मुंबई: महाराष्ट्र में 1990 बैच के आईपीएस सदानंद वसंत दाते का नाम चर्चा हैं। दाते महाराष्ट्र के उन जाबांज पुलिस ऑफिसरों में शामिल हैं। जिन्होंने मुंबई आतंकी हमले में अदम्य साहस का परिचय दिया था। वर्तमान में वह राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की कमान संभाल रहे हैं। 26 नवंबर, 2008 की रात को मुंबई आतंकी हमले के दो हमलावर (अजमल कसाब और अबू इस्माइल) मुंबई के कामा अस्पताल में घुसे थे तो सदानंद दाते कुछ पुलिसकर्मियों के साथ उनका सामना करने के लिए पहुंचे थे। इसमें दाते गोली लगने से घायल हुए थे, लेकिन उन्होंने 40 मिनट तक मुकाबला किया था। सदानंद दाते की सूझबूझ के कारण ही कामा अस्पताल से बंधक सुरक्षित निकल पाए थे। तब दाते मुंबई सेंट्रल रीजन के एसीपी थे। अब उनका नाम महाराष्ट्र के नए डीजीपी के लिए चर्चा में है।
सबसे ऊपर है नाम
मूलरूप से महाराष्ट्र के रहने वाले दाते महाराष्ट्र कैडर के सबसे वरिष्ठ असफर हैं। राज्य सरकार ने जो लिस्ट यूपीएसपी को भेजी हैं। उसमें दाते का नाम प्रमुख से शामिल है। वह महाराष्ट्र के सीनियर मोस्ट ऑफिसर हैं। महाराष्ट्र की डीजीपी अभी 1988 बैच की आईपीएस रश्मि शुक्ला हैं। वे 2024 में रिटायर हो गई थी, हालांकि सरकार ने उन्हें दो साल के लिए डीजीपी बनाया था। अब उनका विस्तारित कार्यकाल जनवरी, 2026 में खत्म हो रहा है। रश्मि शुक्ला की कार्यकाल खत्म होने से पहले यूपीएसपी की लिस्ट में सदानंद दाते सबसे ऊपर हैं। अगर वह महाराष्ट्र के नए डीजीपी बनते हैं तो वह एक साल तक इस सर्वोच्च पद पर रहेंगे। दाते अभी तक अपने उत्कृष्ट कार्यों के लिए तीन बार मेडल हासिल कर चुके हैं। कहते हैं दाते को मुंबई हमले में जो गोली लगी थी। वह सर्जरी में निकल पाई थी।
क्लीन इमेज वाले अफसर की छवि
14 दिसंबर, 1966 को जन्मे सदानंद दाते की छवि बेहद क्लीन इमेज वाले अफसर की है। दाते को केंद्र सरकार ने 31 मार्च, 2024 को एनआईए का डीजी नियुक्त किया था। एम. कॉम और फिर एआईवीडब्ल्यूए और पीएडी करने वाले दाते की तारीफ उनके सहयोगी भी करते हैं। वह काफी क्लियर विजन वाले ऑफिसर हैं। दाते मूलरूप से पुणे के रहने वाले हैं। 58 साल के दाते मीरा भाईंदर वसई विरार के कमिश्नर भी रह चुके हैं। इसके बाद महाराष्ट्र सरकार ने उन्हें एटीएस का डीजी बनाया था। आतंकियों से लोहा लेने वाले दाते वर्तमान में एनआईए चीफ के तौर आतंकवाद की ही कमरतोड़ रहे हैं। उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले की जांच की लीड करने के बाद पिछले दिनों मुंबई हमले के साजिशकर्ता तहव्वुर राणा को भारत प्रत्यर्पित करने में अहम रोल अदा किया था।
सबसे ऊपर है नाम
मूलरूप से महाराष्ट्र के रहने वाले दाते महाराष्ट्र कैडर के सबसे वरिष्ठ असफर हैं। राज्य सरकार ने जो लिस्ट यूपीएसपी को भेजी हैं। उसमें दाते का नाम प्रमुख से शामिल है। वह महाराष्ट्र के सीनियर मोस्ट ऑफिसर हैं। महाराष्ट्र की डीजीपी अभी 1988 बैच की आईपीएस रश्मि शुक्ला हैं। वे 2024 में रिटायर हो गई थी, हालांकि सरकार ने उन्हें दो साल के लिए डीजीपी बनाया था। अब उनका विस्तारित कार्यकाल जनवरी, 2026 में खत्म हो रहा है। रश्मि शुक्ला की कार्यकाल खत्म होने से पहले यूपीएसपी की लिस्ट में सदानंद दाते सबसे ऊपर हैं। अगर वह महाराष्ट्र के नए डीजीपी बनते हैं तो वह एक साल तक इस सर्वोच्च पद पर रहेंगे। दाते अभी तक अपने उत्कृष्ट कार्यों के लिए तीन बार मेडल हासिल कर चुके हैं। कहते हैं दाते को मुंबई हमले में जो गोली लगी थी। वह सर्जरी में निकल पाई थी।
क्लीन इमेज वाले अफसर की छवि
14 दिसंबर, 1966 को जन्मे सदानंद दाते की छवि बेहद क्लीन इमेज वाले अफसर की है। दाते को केंद्र सरकार ने 31 मार्च, 2024 को एनआईए का डीजी नियुक्त किया था। एम. कॉम और फिर एआईवीडब्ल्यूए और पीएडी करने वाले दाते की तारीफ उनके सहयोगी भी करते हैं। वह काफी क्लियर विजन वाले ऑफिसर हैं। दाते मूलरूप से पुणे के रहने वाले हैं। 58 साल के दाते मीरा भाईंदर वसई विरार के कमिश्नर भी रह चुके हैं। इसके बाद महाराष्ट्र सरकार ने उन्हें एटीएस का डीजी बनाया था। आतंकियों से लोहा लेने वाले दाते वर्तमान में एनआईए चीफ के तौर आतंकवाद की ही कमरतोड़ रहे हैं। उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले की जांच की लीड करने के बाद पिछले दिनों मुंबई हमले के साजिशकर्ता तहव्वुर राणा को भारत प्रत्यर्पित करने में अहम रोल अदा किया था।
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