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मास्टर जी लेट लतीफी नहीं चलेगी! यूपी में सरकारी अध्यापकों की ऑनटाइम अटेंनडेंस पर कोर्ट की लताड़

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प्रयागराज: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि सरकारी और गैर सरकारी शिक्षण संस्थानों में अध्यापकों की समय से उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी तंत्र तैयार किया जाए, ताकि गांव के गरीब छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके।

न्यायमूर्ति पीके गिरि की पीठ ने यह आदेश अध्यापिका इंद्रा देवी और लीना सिंह चौहान की याचिकाओं पर दिया। अदालत को बताया गया कि इस मुद्दे पर मुख्य सचिव स्तर पर बैठक चल रही है। इस मामले में अगली सुनवाई 10 नवंबर को होगी।

कोर्ट ने कहा कि देश की स्वतंत्रता के बाद से सरकार ने जमीनी स्तर पर अध्यापकों की समय से उपस्थिति का तंत्र नहीं बनाया जिससे हाईकोर्ट में याचिकाएं आ रही हैं। वर्तमान तकनीकी युग में इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से समय से उपस्थिति कराई जा सकती है। यदि कोई कभी देरी से आता है तो दस मिनट की देरी की छूट दी जा सकती है बशर्ते यह आदतन न हो।

सभी अध्यापकों को हर दिन तय समय पर शैक्षिक संस्थानों में हाजिर होना चाहिए। कोर्ट ने याचियों की पहली गलती और भविष्य में गलती न दोहराने के आश्वासन पर उन्हें क्षमा कर दिया। याचियों ने कहा कि भविष्य में पोर्टल पर उपस्थिति दर्ज कराती रहेंगी। इसी के साथ कोर्ट ने याचियों के विरुद्ध की गई कार्यवाही रद्द कर दी।
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