Online Gaming Bill 2025 Impact On Dream11: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड क्रिकेट बिजनेस वर्ल्ड का पारस है। माना जाता है कि वह जिस पर भी हाथ रख दे वो हीरा बन जाता है। क्रिकेटरों को धन कुबेर बनाने वाले इस बोर्ड के साथ जुड़ने के लिए होड़ लगी रहती है। कंपनियां जर्सी स्पॉन्सरशिप के लिए मुंह मांगी कीमत देने को तैयार रहती हैं। टीम के हर मैच में खिलाड़ी टीम प्रायोजक के नाम वाली जर्सी पहनते हैं। स्पॉन्सर डील करने वाली कंपनी को बड़े फायदे की उम्मीद होती है। हालांकि, यह सौदा सुनने में जितना अच्छा लगता है, उतना ही खतरनाक होता है।
दरअसल, 2001 के बाद से भारतीय क्रिकेट टीम को स्पॉन्सर करने वाली (बीसीसीआई के साथ साझेदारी करने के बाद) हर कंपनी को किसी न किसी तरह के कानूनी या वित्तीय विवाद में फंसते देखा गया है। इस लिस्ट में ड्रीम11 का नया नाम भी जुड़ गया है। ड्रीम11 2023 में भारत का टीम प्रायोजक बना था। वर्तमान में भारत सरकार की ओर से 21 अगस्त को ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 पारित करने के बाद खुद को एक अनिश्चित स्थिति में पा रहा है। दरअसल, नए विधेयक के अनुसार, सभी रियल-मनी गेमिंग ऐप्स पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है।
नया विधेयक ड्रीम11 पर कैसे प्रभाव डालेगा
सबसे पहले समझते हैं कि ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन एवं विनियमन विधेयक 2025 किस तरह से ड्रीम11 पर प्रभाव डालेगा। इस विधेयक में कोई भी ऐप या गेम, जिसमें वास्तविक समय में पैसा लगाना शामिल हो (रियल टाइम में अधिक पैसा कमाने के लिए पैसा खर्च करना) पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया जाएगा (चाहे वह लक या स्किल आधारित हो)। ड्रीम11 स्किल-आधारित श्रेणी में आता है, जहां यूजर फैंटेसी टीम बनाते हैं और खिलाड़ियों के अच्छा प्रदर्शन करने पर अधिक कमाई की उम्मीद में उस पर पैसा लगाते हैं। इसका मतलब है कि ड्रीम11 नया विधेयक ऐप के अनुसार आता है, जिस पर प्रतिबंध लग जाएगा।
राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद गेमिंग ऐप्स पर लग जाएगा प्रतिबंध
नया गेमिंग विधेयक लोकसभा और राज्यसभा दोनों में पारित हो चुका है और अब इसे अधिनियम बनने के लिए केवल राष्ट्रपति की मंजूरी की आवश्यकता है, जिसके बाद ड्रीम11 सहित सभी रियल टाइम मनी गेमिंग ऐप्स पर तुरंत प्रतिबंध लगा दिया जाएगा।
बीसीसीआई बिजनेस में सबसे बड़ा शाप!
इस तरह से ड्रीम11 अब कानूनी मुश्किलों का सामना कर रहा है और यह बीसीसीआई टीम प्रायोजकों की एक अनचाही लिस्ट का हिस्सा है, जो भारतीय क्रिकेट टीम के साथ अपनी साझेदारी के बाद किसी न किसी तरह की परेशानी में फंस गए हैं। देखा जाए तो ड्रीम11 इकलौते ऐसी कंपनी नहीं है, जो तबाही की कगार पर आ खड़ी हुई है। इससे पहले भी कई कंपनियां तबाह हुई हैं, आइए जानते हैं...
