इंफाल : मणिपुर में जातीय हिंसा के बाद विस्थापित हुए लोगों ने सरकार के 84 रुपये प्रति व्यक्ति के रोजाना भत्ते के फैसले का कड़ा विरोध किया है। उन्होंने कहा कि इतने कम पैसों में गुजारा करना नामुमकिन है।
कई अन्य रिलीफ कैंप में भी हुआ विरोध
मणिपुर में विस्थापित हुए लोगों ने सरकार के फैसले के विरोध में इम्फाल ईस्ट के शाजिवॉ से सावोंग्बुंग सब-डिविजनल ऑफिसर कार्यालय तक मार्च निकाला। इसके अलावा कई अन्य रिलीफ कैंप में भी ऐसे ही विरोध प्रदर्शन हुए। यह नया निगम मुख्य सचिव पीके गोयल द्वारा जारी एक कार्यालय ज्ञापन के जरिए आया है। इस फैसले के बाद अब राहत साम्रगी के बजाय लोगों को सीधा पैसा दिया जाएगा।
सभी के अकाउंट में भेजे जाएंगे पैसे
नई गाइडलाइंस के मुताबिक, जिला प्रशासन द्वारा चावल, दाल, पानी और अन्य जरूरी घरेलू सामान जैसी राहत सामग्री का वितरण 31 अक्टूबर से बंद कर दिया गया है। गाइडलाइंस में कहा गया है कि अब एक नवंबर से सभी विस्थापित परिवार के मुखिया के बैंक खाते में सीधे 84 रुपये रोजाना भेजे जाएंगे।
वितरण प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए फैसला
सरकार ने यह फैसला राहत वितरण प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए किया है। इससे विस्थापित परिवारों को अपनी जरूरत का सामान खुद खरीदने की आजादी भी मिलेगी। सरकार ने जिला प्रशासन को राहत शिविरों में रहने वाले सभी लोगों की एक डिजिटल सूची तैयार करने का निर्देश दिया है। इस सूची को आधार, वोटर आईडी या किसी अन्य सरकारी पहचान पत्र से वेरिफाई किया जाएगा।
You may also like

पहले दिल्ली फिर बिहार! BJP के पूर्व सांसद ने 10 महीने में 2 जगह डाला वोट, फोटो से मचा बवाल

पश्चिम बंगाल ओबीसी लिस्ट विवाद : हाईकोर्ट की सुनवाई पर सुप्रीम कोर्ट की नाराजगी, कहा- मामला लंबित है तो सुनवाई क्यों?

जुबिन गर्ग मामले में असम के मुख्य सूचना आयुक्त भास्कर ज्योति महंत का इस्तीफा, भाई श्यामकानु हुए अरेस्ट, फेसबुक पर क्या कहा?

बदलाव के मूड में बिहार की जनता: कांग्रेस सांसद तनुज पुनिया

रन बनाए, विकेट झटके और टीम इंडिया को दिलाई जीत, फिर भी अक्षर पटेल क्यों नाखुश हैं?




