सीतामढ़ी: बिहार के अंचलों में दाखिल-खारिज और जमीन से संबंधित अन्य कार्यों में अवैध उगाही का खेल बंद नहीं हुआ है। बिहार भूमि सर्वे के दौरान भी आमजन से अवैध पैसे की वसूली जारी है। अब तो वसूली आम बात हो चली है। सूबे में बराबर किसी न किसी अंचल के सीओ/राजस्व कर्मचारी रिश्वत लेते निगरानी टीम के हत्थे चढ़ते रहते हैं। इधर, सीतामढ़ी जिले में कैसे और कितनी अवैध वसूली की जाती है, के पूरे खेल का खुलासा बताया जा रहा है। दरअसल, एक कथित सीओ का एक व्यक्ति से बातचीत का ऑडियो वायरल हुआ है। वह कितना अवैध वसूली करती हैं और उसमें से किसको, कितना हिस्सा देती है, ऑडियो में स्पष्ट रूप से सुना जा सकता है।
ऑडियो में कई आपत्तिजनक बातें
कथित सीओ का ऑडियो का खूब वायरल हो रहा है। सोशल मीडिया पर लोग ऑडियो सुन रहे हैं और शेयर भी कर रहे हैं। उक्त ऑडियो में कई आपत्तिजनक बातें कही गई हैं। बहरहाल, वायरल ऑडियो के मामले में सीओ पर बड़ी कार्रवाई भी संभव है। जानकारों का कहना है कि जिले की जिस सीओ का कथित ऑडियो है, वह पहले भी चर्चित रही हैं। NBT उक्त ऑडियो की पुष्टि नहीं करता है। कहा जा रहा है कि संबंधित सीओ का यह कोई पहला ऑडियो नहीं है। इससे पूर्व भी वरीय अधिकारियों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी का ऑडियो वायरल होने पर उक्त सीओ के खिलाफ राज्य सरकार को रिपोर्ट की गई थी। सीओ का यह नया ऑडियो उनके गले की बड़ी हड्डी बन सकता है।
करीबी से बातचीत में आपत्तिजनक बातें
जानकार कहते है कि ऑडियो में एक आवाज जिले की एक सीओ की है। सीओ की बात अपने अंचल क्षेत्र के एक नेता से हो रही है। बातचीत में सीओ कह रही हैं कि आरोप-पत्र की प्रति लेकर वह पटना गई थीं, जिसे दिखाया, उसने साक्ष्यों को देखकर कहा कि एसी रूम में बैठकर आरोप-पत्र तैयार किया गया है। यह सुनकर नेता ( वार्ड सदस्य संघ का नेता) कहता है कि अनंत सिंह के साथ कभी लोहा सिंह रहते थे। लोहा सिंह के पिता सचिवालय में काम करते थे। उनकी पूरी पकड़ राजस्व विभाग में भी है। तब सीओ संबंधित व्यक्ति का नंबर मांगती है। आगे कहती है कि पटना से जब जवाब मांगा जायेगा, तो वहीं लीगल लोगों से बात कर जवाब दूंगी। बातचीत से खुलासा हुआ है कि सीओ द्वारा 16 पेज का जवाब तैयार कर रखा गया है।
सैरात का पैसा खा गया!
वह नेता से ऐसे बात कर रही हैं, जैसे वह पारिवारिक सदस्य हों। बातचीत में कुछ बातें ऐसी कहती हैं, जो एक प्रशासनिक पदाधिकारी के लिए अनुचित माना जा रहा है। नेता से सीओ कहती हैं कि कार्यालय में सरकारी राशि का गबन हुआ है। सैरात के साथ ही भू- राजस्व का पैसा खाया गया है। उन्होंने रिपोर्ट की थी, पर कुछ नहीं हुआ। तभी बीच में नेता अवैध राशि देने से संबंधित बातें शुरू कर देता है। इस पर सीओ कहती हैं कि सीडीपीओ...3500 रूपया...देती है। हालांकि यह पैसा किसे दिया जाता है, यह बातचीत में स्पष्ट नहीं हो पा रहा है।
पूर्व सीओ की हर माह 50,000 कमाई!
बातचीत में सीओ खुलासा करती हैं कि पूर्व सीओ को दाखिल खारिज में हर माह 50 हजार रूपये की कमाई थी। उन्हें (सीओ खुद की अवैध कमाई बताती हैं) दाखिल खारिज के एक केस में 1000-1200 रूपया मिलता है। आधा आवेदन तो अस्वीकृत होता है। कहती है कि 'आपको 10 हजार... 20 हजार चाहिए, तो बोलिए हर हल्का में बांट देते हैं।' बातचीत में यह क्लियर नहीं हुआ है कि इस पैसे की डिमांड उनसे किसने की।
दो अफसरों को पहुंचाती हैं अवैध पैसा!
