नई दिल्ली: भारतीय सेना ने स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित सॉफ्टवेयर डिफाइंड रेडियो ( SDR ) की खरीद के लिए एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं। यह SDR रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन द्वारा विकसित किए गए हैं और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड द्वारा निर्मित किए जा रहे हैं।
ये रेडियो उच्च डेटा दर और मोबाइल एड हॉक नेटवर्क (MANET) क्षमताओं से लैस हैं, जो सेना के संचार को सुरक्षित और रियल-टाइम में बेहतर बनाएंगे। इससे सेना की युद्धक्षेत्र में ऑपरेशनल तैयारी मजबूत होगी, खासकर नेटवर्क-केंद्रित युद्धों में। यह कदम आत्मनिर्भर भारत की दिशा में रक्षा क्षेत्र में एक बड़ा मील का पत्थर माना जा रहा है।
तीनों सेनाओं के साथ मिलकर तैयार किया गया SDR
एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, DRDO ने इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ (IDS) और तीनों सेनाओं के साथ मिलकर 'इंडियन रेडियो सॉफ्टवेयर आर्किटेक्चर' मानक 1.0 जारी किया है। IRSA, सॉफ्टवेयर डिफाइंड रेडियो के लिए एक व्यापक सॉफ्टवेयर स्पेसिफिकेशन है। यह सैन्य संचार में इंटरऑपरेबिलिटी यानी विभिन्न उपकरणों के एक साथ काम करने की क्षमता को सक्षम करेगा।
IRSA क्या है?
IRSA का मतलब है कि अलग-अलग SDR एक-दूसरे से आसानी से बात कर सकेंगे। यह वेवफॉर्म पोर्टेबिलिटी, SDR इंटरऑपरेबिलिटी, सर्टिफिकेशन और कन्फर्मेशन सुनिश्चित करता है। यह भारत के लिए स्वदेशी, इंटरऑपरेबल और भविष्य के लिए तैयार SDR समाधान बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह स्पेसिफिकेशन भविष्य की जरूरतों के हिसाब से विकसित होगा और नई तकनीकों को एकीकृत करने का आधार बनेगा।
ADGPI ने X पर पोस्ट करते हुए कहा, "भारतीय सेना ने अपने पहले स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित सॉफ्टवेयर डिफाइंड रेडियोSDR के लिए एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं। जिसे DRDO द्वारा विकसित किया गया है और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड द्वारा उत्पादित किया गया है। यह उच्च डेटा दर और मोबाइल एड हॉक नेटवर्क (MANET) क्षमताओं से लैस, ये उन्नत SDR सुरक्षित, रियल-टाइम संचार को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाएंगे और सूचना-गहन, नेटवर्क-केंद्रित युद्धक्षेत्रों में सेना की परिचालन तत्परता को मजबूत करेंगे।"
IRSA का लक्ष्य इसे सिर्फ एक राष्ट्रीय मानक ही नहीं, बल्कि एक वैश्विक बेंचमार्क बनाना है। इससे भारत SDR तकनीक के भविष्य को आकार दे सकेगा और मित्र देशों को IRSA-अनुरूप समाधान निर्यात कर सकेगा।
ये रेडियो उच्च डेटा दर और मोबाइल एड हॉक नेटवर्क (MANET) क्षमताओं से लैस हैं, जो सेना के संचार को सुरक्षित और रियल-टाइम में बेहतर बनाएंगे। इससे सेना की युद्धक्षेत्र में ऑपरेशनल तैयारी मजबूत होगी, खासकर नेटवर्क-केंद्रित युद्धों में। यह कदम आत्मनिर्भर भारत की दिशा में रक्षा क्षेत्र में एक बड़ा मील का पत्थर माना जा रहा है।
तीनों सेनाओं के साथ मिलकर तैयार किया गया SDR
एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, DRDO ने इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ (IDS) और तीनों सेनाओं के साथ मिलकर 'इंडियन रेडियो सॉफ्टवेयर आर्किटेक्चर' मानक 1.0 जारी किया है। IRSA, सॉफ्टवेयर डिफाइंड रेडियो के लिए एक व्यापक सॉफ्टवेयर स्पेसिफिकेशन है। यह सैन्य संचार में इंटरऑपरेबिलिटी यानी विभिन्न उपकरणों के एक साथ काम करने की क्षमता को सक्षम करेगा।
IRSA क्या है?
IRSA का मतलब है कि अलग-अलग SDR एक-दूसरे से आसानी से बात कर सकेंगे। यह वेवफॉर्म पोर्टेबिलिटी, SDR इंटरऑपरेबिलिटी, सर्टिफिकेशन और कन्फर्मेशन सुनिश्चित करता है। यह भारत के लिए स्वदेशी, इंटरऑपरेबल और भविष्य के लिए तैयार SDR समाधान बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह स्पेसिफिकेशन भविष्य की जरूरतों के हिसाब से विकसित होगा और नई तकनीकों को एकीकृत करने का आधार बनेगा।
Indian Army has signed a contract for the procurement of its first indigenously designed and manufactured Software Defined Radios, #SDR, developed by #DRDO and produced by Bharat Electronics Limited, #BEL.
— ADG PI - INDIAN ARMY (@adgpi) October 28, 2025
Equipped with high data rates and Mobile Ad hoc Network (MANET)… pic.twitter.com/iCoMExAFUz
ADGPI ने X पर पोस्ट करते हुए कहा, "भारतीय सेना ने अपने पहले स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित सॉफ्टवेयर डिफाइंड रेडियोSDR के लिए एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं। जिसे DRDO द्वारा विकसित किया गया है और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड द्वारा उत्पादित किया गया है। यह उच्च डेटा दर और मोबाइल एड हॉक नेटवर्क (MANET) क्षमताओं से लैस, ये उन्नत SDR सुरक्षित, रियल-टाइम संचार को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाएंगे और सूचना-गहन, नेटवर्क-केंद्रित युद्धक्षेत्रों में सेना की परिचालन तत्परता को मजबूत करेंगे।"
IRSA का लक्ष्य इसे सिर्फ एक राष्ट्रीय मानक ही नहीं, बल्कि एक वैश्विक बेंचमार्क बनाना है। इससे भारत SDR तकनीक के भविष्य को आकार दे सकेगा और मित्र देशों को IRSA-अनुरूप समाधान निर्यात कर सकेगा।
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