विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक दुनियाभर में सबसे ज्यादा दिल के मरीज हैं। इसमें भी हार्ट अटैक के मामले काफी देखे जाते हैं। आजकल जवान लोग दिल का दौरा पड़ने के बाद कुछ ही देर में जान गंवा देते हैं। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण लाइफस्टाइल में सुस्ती और खराब खाना है। जिससे कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाता है।
जब एलडीएल कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाता है तो दिल को खून पहुंचाने वाली आर्टरी नसें ब्लॉक हो जाती हैं। क्योंकि इसकी वजह से उनके अंदर प्लाक जम जाता है। इससे नस सिकुड़ जाती हैं और ब्लड प्रेशर भी बढ़ने लगता है। ऐसे लोगों को हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक कभी भी आ सकता है। सबसे खतरनाक बात यह है कि इसके बारे में लोगों को पता भी नहीं लग पाता।
क्योंकि एलडीएल कोलेस्ट्रॉल से नसों का सिकुड़ना एक साइलेंट किलर है। लेकिन अगर बारीकी से नजर रखी जाएं तो कुछ लक्षणों से इससे बचा जा सकता है। क्योंकि इसकी वजह से आंख में 4 लक्षण दिखाई दे सकते हैं, जो मामूली लग सकते हैं। मगर इन्हें नजरअंदाज करने से नसें कभी भी ब्लॉक हो जाएंगी। एक लक्षण दिखने के बाद आपकी आंखों की रोशनी भी जा सकती है।
पलकों पर फैट जमना
कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर आंखों में दिखने वाला सबसे आम लक्षण जैंथेलास्मा है। क्लीवलैंड क्लीनिक के मुताबिक इसमें पलकों के कोने पर एक पीला दाना बन जाता है। यह आमतौर पर पीले फैटी डिपॉजिट होते हैं। इनके दिखने पर लिपिड टेस्ट जरूर करवा लें।
आर्कस सेनिलिस
यह लक्षण आंखों को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता है। इसमें पुतली पर एक सफेद या सलेटी रंग का सर्कल बन जाता है। क्लीवलैंड को डॉ. बैजिक ने बताया कि इसका मतलब है कि कोलेस्ट्रॉल आपकी आंखों के अंदर जमने लगा है।
होलेनहॉर्स्ट प्लाक
यह लक्षण आंख में दिखता है लेकिन इसे देखने के लिए आई टेस्ट करवाना पड़ता है। इसमें कोलेस्ट्रॉल की वजह से आंख के अंदर कोई नस ब्लॉक हो जाती है। जिससे नजर अचानक से नजर धुंधली हो सकती है। टेस्ट के अंदर यह नसों में पीले रंग के बिंदु की तरह दिखाई देता है। इसका कोई इलाज नहीं है और अक्सर प्रभावित आंख की रोशनी चली जाती है। कुछ लोगों को धुंधला भी दिखने लगता है।
रेटिनल वेन ऑक्लूजन
आंखों के रेटिना को कुछ नसें और आर्टरी खून पहुंचाती है। जब किसी नस में ब्लॉकेज हो जाती है तो उसे रेटिनल वेन ऑक्लूजन कहते हैं। अगर यह आर्टरी में होता है तो इसे रेटिनल आर्टरी ऑक्लूजन कहा जाता है। इसका पता लगाने के लिए भी आई टेस्ट करवाना पड़ता है।
आंख में कोलेस्ट्रॉल का घरेलू इलाज
इसके लिए सबसे पहले शरीर को एक्टिव रखना चालू करें। डाइट में पानी और फाइबर की मात्रा बढ़ाएं ताकि स्थिति बिगड़ने से बच जाए। खाने में तेल, फैट और मीठे वाली चीजें कम कर दें। आंखों की एक्सरसाइज करें।
करवाना पड़ता है सर्जरी भी
जैंथेलास्मा में आपको एक सर्जरी भी करवानी पड़ सकती है। इसमे छोटा सा चीरा लगाकर फैटी डिपॉजिट को निकाला जाता है। इसके अलावा कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए कुछ दवाएं भी खिलाई जा सकती हैं।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। एनबीटी इसकी सत्यता, सटीकता और असर की जिम्मेदारी नहीं लेता है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
