लेह/नई दिल्ली: कांग्रेस के मीडिया और प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने शुक्रवार को बड़ा दावा किया। पवन खेड़ा ने उन सभी बीजेपी नेताओं, एंकरों और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की बात कही है, जो फुंटसोग स्टैनज़िन को कांग्रेस पार्षद बताकर उसके लेह हिंसा में संलिप्त होने की बात कह रहे हैं। पवन खेड़ा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया कि फुंटसोग स्टैनज़िन को कांग्रेस का पार्षद बताकर ये लोग हमारी पार्टी को न सिर्फ बदनाम कर रहे हैं। बल्कि समाज में अशांति पैदा करके लोगों के बीच में मतभेद भी पैदा कर रहे हैं। बीजेपी के लोग लद्दाख के लोगों का साथ देने के बजाय आदतन उन पर कीचड़ उछाल रहे हैं।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि बीजेपी के लोग लद्दाख के आक्रोशित लोगों का सहारा लेकर अपने लिए राजनीतिक संभावनाओं का मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं। इससे पहले 24 सितंबर को बीजेपी के आईटी सेल के प्रभारी अमित मालवीय ने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करके लेह हिंसा को लेकर बड़ा दावा किया था। इस पोस्ट में उन्होंने कहा था कि लद्दाख में दंगा कर रहा यह व्यक्ति अपर लेह वार्ड का कांग्रेस पार्षद फुंटसोग स्टैनज़िन त्सेपाग है। उसे भीड़ को उकसाते और भाजपा कार्यालय तथा हिल काउंसिल को निशाना बनाकर की गई हिंसा में शामिल होते हुए साफ देखा जा सकता है। क्या राहुल गांधी इसी तरह की अशांति की कल्पना कर रहे हैं?
लेह में हिंसा की शुरुआत 24 सितंबर को हुई। लेह एपेक्स बॉडी (एलएबी) की युवा विंग द्वारा बुलाए गए बंद के दौरान हजारों प्रदर्शनकारी (छात्र, भिक्षु और स्थानीय लोग) मार्च कर रहे थे। सुबह से ही पत्थरबाजी, आगजनी और पुलिस के साथ झड़पें शुरू हो गईं। दोपहर तक पुलिस ने आंसू गैस, लाठीचार्ज और गोलीबारी की, जिसमें कम से कम 4 लोग मारे गए और 60-80 से अधिक घायल हो गए। प्रदर्शनकारियों ने बीजेपी कार्यालय, सीआरपीएफ वाहन और हिल काउंसिल भवन को आग लगा दी।
हिंसा उसी दिन शाम तक चली, लेकिन इसके बाद लेह में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया गया। 25 सितंबर को स्थिति नियंत्रित रही। 50 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया। शुक्रवार को भी वहां तनाव बरकरार है, लेकिन कोई अप्रिय घटना की सूचना नहीं है। स्कूल-कॉलेज बंद हैं और सुरक्षा बल तैनात हैं। अमित मालवीय ने अपने एक्स हैंडल पर लेह हिंसा के बाद कुछ तस्वीरें और वीडियो शेयर किए थे।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि बीजेपी के लोग लद्दाख के आक्रोशित लोगों का सहारा लेकर अपने लिए राजनीतिक संभावनाओं का मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं। इससे पहले 24 सितंबर को बीजेपी के आईटी सेल के प्रभारी अमित मालवीय ने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करके लेह हिंसा को लेकर बड़ा दावा किया था। इस पोस्ट में उन्होंने कहा था कि लद्दाख में दंगा कर रहा यह व्यक्ति अपर लेह वार्ड का कांग्रेस पार्षद फुंटसोग स्टैनज़िन त्सेपाग है। उसे भीड़ को उकसाते और भाजपा कार्यालय तथा हिल काउंसिल को निशाना बनाकर की गई हिंसा में शामिल होते हुए साफ देखा जा सकता है। क्या राहुल गांधी इसी तरह की अशांति की कल्पना कर रहे हैं?
लेह में हिंसा की शुरुआत 24 सितंबर को हुई। लेह एपेक्स बॉडी (एलएबी) की युवा विंग द्वारा बुलाए गए बंद के दौरान हजारों प्रदर्शनकारी (छात्र, भिक्षु और स्थानीय लोग) मार्च कर रहे थे। सुबह से ही पत्थरबाजी, आगजनी और पुलिस के साथ झड़पें शुरू हो गईं। दोपहर तक पुलिस ने आंसू गैस, लाठीचार्ज और गोलीबारी की, जिसमें कम से कम 4 लोग मारे गए और 60-80 से अधिक घायल हो गए। प्रदर्शनकारियों ने बीजेपी कार्यालय, सीआरपीएफ वाहन और हिल काउंसिल भवन को आग लगा दी।
हिंसा उसी दिन शाम तक चली, लेकिन इसके बाद लेह में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया गया। 25 सितंबर को स्थिति नियंत्रित रही। 50 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया। शुक्रवार को भी वहां तनाव बरकरार है, लेकिन कोई अप्रिय घटना की सूचना नहीं है। स्कूल-कॉलेज बंद हैं और सुरक्षा बल तैनात हैं। अमित मालवीय ने अपने एक्स हैंडल पर लेह हिंसा के बाद कुछ तस्वीरें और वीडियो शेयर किए थे।
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