बीकानेर: राजस्थान के बीकानेर में सांड से मौत मामले में पीड़ित परिवार को राहत देने का मामला सामने आया है, जिसमें अदालत ने नगर निगम की लापरवाही पर सख्त रुख अपनाते हुए बड़ा फैसला सुनाया है। सांड के हमले में महिला की मौत के मामले में बकाया मुआवजा राशि नहीं चुकाने पर बीकानेर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजीएम) कोर्ट ने नगर निगम आयुक्त के कार्यालय का सरकारी फर्नीचर कुर्क करने के आदेश दे दिए हैं।
क्या है मामला?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पूरा मामला 5 अगस्त 2019 का है, जब बीकानेर के गजनेर रोड स्थित कोठारी अस्पताल के पास पैदल चल रही संतोष देवी पर एक आवारा सांड और गाय ने हमला कर दिया। सांड ने महिला को सींगों से टक्कर मारी और पैरों से कुचल डाला। गंभीर हालत में महिला को पहले कोठारी अस्पताल और फिर पीबीएम अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान 6 अगस्त को उसकी मौत हो गई।
स्थायी लोक अदालत का फैसला
मृतका के पति धन्नाराम ने वर्ष 2020 में स्थायी लोक अदालत में नगर निगम और राज्य सरकार के खिलाफ परिवाद पेश किया। अदालत ने 2 अगस्त 2023 को फैसला सुनाते हुए नगर निगम को आदेश दिया कि वह धन्नाराम को 3,00,000 मुआवजा, 5,000 मानसिक संताप, 5,000 परिवाद व्यय और दिनांक 24 जनवरी 2020 से 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दे।
328,800 रुपए मिले, लेकिन 81,200 रुपए अभी भी बकाया!
नगर निगम ने 10 मार्च 2025 को 3,28,800 रुपए का आंशिक भुगतान तो कर दिया, लेकिन ?81,200 का बकाया मुआवजा अभी तक अटका हुआ है। धन्नाराम की ओर से बकाया राशि वसूलने के लिए 5 अप्रैल 2024 को इजराय प्रार्थना-पत्र पेश किया गया।
अब कुर्की का आदेश 16 जुलाई तक फर्नीचर की जब्ती रिपोर्ट मांगी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कोर्ट ने सुनवाई के बाद नगर निगम आयुक्त कार्यालय की संपत्ति कुर्क करने का आदेश दिया है। सेल अमीन को निर्देश दिया गया है कि वह निगम आयुक्त के ऑफिस का फर्नीचर कुर्क कर 16 जुलाई तक कुर्की की पालना रिपोर्ट कोर्ट में पेश करें।
क्या है मामला?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पूरा मामला 5 अगस्त 2019 का है, जब बीकानेर के गजनेर रोड स्थित कोठारी अस्पताल के पास पैदल चल रही संतोष देवी पर एक आवारा सांड और गाय ने हमला कर दिया। सांड ने महिला को सींगों से टक्कर मारी और पैरों से कुचल डाला। गंभीर हालत में महिला को पहले कोठारी अस्पताल और फिर पीबीएम अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान 6 अगस्त को उसकी मौत हो गई।
स्थायी लोक अदालत का फैसला
मृतका के पति धन्नाराम ने वर्ष 2020 में स्थायी लोक अदालत में नगर निगम और राज्य सरकार के खिलाफ परिवाद पेश किया। अदालत ने 2 अगस्त 2023 को फैसला सुनाते हुए नगर निगम को आदेश दिया कि वह धन्नाराम को 3,00,000 मुआवजा, 5,000 मानसिक संताप, 5,000 परिवाद व्यय और दिनांक 24 जनवरी 2020 से 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दे।
328,800 रुपए मिले, लेकिन 81,200 रुपए अभी भी बकाया!
नगर निगम ने 10 मार्च 2025 को 3,28,800 रुपए का आंशिक भुगतान तो कर दिया, लेकिन ?81,200 का बकाया मुआवजा अभी तक अटका हुआ है। धन्नाराम की ओर से बकाया राशि वसूलने के लिए 5 अप्रैल 2024 को इजराय प्रार्थना-पत्र पेश किया गया।
अब कुर्की का आदेश 16 जुलाई तक फर्नीचर की जब्ती रिपोर्ट मांगी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कोर्ट ने सुनवाई के बाद नगर निगम आयुक्त कार्यालय की संपत्ति कुर्क करने का आदेश दिया है। सेल अमीन को निर्देश दिया गया है कि वह निगम आयुक्त के ऑफिस का फर्नीचर कुर्क कर 16 जुलाई तक कुर्की की पालना रिपोर्ट कोर्ट में पेश करें।
You may also like
केएल राहुल के शतक के लालच में ऋषभ पंत को गंवाना पड़ा विकेट, बल्लेबाज ने खुद कर दिया बड़ा खुलासा
राजगढ़ः मोबाइल पर लिंक डाउनलोड करते ही खाता से निकले साढ़े चार लाख रूपये, केस दर्ज
राजगढ़ः टापरी से भूसा निकालने के दौरान महिला को सांप ने काटा,मौत
दिग्गज अभिनेता और पूर्व राजनेता कोटा श्रीनिवास राव का निधन
सगाई समारोह से लौट रही मिनी बस ट्रक से टकराई, चार की मौत