वैसे कथित सीओ ने दो अधिकारियों के पद का खुलासा किया है, जिन्हें अवैध वसूली से कमाए पैसे में से हिस्सा मिलता है। बातचीत में क्षेत्रीय विधायक का भी जिक्र किया गया है। अंत में सीओ कहती हैं कि वो (कुछ लोग) यहां से हटाने को तत्पर हैं, तो यहां रहने देने के लिए भी बहुत सारे लोग तत्पर हैं। जानकारों की मानें, तो ऑडियो में जिन सीओ की आवाज है, उनके खिलाफ डीएम द्वारा पिछले दिनों राजस्व विभाग को कार्रवाई के लिए एक रिपोर्ट भेजी गई थी।
परिहार सीओ ने किया है खंडन
ऑडियो में परिहार सीओ मोनी कुमारी की आवाज होने की बातें कही जा रही हैं। ऐसी खबर सीओ को भी मिली है। इसको लेकर सीओ मोनी कुमारी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि एक ऑडियो प्रसारित किया जा रहा है, जिसमें उनकी आवाज होने का दावा किया जा रहा है, हकीकत है कि वह उनकी आवाज नहीं है। उन्होंने इस तरह से किसी से बातचीत नहीं की है। एक साजिश के तहत कुछ संदिग्ध लोगों द्वारा दबाव बनाने के उद्देश्य से उनके खिलाफ ऐसा दुष्प्रचार किया जा रहा है।
ऑडियो में कई आपत्तिजनक बातें
कथित सीओ का ऑडियो का खूब वायरल हो रहा है। सोशल मीडिया पर लोग ऑडियो सुन रहे हैं और शेयर भी कर रहे हैं। उक्त ऑडियो में कई आपत्तिजनक बातें कही गई हैं। बहरहाल, वायरल ऑडियो के मामले में सीओ पर बड़ी कार्रवाई भी संभव है। जानकारों का कहना है कि जिले की जिस सीओ का कथित ऑडियो है, वह पहले भी चर्चित रही हैं। NBT उक्त ऑडियो की पुष्टि नहीं करता है। कहा जा रहा है कि संबंधित सीओ का यह कोई पहला ऑडियो नहीं है। इससे पूर्व भी वरीय अधिकारियों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी का ऑडियो वायरल होने पर उक्त सीओ के खिलाफ राज्य सरकार को रिपोर्ट की गई थी। सीओ का यह नया ऑडियो उनके गले की बड़ी हड्डी बन सकता है।
करीबी से बातचीत में आपत्तिजनक बातें
जानकार कहते है कि ऑडियो में एक आवाज जिले की एक सीओ की है। सीओ की बात अपने अंचल क्षेत्र के एक नेता से हो रही है। बातचीत में सीओ कह रही हैं कि आरोप-पत्र की प्रति लेकर वह पटना गई थीं, जिसे दिखाया, उसने साक्ष्यों को देखकर कहा कि एसी रूम में बैठकर आरोप-पत्र तैयार किया गया है। यह सुनकर नेता ( वार्ड सदस्य संघ का नेता) कहता है कि अनंत सिंह के साथ कभी लोहा सिंह रहते थे। लोहा सिंह के पिता सचिवालय में काम करते थे। उनकी पूरी पकड़ राजस्व विभाग में भी है। तब सीओ संबंधित व्यक्ति का नंबर मांगती है। आगे कहती है कि पटना से जब जवाब मांगा जायेगा, तो वहीं लीगल लोगों से बात कर जवाब दूंगी। बातचीत से खुलासा हुआ है कि सीओ द्वारा 16 पेज का जवाब तैयार कर रखा गया है।
सैरात का पैसा खा गया!
वह नेता से ऐसे बात कर रही हैं, जैसे वह पारिवारिक सदस्य हों। बातचीत में कुछ बातें ऐसी कहती हैं, जो एक प्रशासनिक पदाधिकारी के लिए अनुचित माना जा रहा है। नेता से सीओ कहती हैं कि कार्यालय में सरकारी राशि का गबन हुआ है। सैरात के साथ ही भू- राजस्व का पैसा खाया गया है। उन्होंने रिपोर्ट की थी, पर कुछ नहीं हुआ। तभी बीच में नेता अवैध राशि देने से संबंधित बातें शुरू कर देता है। इस पर सीओ कहती हैं कि सीडीपीओ...3500 रूपया...देती है। हालांकि यह पैसा किसे दिया जाता है, यह बातचीत में स्पष्ट नहीं हो पा रहा है।
पूर्व सीओ की हर माह 50,000 कमाई!
बातचीत में सीओ खुलासा करती हैं कि पूर्व सीओ को दाखिल खारिज में हर माह 50 हजार रूपये की कमाई थी। उन्हें (सीओ खुद की अवैध कमाई बताती हैं) दाखिल खारिज के एक केस में 1000-1200 रूपया मिलता है। आधा आवेदन तो अस्वीकृत होता है। कहती है कि 'आपको 10 हजार... 20 हजार चाहिए, तो बोलिए हर हल्का में बांट देते हैं।' बातचीत में यह क्लियर नहीं हुआ है कि इस पैसे की डिमांड उनसे किसने की।
दो अफसरों को पहुंचाती हैं अवैध पैसा!
वैसे कथित सीओ ने दो अधिकारियों के पद का खुलासा किया है, जिन्हें अवैध वसूली से कमाए पैसे में से हिस्सा मिलता है। बातचीत में क्षेत्रीय विधायक का भी जिक्र किया गया है। अंत में सीओ कहती हैं कि वो (कुछ लोग) यहां से हटाने को तत्पर हैं, तो यहां रहने देने के लिए भी बहुत सारे लोग तत्पर हैं। जानकारों की मानें, तो ऑडियो में जिन सीओ की आवाज है, उनके खिलाफ डीएम द्वारा पिछले दिनों राजस्व विभाग को कार्रवाई के लिए एक रिपोर्ट भेजी गई थी।
परिहार सीओ ने किया है खंडन
ऑडियो में परिहार सीओ मोनी कुमारी की आवाज होने की बातें कही जा रही हैं। ऐसी खबर सीओ को भी मिली है। इसको लेकर सीओ मोनी कुमारी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि एक ऑडियो प्रसारित किया जा रहा है, जिसमें उनकी आवाज होने का दावा किया जा रहा है, हकीकत है कि वह उनकी आवाज नहीं है। उन्होंने इस तरह से किसी से बातचीत नहीं की है। एक साजिश के तहत कुछ संदिग्ध लोगों द्वारा दबाव बनाने के उद्देश्य से उनके खिलाफ ऐसा दुष्प्रचार किया जा रहा है।
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