नई दिल्ली: पासपोर्ट से लेकर जन्म प्रमाण पत्र तक 13 दस्तावेज में से कुछ न कुछ ढूंढ लीजिए, क्योंकि कल यानी 4 नवंबर से उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल सहित 12 राज्यों में वोटर आईडी के सत्यापन का काम शुरू हो रहा है। खास बात ये है कि इस प्रक्रिया में सिर्फ आधार कार्ड मान्य नहीं है। कल से वोटर्स के घर-घर जाकर एनुमरेशन फार्म बांटने का काम शुरू कर दिया जाएगा। कल शुरू होने जा रहे अभियान का ऐलान चुनाव आयोग ने 27 अक्टूबर को ही कर दिया था।
चुनाव आयोग 27 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल समेत 12 राज्यों में की गई एसआईआर की घोषणा के तहत वोटरों के घर-घर जाकर एनुमरेशन फार्म बांटने का काम शुरू कर देगा। फार्म बांटने और इकट्ठे करने का काम चार दिसंबर तक चलेगा। इस दौरान संबंधित बीएलओ तीन बार लोगों के घर आएंगे। वोटर लिस्ट का फाइनल पब्लिकेशन अगले साल सात फरवरी को किया जाएगा।
इन राज्यों में चलेगा अभियानचुनाव आयोग के मुताबिक बिहार के बाद दूसरे चरण की एसआईआर प्रक्रिया में उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, अंडमान निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, मध्य प्रदेश, पुडुचेरी, राजस्थान और तमिलनाडु राज्य शामिल हैं। इनमें से तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल और पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं।
बनाई जाएगी नई वोटर लिस्टदूसरे चरण की एसआईआर प्रक्रिया में 12 राज्यों में 51 करोड़ वोटरों को एनुमरेशन फार्म बांटे जाएंगे। इस दौरान जो भी नए युवा वोटर होंगे। वह भी अपना नाम वोटर लिस्ट में जुड़वा सकेंगे। इन राज्यों की पुरानी वोटर लिस्ट की जगह नई वोटर लिस्ट बनाई जाएगी, जिसमें मृत वोटरों के नाम हटाने समेत, डुप्लिकेट, लापता और बांग्लादेशी, म्यांमार और अन्य बाहरी लोगों के नाम हटा दिए जाएंगे।
असम को नहीं किया गया शामिलअसम में भी अगले साल ही विधानसभा चुनाव होने हैं। लेकिन चुनाव आयोग ने इस राज्य को इस बार की एसआईआर प्रक्रिया में शामिल नहीं किया है। इसका कारण 27 अक्टूबर को ही मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बताया था कि वहां नागरिकता के लिए अलग प्रावधान हैं। यहां सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में नागरिकता की जांच का काम चल रहा है।
इन राज्यों में ज्यादा होगी निगरानीबिहार में 7.42 करोड़ मतदाताओं वाली अंतिम मतदाता सूची 30 सितंबर को प्रकाशित की गई थी। इससे पहले देश में 2002-04 के बीच अंतिम एसआईआर किया गया था। आयोग का कहना है कि एसआईआर प्रक्रिया को पूरी पारदर्शिता के साथ अंजाम दिया जाएगा, ऐसे राज्यों में अधिक निगरानी रखी जाएगी। जो एसआईआर का विरोध कर रहे हैं।
ये 13 दस्तावेज जरूरी
चुनाव आयोग 27 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल समेत 12 राज्यों में की गई एसआईआर की घोषणा के तहत वोटरों के घर-घर जाकर एनुमरेशन फार्म बांटने का काम शुरू कर देगा। फार्म बांटने और इकट्ठे करने का काम चार दिसंबर तक चलेगा। इस दौरान संबंधित बीएलओ तीन बार लोगों के घर आएंगे। वोटर लिस्ट का फाइनल पब्लिकेशन अगले साल सात फरवरी को किया जाएगा।
इन राज्यों में चलेगा अभियानचुनाव आयोग के मुताबिक बिहार के बाद दूसरे चरण की एसआईआर प्रक्रिया में उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, अंडमान निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, मध्य प्रदेश, पुडुचेरी, राजस्थान और तमिलनाडु राज्य शामिल हैं। इनमें से तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल और पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं।
बनाई जाएगी नई वोटर लिस्टदूसरे चरण की एसआईआर प्रक्रिया में 12 राज्यों में 51 करोड़ वोटरों को एनुमरेशन फार्म बांटे जाएंगे। इस दौरान जो भी नए युवा वोटर होंगे। वह भी अपना नाम वोटर लिस्ट में जुड़वा सकेंगे। इन राज्यों की पुरानी वोटर लिस्ट की जगह नई वोटर लिस्ट बनाई जाएगी, जिसमें मृत वोटरों के नाम हटाने समेत, डुप्लिकेट, लापता और बांग्लादेशी, म्यांमार और अन्य बाहरी लोगों के नाम हटा दिए जाएंगे।
असम को नहीं किया गया शामिलअसम में भी अगले साल ही विधानसभा चुनाव होने हैं। लेकिन चुनाव आयोग ने इस राज्य को इस बार की एसआईआर प्रक्रिया में शामिल नहीं किया है। इसका कारण 27 अक्टूबर को ही मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बताया था कि वहां नागरिकता के लिए अलग प्रावधान हैं। यहां सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में नागरिकता की जांच का काम चल रहा है।
इन राज्यों में ज्यादा होगी निगरानीबिहार में 7.42 करोड़ मतदाताओं वाली अंतिम मतदाता सूची 30 सितंबर को प्रकाशित की गई थी। इससे पहले देश में 2002-04 के बीच अंतिम एसआईआर किया गया था। आयोग का कहना है कि एसआईआर प्रक्रिया को पूरी पारदर्शिता के साथ अंजाम दिया जाएगा, ऐसे राज्यों में अधिक निगरानी रखी जाएगी। जो एसआईआर का विरोध कर रहे हैं।
ये 13 दस्तावेज जरूरी
- केंद्र या राज्य सरकार/पीएसयू के नियमित कर्मचारी या पेंशनर्स को जारी कोई भी पहचान पत्र या पेंशन भुगतान आदेश।
- सरकारी या स्थानीय प्राधिकरणों, बैंकों, डाकघरों, एलआईसी या पीएसयू द्वारा 1 जुलाई 1987 से पहले जारी कोई भी पहचान पत्र या प्रमाणपत्र।
- जन्म प्रमाणपत्र जो किसी सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी हो।
- पासपोर्ट।
- मैट्रिकुलेशन या शैक्षणिक प्रमाणपत्र जो किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड या विश्वविद्यालय द्वारा जारी किया गया हो।
- स्थायी निवास प्रमाणपत्र जो राज्य प्राधिकरण द्वारा जारी किया गया हो।
- वन अधिकार प्रमाणपत्र
- जाति प्रमाणपत्र (OBC/SC/ST) जो सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी किया गया हो।
- राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) से संबंधित प्रमाणपत्र (जहां यह लागू है)।
- फैमिली रजिस्टर, जो राज्य या स्थानीय प्राधिकरण द्वारा तैयार किया गया हो।
- भूमि या मकान आवंटन प्रमाणपत्र, जो सरकार द्वारा जारी किया गया हो।
- आधार कार्ड से जुड़ी आयोग की दिशा-निर्देश पत्र संख्या 23/2025-ERS/Vol.II दिनांक 09.09.2025 के अनुसार लागू होंगे।
- इसके अलावा बिहार एसआईआर का दस्तावेज भी मान्य किया जाएगा।
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