सहारा: 2001 से 2013
एक वक्त था जब सहारा का लोगो भारतीय क्रिकेट जर्सी का पर्याय रहा। 2003 विश्व कप फाइनल के दिल टूटने से लेकर 2011 के गौरव तक सहारा भारतीय क्रिकेट टीम की जर्सी पर छाया रहा। फिर एक वक्त ऐसा भी आया कि सहारा का नामोनिशान लगभग मिट गया है। 3 करोड़ निवेशकों से लगभग 24,000 करोड़ रुपये जुटाने के बाद सहारा ग्रुप को नियामक उल्लंघनों के लिए सेबी की कार्रवाई का सामना करना पड़ा। सुप्रीम कोर्ट ने जमा राशि जमा करने का आदेश दिया, लेकिन अनुपालन न करने पर 2014 में सुब्रत रॉय की गिरफ्तारी हुई। 2023 में उनके निधन के बाद भी निवेशकों से धन वसूलने के प्रयास जारी हैं।
स्टार इंडिया: 2014 से 2017
स्टार इंडिया ने सहारा की जगह ली। टीम इंडिया में धोनी और सचिन के बाद कोहली और रोहित जैसे आधुनिक सितारों का उदय हुआ। जर्सी पर इस ब्रांड की उपस्थिति एक नए क्रिकेट युग का प्रतीक थी, लेकिन उसके बिजनेस सफलता में गिरावट आई। वॉल्ट डिज्नी के स्वामित्व वाले स्टार को मार्केट में प्रभुत्व के दुरुपयोग के लिए जांच का सामना करना पड़ा। Competition Commission Of India (CCI) यानी प्रतिस्पर्धा आयोग ने जांच शुरू की। बाद में हॉटस्टार को जियो के साथ विलय करना पड़ा। यह स्टार इंडिया के लिए सबसे बड़ा झटका था।
ओप्पो: Oppo 2017 से 2020
ओप्पो ने 1079 करोड़ रुपये का एक बड़ा सौदा किया, लेकिन कम रिटर्न के कारण जल्दी ही इससे बाहर निकल गया। नोकिया और इंटरडिजिटल के साथ पेटेंट विवादों को लेकर कानूनी लड़ाई ने इसकी प्रतिष्ठा को और नुकसान पहुंचाया। बायजू ने ओप्पो की वित्तीय शर्तों का सम्मान करते हुए एंट्री मारी, लेकिन जल्द ही अपनी ही मुसीबतों में उलझ गया। बीसीसीआई ने 2023 तक 158 करोड़ के डिफॉल्ट को लेकर एनसीएलटी का रुख किया, जिससे एडटेक दुनिया के दिग्गज की बढ़ती वित्तीय मुश्किलें और बढ़ गईं।
बायजूस: 2020 से 2022
बायजूस की एंट्री शानदार हुई, लेकिन जल्द ही वह डूबने की कगार पर आ गया। भुगतान में चूक, दिवालियापन याचिकाओं और नियामक जांच के कारण कभी चर्चित एडटेक यूनिकॉर्न क्रिकेट बोर्ड के साथ अदालत में एक अस्थायी समझौते के बावजूद अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहा है।
ड्रीम11 2023 से जर्सी स्पॉन्सर है
2026 तक जर्सी प्रायोजक ड्रीम11 अब अनिश्चितताओं का सामना कर रहा है। बीसीसीआई द्वारा सट्टेबाजी और असली पैसे वाले जुए से जुड़े संबंधों को लेकर सतर्क रहने के कारण ड्रीम11 की वैधता की समीक्षा की जा रही है। कंपनी पर पहले भी 1,200 करोड़ रुपये की कथित जीएसटी चोरी को लेकर टैक्स की मांग की गई थी। हालांकि एक नोटिस वापस ले लिया गया था, लेकिन जीएसटी अधिकारियों की ओर से नए सिरे से जांच की उम्मीद है। इससे उसके भविष्य पर तलवार लटकी हुई है।
दरअसल, 2001 के बाद से भारतीय क्रिकेट टीम को स्पॉन्सर करने वाली (बीसीसीआई के साथ साझेदारी करने के बाद) हर कंपनी को किसी न किसी तरह के कानूनी या वित्तीय विवाद में फंसते देखा गया है। इस लिस्ट में ड्रीम11 का नया नाम भी जुड़ गया है। ड्रीम11 2023 में भारत का टीम प्रायोजक बना था। वर्तमान में भारत सरकार की ओर से 21 अगस्त को ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 पारित करने के बाद खुद को एक अनिश्चित स्थिति में पा रहा है। दरअसल, नए विधेयक के अनुसार, सभी रियल-मनी गेमिंग ऐप्स पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है।
नया विधेयक ड्रीम11 पर कैसे प्रभाव डालेगा
सबसे पहले समझते हैं कि ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन एवं विनियमन विधेयक 2025 किस तरह से ड्रीम11 पर प्रभाव डालेगा। इस विधेयक में कोई भी ऐप या गेम, जिसमें वास्तविक समय में पैसा लगाना शामिल हो (रियल टाइम में अधिक पैसा कमाने के लिए पैसा खर्च करना) पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया जाएगा (चाहे वह लक या स्किल आधारित हो)। ड्रीम11 स्किल-आधारित श्रेणी में आता है, जहां यूजर फैंटेसी टीम बनाते हैं और खिलाड़ियों के अच्छा प्रदर्शन करने पर अधिक कमाई की उम्मीद में उस पर पैसा लगाते हैं। इसका मतलब है कि ड्रीम11 नया विधेयक ऐप के अनुसार आता है, जिस पर प्रतिबंध लग जाएगा।
राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद गेमिंग ऐप्स पर लग जाएगा प्रतिबंध
नया गेमिंग विधेयक लोकसभा और राज्यसभा दोनों में पारित हो चुका है और अब इसे अधिनियम बनने के लिए केवल राष्ट्रपति की मंजूरी की आवश्यकता है, जिसके बाद ड्रीम11 सहित सभी रियल टाइम मनी गेमिंग ऐप्स पर तुरंत प्रतिबंध लगा दिया जाएगा।
बीसीसीआई बिजनेस में सबसे बड़ा शाप!