जब एलडीएल कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाता है तो दिल को खून पहुंचाने वाली आर्टरी नसें ब्लॉक हो जाती हैं। क्योंकि इसकी वजह से उनके अंदर प्लाक जम जाता है। इससे नस सिकुड़ जाती हैं और ब्लड प्रेशर भी बढ़ने लगता है। ऐसे लोगों को हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक कभी भी आ सकता है। सबसे खतरनाक बात यह है कि इसके बारे में लोगों को पता भी नहीं लग पाता।
क्योंकि एलडीएल कोलेस्ट्रॉल से नसों का सिकुड़ना एक साइलेंट किलर है। लेकिन अगर बारीकी से नजर रखी जाएं तो कुछ लक्षणों से इससे बचा जा सकता है। क्योंकि इसकी वजह से आंख में 4 लक्षण दिखाई दे सकते हैं, जो मामूली लग सकते हैं। मगर इन्हें नजरअंदाज करने से नसें कभी भी ब्लॉक हो जाएंगी। एक लक्षण दिखने के बाद आपकी आंखों की रोशनी भी जा सकती है।
पलकों पर फैट जमना

कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर आंखों में दिखने वाला सबसे आम लक्षण जैंथेलास्मा है। क्लीवलैंड क्लीनिक के मुताबिक इसमें पलकों के कोने पर एक पीला दाना बन जाता है। यह आमतौर पर पीले फैटी डिपॉजिट होते हैं। इनके दिखने पर लिपिड टेस्ट जरूर करवा लें।
आर्कस सेनिलिस
यह लक्षण आंखों को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता है। इसमें पुतली पर एक सफेद या सलेटी रंग का सर्कल बन जाता है। क्लीवलैंड को डॉ. बैजिक ने बताया कि इसका मतलब है कि कोलेस्ट्रॉल आपकी आंखों के अंदर जमने लगा है।
होलेनहॉर्स्ट प्लाक
यह लक्षण आंख में दिखता है लेकिन इसे देखने के लिए आई टेस्ट करवाना पड़ता है। इसमें कोलेस्ट्रॉल की वजह से आंख के अंदर कोई नस ब्लॉक हो जाती है। जिससे नजर अचानक से नजर धुंधली हो सकती है। टेस्ट के अंदर यह नसों में पीले रंग के बिंदु की तरह दिखाई देता है। इसका कोई इलाज नहीं है और अक्सर प्रभावित आंख की रोशनी चली जाती है। कुछ लोगों को धुंधला भी दिखने लगता है।
रेटिनल वेन ऑक्लूजन
आंखों के रेटिना को कुछ नसें और आर्टरी खून पहुंचाती है। जब किसी नस में ब्लॉकेज हो जाती है तो उसे रेटिनल वेन ऑक्लूजन कहते हैं। अगर यह आर्टरी में होता है तो इसे रेटिनल आर्टरी ऑक्लूजन कहा जाता है। इसका पता लगाने के लिए भी आई टेस्ट करवाना पड़ता है।
आंख में कोलेस्ट्रॉल का घरेलू इलाज
इसके लिए सबसे पहले शरीर को एक्टिव रखना चालू करें। डाइट में पानी और फाइबर की मात्रा बढ़ाएं ताकि स्थिति बिगड़ने से बच जाए। खाने में तेल, फैट और मीठे वाली चीजें कम कर दें। आंखों की एक्सरसाइज करें।
करवाना पड़ता है सर्जरी भी
जैंथेलास्मा में आपको एक सर्जरी भी करवानी पड़ सकती है। इसमे छोटा सा चीरा लगाकर फैटी डिपॉजिट को निकाला जाता है। इसके अलावा कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए कुछ दवाएं भी खिलाई जा सकती हैं।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। एनबीटी इसकी सत्यता, सटीकता और असर की जिम्मेदारी नहीं लेता है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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