नई दिल्ली: दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी इकॉनमी वाले देश चीन का बुलबुला फूटने वाला है। करीब दो दशक से भी अधिक समय से दुनिया के ग्रोथ का इंजन रहे चीन में डेट-टू-जीडीपी रेश्यो इस फाइनेंशियल ईयर की दूसरी तिमाही में 336% पहुंच चुका है। इसका मतलब यह है कि चीन का कर्ज उसकी जीडीपी के तीन गुना से अधिक हो चुका है। यानी चीन अगर 1 डॉलर की कोई चीज बनाता है तो उस पर उसका 3.36 डॉलर का कर्ज है। चीन पर कभी भी इतना कर्ज नहीं रहा है।
पिछले 10 साल में इसमें 78% तेजी आई है। इस दौरान सबसे ज्यादा तेजी सरकार के कर्ज में आई है। चीन में पिछले 10 साल में नॉन-फाइनेंशियल कॉरपोरेट्स का डेट-टू-जीडीपी रेश्यो सबसे ज्यादा 142 फीसदी बढ़ा है। इसके बाद सरकार का नंबर है। सरकार को डेट-टू-जीडीपी रेश्यो 93% बढ़ा है। 2015 के बाद से परिवारों का डेट-टू-जीडीपी रेश्यो 60 परसेंट और फाइनेंशियल कॉरपोरेट्स का डेट-टू-जीडीपी रेश्यो 41 फीसदी बढ़ा है। जापान में डेट-टू-जीडीपी रेश्यो 264% है और देश इसे कई दशकों से मैनेज कर रहा है।
रियल एस्टेट संकट
चीन की इकॉनमी पिछले कुछ समय से कई मोर्चों पर संघर्ष कर रही है। उसकी सबसे बड़ी समस्या रियल एस्टेट संकट है जिसकी देश की जीडीपी में करीब एक तिहाई हिस्सेदारी है। चीन ने इस संकट से निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं लेकिन उनका कोई ठोस नतीजा नहीं निकला है। इस संकट के कारण चीन की पूरी इकॉनमी के धराशायी होने का खतरा पैदा हो गया है। अमेरिका के साथ चल रहे ट्रेड वॉर ने चीन को बुरी तरह झकझोर दिया है।
पिछले 10 साल में इसमें 78% तेजी आई है। इस दौरान सबसे ज्यादा तेजी सरकार के कर्ज में आई है। चीन में पिछले 10 साल में नॉन-फाइनेंशियल कॉरपोरेट्स का डेट-टू-जीडीपी रेश्यो सबसे ज्यादा 142 फीसदी बढ़ा है। इसके बाद सरकार का नंबर है। सरकार को डेट-टू-जीडीपी रेश्यो 93% बढ़ा है। 2015 के बाद से परिवारों का डेट-टू-जीडीपी रेश्यो 60 परसेंट और फाइनेंशियल कॉरपोरेट्स का डेट-टू-जीडीपी रेश्यो 41 फीसदी बढ़ा है। जापान में डेट-टू-जीडीपी रेश्यो 264% है और देश इसे कई दशकों से मैनेज कर रहा है।
रियल एस्टेट संकट
चीन की इकॉनमी पिछले कुछ समय से कई मोर्चों पर संघर्ष कर रही है। उसकी सबसे बड़ी समस्या रियल एस्टेट संकट है जिसकी देश की जीडीपी में करीब एक तिहाई हिस्सेदारी है। चीन ने इस संकट से निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं लेकिन उनका कोई ठोस नतीजा नहीं निकला है। इस संकट के कारण चीन की पूरी इकॉनमी के धराशायी होने का खतरा पैदा हो गया है। अमेरिका के साथ चल रहे ट्रेड वॉर ने चीन को बुरी तरह झकझोर दिया है।
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