इस तरह से ड्रीम11 अब कानूनी मुश्किलों का सामना कर रहा है और यह बीसीसीआई टीम प्रायोजकों की एक अनचाही लिस्ट का हिस्सा है, जो भारतीय क्रिकेट टीम के साथ अपनी साझेदारी के बाद किसी न किसी तरह की परेशानी में फंस गए हैं। देखा जाए तो ड्रीम11 इकलौते ऐसी कंपनी नहीं है, जो तबाही की कगार पर आ खड़ी हुई है। इससे पहले भी कई कंपनियां तबाह हुई हैं, आइए जानते हैं...
सहारा: 2001 से 2013
एक वक्त था जब सहारा का लोगो भारतीय क्रिकेट जर्सी का पर्याय रहा। 2003 विश्व कप फाइनल के दिल टूटने से लेकर 2011 के गौरव तक सहारा भारतीय क्रिकेट टीम की जर्सी पर छाया रहा। फिर एक वक्त ऐसा भी आया कि सहारा का नामोनिशान लगभग मिट गया है। 3 करोड़ निवेशकों से लगभग 24,000 करोड़ रुपये जुटाने के बाद सहारा ग्रुप को नियामक उल्लंघनों के लिए सेबी की कार्रवाई का सामना करना पड़ा। सुप्रीम कोर्ट ने जमा राशि जमा करने का आदेश दिया, लेकिन अनुपालन न करने पर 2014 में सुब्रत रॉय की गिरफ्तारी हुई। 2023 में उनके निधन के बाद भी निवेशकों से धन वसूलने के प्रयास जारी हैं।
स्टार इंडिया: 2014 से 2017
स्टार इंडिया ने सहारा की जगह ली। टीम इंडिया में धोनी और सचिन के बाद कोहली और रोहित जैसे आधुनिक सितारों का उदय हुआ। जर्सी पर इस ब्रांड की उपस्थिति एक नए क्रिकेट युग का प्रतीक थी, लेकिन उसके बिजनेस सफलता में गिरावट आई। वॉल्ट डिज्नी के स्वामित्व वाले स्टार को मार्केट में प्रभुत्व के दुरुपयोग के लिए जांच का सामना करना पड़ा। Competition Commission Of India (CCI) यानी प्रतिस्पर्धा आयोग ने जांच शुरू की। बाद में हॉटस्टार को जियो के साथ विलय करना पड़ा। यह स्टार इंडिया के लिए सबसे बड़ा झटका था।
ओप्पो: Oppo 2017 से 2020
ओप्पो ने 1079 करोड़ रुपये का एक बड़ा सौदा किया, लेकिन कम रिटर्न के कारण जल्दी ही इससे बाहर निकल गया। नोकिया और इंटरडिजिटल के साथ पेटेंट विवादों को लेकर कानूनी लड़ाई ने इसकी प्रतिष्ठा को और नुकसान पहुंचाया। बायजू ने ओप्पो की वित्तीय शर्तों का सम्मान करते हुए एंट्री मारी, लेकिन जल्द ही अपनी ही मुसीबतों में उलझ गया। बीसीसीआई ने 2023 तक 158 करोड़ के डिफॉल्ट को लेकर एनसीएलटी का रुख किया, जिससे एडटेक दुनिया के दिग्गज की बढ़ती वित्तीय मुश्किलें और बढ़ गईं।
बायजूस: 2020 से 2022
बायजूस की एंट्री शानदार हुई, लेकिन जल्द ही वह डूबने की कगार पर आ गया। भुगतान में चूक, दिवालियापन याचिकाओं और नियामक जांच के कारण कभी चर्चित एडटेक यूनिकॉर्न क्रिकेट बोर्ड के साथ अदालत में एक अस्थायी समझौते के बावजूद अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहा है।
ड्रीम11 2023 से जर्सी स्पॉन्सर है
2026 तक जर्सी प्रायोजक ड्रीम11 अब अनिश्चितताओं का सामना कर रहा है। बीसीसीआई द्वारा सट्टेबाजी और असली पैसे वाले जुए से जुड़े संबंधों को लेकर सतर्क रहने के कारण ड्रीम11 की वैधता की समीक्षा की जा रही है। कंपनी पर पहले भी 1,200 करोड़ रुपये की कथित जीएसटी चोरी को लेकर टैक्स की मांग की गई थी। हालांकि एक नोटिस वापस ले लिया गया था, लेकिन जीएसटी अधिकारियों की ओर से नए सिरे से जांच की उम्मीद है। इससे उसके भविष्य पर तलवार लटकी हुई है।
You may also like
Haryana Weather Alert : हरियाणा में कल मौसम लेगा खतरनाक मोड़, 23 अगस्त का मौसम कैसा होगा?
ड्रग तस्करी और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ईडी की बड़ी कार्रवाई, बैंक खातों को किया फ्रीज
यशराज फिल्म्स की खोज थीं गौहर खान और वाणी कपूर, ऐसे शुरू हुआ फिल्मी सफर
डिंपल यादव ने BJP को दिया वोट? सपा विधायक पूजा पाल के चिट्ठी से हंगामा, पढ़कर उड़ जाएंगे होश!
अमित शाह 24 को ऑल इंडिया स्पीकर्स कॉन्फ्रेंस और विठ्ठलभाई पटेल पर प्रदर्शनी का करेंगे उद्घाटन