पटना: बिहार में पहले चरण के मतदान और 8 विधानसभा सीटों के उपचुनाव की तारीख नजदीक आते ही, मतदाताओं को गलत तरीके से प्रभावित करने की कोशिशों पर नकेल कसने के लिए चुनाव आयोग ने सख्ती बढ़ा दी है। चुनाव आयोग के मुताबिक, 3 नवंबर 2025 तक विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में 108.19 करोड़ से अधिक मूल्य की प्रलोभन संबंधी अवैध सामग्री जब्त की जा चुकी है।
चुनाव आयोग ने सोमवार को एक प्रेस नोट जारी कर कहा, '03 नवंबर, 2025 तक विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से बहु-प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा 108.19 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध राशि जब्त की गई है, जिनमें 9.62 करोड़ रुपये नकद, 42.14 करोड़ रुपये (9.6 लाख लीटर) मूल्य की शराब, 24.61 करोड़ रुपये मूल्य की दवाएं, 5.8 करोड़ रुपये मूल्य की कीमती धातुएं और 26 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की अन्य मुफ्त वस्तुएं शामिल हैं।'
50 हजार से अधिक कैश होता है जब्तदरअसल, भारत में चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार, आचार संहिता लागू होने के बाद कोई भी व्यक्ति अपने साथ केवल 50 हजार तक ही कैश लेकर सफर कर सकता है। इससे अधिक राशि पाए जाने पर उसे जब्त कर लिया जाता है, ताकि चुनावों में निष्पक्षता बनी रहे और मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए अवैध रूप से धन का उपयोग न हो सके।
जब्त की गई इस राशि में वो रुपये भी हो सकते हैं जो कोई व्यक्ति शादी, इलाज या किसी अन्य वैध कारण के लिए लेकर जा रहा था। ऐसे में लोगों के मन में सवाल उठता है कि उनकी जब्त हुई रकम कैसे वापस मिलेगी? इसका तरीका बहुत आसान है।
जब्त कैश वापस पाने का आसान तरीका
जब्त हुए कैश को वापस पाने के लिए व्यक्ति को 30 दिनों के अंदर संबंधित प्राधिकरण के पास आवेदन देना होता है। आवेदन के साथ कैश के वैध स्रोत का ठोस प्रमाण जैसे बैंक स्टेटमेंट, निकासी स्लिप का प्रमाण जमा करना अनिवार्य है। अगर आप इलाज के लिए रुपये ले जा रहे थे, तो अस्पताल के दस्तावेज़ या डॉक्टर का प्रमाण के साथ आवेदन कर सकते हैं। यदि शादी के लिए ले जा रहे थे, तो शादी का कार्ड, अग्रिम भुगतान की रसीद या अन्य कागजात के साथ आवेदन कर सकते है।
अगर राशि का स्रोत वैध साबित होता है, तो जब्त कैश तुरंत लौटा दिया जाता है। अन्यथा, यह जब्ती स्थायी हो जाती है।
अगर 30 दिन की समय सीमा चूक जाए तो क्या करें?
यदि किसी कारणवश कोई व्यक्ति 30 दिन की समय सीमा के अंदर जब्त कैश वापस पाने के लिए आवेदन नहीं कर पाता है, तो उसे कानूनी तरीका अपनाना पड़ता है। रकम वापस लेने के लिए व्यक्ति को कोर्ट में जाकर मुकदमा दायर करना होगा। कोर्ट में व्यक्ति को अपनी रकम का वैध स्रोत सिद्ध करने के बाद, कोर्ट यह तय करेगा कि धन वापस करना है या नहीं।
चुनाव आयोग ने सोमवार को एक प्रेस नोट जारी कर कहा, '03 नवंबर, 2025 तक विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से बहु-प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा 108.19 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध राशि जब्त की गई है, जिनमें 9.62 करोड़ रुपये नकद, 42.14 करोड़ रुपये (9.6 लाख लीटर) मूल्य की शराब, 24.61 करोड़ रुपये मूल्य की दवाएं, 5.8 करोड़ रुपये मूल्य की कीमती धातुएं और 26 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की अन्य मुफ्त वस्तुएं शामिल हैं।'
50 हजार से अधिक कैश होता है जब्तदरअसल, भारत में चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार, आचार संहिता लागू होने के बाद कोई भी व्यक्ति अपने साथ केवल 50 हजार तक ही कैश लेकर सफर कर सकता है। इससे अधिक राशि पाए जाने पर उसे जब्त कर लिया जाता है, ताकि चुनावों में निष्पक्षता बनी रहे और मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए अवैध रूप से धन का उपयोग न हो सके।
जब्त की गई इस राशि में वो रुपये भी हो सकते हैं जो कोई व्यक्ति शादी, इलाज या किसी अन्य वैध कारण के लिए लेकर जा रहा था। ऐसे में लोगों के मन में सवाल उठता है कि उनकी जब्त हुई रकम कैसे वापस मिलेगी? इसका तरीका बहुत आसान है।
जब्त कैश वापस पाने का आसान तरीका
जब्त हुए कैश को वापस पाने के लिए व्यक्ति को 30 दिनों के अंदर संबंधित प्राधिकरण के पास आवेदन देना होता है। आवेदन के साथ कैश के वैध स्रोत का ठोस प्रमाण जैसे बैंक स्टेटमेंट, निकासी स्लिप का प्रमाण जमा करना अनिवार्य है। अगर आप इलाज के लिए रुपये ले जा रहे थे, तो अस्पताल के दस्तावेज़ या डॉक्टर का प्रमाण के साथ आवेदन कर सकते हैं। यदि शादी के लिए ले जा रहे थे, तो शादी का कार्ड, अग्रिम भुगतान की रसीद या अन्य कागजात के साथ आवेदन कर सकते है।
अगर राशि का स्रोत वैध साबित होता है, तो जब्त कैश तुरंत लौटा दिया जाता है। अन्यथा, यह जब्ती स्थायी हो जाती है।
अगर 30 दिन की समय सीमा चूक जाए तो क्या करें?
यदि किसी कारणवश कोई व्यक्ति 30 दिन की समय सीमा के अंदर जब्त कैश वापस पाने के लिए आवेदन नहीं कर पाता है, तो उसे कानूनी तरीका अपनाना पड़ता है। रकम वापस लेने के लिए व्यक्ति को कोर्ट में जाकर मुकदमा दायर करना होगा। कोर्ट में व्यक्ति को अपनी रकम का वैध स्रोत सिद्ध करने के बाद, कोर्ट यह तय करेगा कि धन वापस करना है या नहीं।
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