सोनीपत: हरियाणा के सोनीपत जिले में सुभाष चौक के पास कस्टोडियन की जमीन पर बनी 17 अवैध दुकानों पर गुरुवार को   बुलडोजर चला दिया गया। तहसीलदार द्वारा जारी नोटिस के बाद प्रशासन ने यह कार्रवाई की। दुकानदारों ने पहले ही अपनी दुकानें खाली करना शुरू कर दिया था। जिला राजस्व अधिकारी सुशील शर्मा और तहसीलदार कीर्ति की मौजूदगी में इन दुकानों को गिराया गया। यह मामला 1977 से चला आ रहा था, जब तत्कालीन नगरपालिका ने पार्किंग और ग्रीन बेल्ट के लिए आरक्षित जगह पर ये दुकानें बनवाकर किराए पर दे दी थीं। हाईकोर्ट ने 2009 में इन अवैध निर्माणों को हटाने का आदेश दिया था, लेकिन कुछ दुकानदारों ने स्टे ले लिया था। सुप्रीम कोर्ट ने 4 दिसंबर 2024 को स्टे हटाकर दुकानों को गिराने का आदेश दिया था। इसके बाद नगर निगम ने दुकानदारों के पुनर्वास का प्रस्ताव भी पारित किया है।   
   
   
यह पूरा मामला काफी लंबा खिंचा। 1977 में नगरपालिका की गलती से पार्किंग और ग्रीन बेल्ट की जगह पर दुकानें बन गईं और किराए पर उठ गईं। जब इस गड़बड़ी का पता चला तो इसे ठीक करने के लिए हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई। साल 2009 में हाईकोर्ट ने साफ कह दिया कि इन अवैध दुकानों को हटाओ। उसी साल 27 अक्टूबर को एक तरफ की 11 दुकानें तोड़ दी गईं। लेकिन एटलस रोड की तरफ बनी दुकानों के मालिकों ने हाईकोर्ट से स्टे (रोक) ले लिया। यह मामला सालों तक कोर्ट में लटका रहा।
   
   
सुप्रीम कोर्ट ने दुकानों को हटाने का आदेश दिया
फिर 19 जुलाई 2023 को हाईकोर्ट के जज अनिल क्षेत्रपाल ने वह स्टे हटा दिया। इसके बाद 16 अगस्त 2023 को प्रशासन ने बाकी 17 दुकानदारों को दुकानें खाली करने का नोटिस भेजा। 22 अगस्त को दुकानदारों ने अपना सामान तो निकाल लिया, लेकिन बिजली काटने के बाद जब प्रशासन कार्रवाई करने लगा तो दुकानदारों ने सुप्रीम कोर्ट से फिर से यथास्थिति बनाए रखने का आदेश ले लिया। इस वजह से कार्रवाई रुक गई थी। मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा। वहां नगर निगम ने अपना पक्ष रखते हुए हलफनामा दायर किया। उन्होंने बताया कि 2009 से इन दुकानों से किराया लेना बंद कर दिया गया था और इनका निर्माण पूरी तरह से अवैध है। सारी बातें जानने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 4 दिसंबर 2024 को स्टे को रद्द कर दिया और दुकानों को हटाने का आदेश दे दिया।
   
   
दुकानदारों को कहीं और बसाने का प्रस्ताव भी पास
अब जब दुकानें गिर गईं, तो नगर निगम ने दुकानदारों के पुनर्वास की दिशा में भी कदम बढ़ाया है। सेक्टर-23 में 3 अक्टूबर को हुई नगर निगम हाउस की बैठक में 225 से ज्यादा एजेंडों पर चर्चा हुई। इसी बैठक में सुभाष चौक पर कस्टोडियन की जमीन पर बनी 17 दुकानों के गिरने के बाद दुकानदारों को कहीं और बसाने का प्रस्ताव भी पास किया गया। इस प्रस्ताव से प्रभावित दुकानदारों को थोड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। प्रशासन ने पूरी कार्रवाई तहसीलदार कीर्ति और जिला राजस्व अधिकारी सुशील शर्मा की देखरेख में पूरी की।
   
  
यह पूरा मामला काफी लंबा खिंचा। 1977 में नगरपालिका की गलती से पार्किंग और ग्रीन बेल्ट की जगह पर दुकानें बन गईं और किराए पर उठ गईं। जब इस गड़बड़ी का पता चला तो इसे ठीक करने के लिए हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई। साल 2009 में हाईकोर्ट ने साफ कह दिया कि इन अवैध दुकानों को हटाओ। उसी साल 27 अक्टूबर को एक तरफ की 11 दुकानें तोड़ दी गईं। लेकिन एटलस रोड की तरफ बनी दुकानों के मालिकों ने हाईकोर्ट से स्टे (रोक) ले लिया। यह मामला सालों तक कोर्ट में लटका रहा।
सुप्रीम कोर्ट ने दुकानों को हटाने का आदेश दिया
फिर 19 जुलाई 2023 को हाईकोर्ट के जज अनिल क्षेत्रपाल ने वह स्टे हटा दिया। इसके बाद 16 अगस्त 2023 को प्रशासन ने बाकी 17 दुकानदारों को दुकानें खाली करने का नोटिस भेजा। 22 अगस्त को दुकानदारों ने अपना सामान तो निकाल लिया, लेकिन बिजली काटने के बाद जब प्रशासन कार्रवाई करने लगा तो दुकानदारों ने सुप्रीम कोर्ट से फिर से यथास्थिति बनाए रखने का आदेश ले लिया। इस वजह से कार्रवाई रुक गई थी। मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा। वहां नगर निगम ने अपना पक्ष रखते हुए हलफनामा दायर किया। उन्होंने बताया कि 2009 से इन दुकानों से किराया लेना बंद कर दिया गया था और इनका निर्माण पूरी तरह से अवैध है। सारी बातें जानने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 4 दिसंबर 2024 को स्टे को रद्द कर दिया और दुकानों को हटाने का आदेश दे दिया।
दुकानदारों को कहीं और बसाने का प्रस्ताव भी पास
अब जब दुकानें गिर गईं, तो नगर निगम ने दुकानदारों के पुनर्वास की दिशा में भी कदम बढ़ाया है। सेक्टर-23 में 3 अक्टूबर को हुई नगर निगम हाउस की बैठक में 225 से ज्यादा एजेंडों पर चर्चा हुई। इसी बैठक में सुभाष चौक पर कस्टोडियन की जमीन पर बनी 17 दुकानों के गिरने के बाद दुकानदारों को कहीं और बसाने का प्रस्ताव भी पास किया गया। इस प्रस्ताव से प्रभावित दुकानदारों को थोड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। प्रशासन ने पूरी कार्रवाई तहसीलदार कीर्ति और जिला राजस्व अधिकारी सुशील शर्मा की देखरेख में पूरी की।
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