओ अभी तक कार्यभार नहीं संभाला है। जिला प्रशासन को निर्देश दिया गया है कि वे आयोग को उन कार्मिकों की सूची प्रस्तुत करें जो निर्धारित समय सीमा तक ड्यूटी पर उपस्थित नहीं हुए हैं।
नोटिस के बाद दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी
अधिकारी ने बताया कि आयोग ने स्पष्ट कर दिया है कि इस नोटिस के बाद दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि शिक्षकों सहित कई नियुक्त व्यक्तियों ने अनुपस्थिति के लिए विभिन्न बहाने बताए हैं, लेकिन आयोग इसमें और अधिक नरमी नहीं बरतेगा। इस बीच, निर्वाचन आयोग ने उत्तर बंगाल के बाढ़ प्रभावित जिलों में अधिकारियों की त्वरित प्रतिक्रिया पर संतोष व्यक्त किया। कूचबिहार, अलीपुरद्वार और दार्जिलिंग में विशेष शिविरों के माध्यम से खोए हुए दस्तावेजों की प्रमाणित प्रतियां जारी करने का कार्य शुरू किया गया है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि प्रभावित निवासी मतदाता सूची पुनरीक्षण में भाग ले सकें।
जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिया गया
उन्होंने कहा कि सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे बृहस्पतिवार तक राजनीतिक दलों के साथ बैठक करें और उन्हें एसआईआर प्रोटोकॉल के बारे में जानकारी दें। अधिकारी ने कहा कि कई जिलों में आवेदन पत्र का प्रारूप बनाने और छपाई का काम पहले ही शुरू हो चुका है और शुरुआती तैयारियां दो दिनों में पूरी होने की उम्मीद है। हम एसआईआर प्रक्रिया को स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण तरीके से संचालित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
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