छतरपुर: मध्य प्रदेश के लिए दिवाली के दिन अच्छी खबर आई है। खजुराहो में सेंट्रल इंडिया का सबसे बड़ा एयरबेस बन सकता है। इसे लेकर खजुराहो एयरपोर्ट के नजदीक जमीन चिह्नित की गई है। यहां फाइटर जेट और सैन्य विमानों का बेड़ा होगा। रक्षा मंत्रालय और एयरफोर्स की टीम ने जगह को देख ली है। सहमति बनने के बाद जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होगी।
खजुराहो की दावेदारी मजबूत मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार एयरफोर्स की टीम ने नए एयरबेस के लिए चार जगहों पर जमीन देखी थी। इसमें इलाहाबाद, खजुराहो, झांसी और ग्वालियर है। सामरिक और सुरक्षा की दुष्टि से खजुराहो काफी महत्वपूर्ण है। ऐसे में खजुराहो का चयन किया गया है। वहीं, कहा जा रहा है कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद मध्य भारत में एक नए एयरबेस की जरूरत महसूस की गई, जहां से ऑपरेशन को सही तरीके से अंजाम दिया जा सके। इसके बाद से ही जगह की तलाश शुरू हो गई थी। जमीन अधिग्रहण की प्रकिया शुरू होती है तो खजुराहो के लिए यह बड़ी सौगात होगी।
इसे लेकर स्थानीय सांसद वीडी शर्मा और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह में बात हुई है। अभी तक रक्षा मंत्रालय की ओर से इसे लेकर पॉजिटिव संकेत हैं। सहमति के बाद एयरफोर्स की टीम यह देखेगी कि इसके लिए कितने गांवों की जमीन आएगी।
खजुराहो क्योंवहीं, जानकारों का कहना है कि खजुराहो कम आबादी वाला जगह है। यहां एयरबेस की विस्तार की संभावनाएं हैं। साथ ही पाकिस्तान की सीमा से यह न तो ज्यादा दूर है और न ही नजदीक है। इससे ऑपरेशन में आसानी होगी। अभी मध्य प्रदेश में सिर्फ ग्वालियर में ही एयरबेस है। ग्वालियर से भी एक ही सीध में पड़ेगा। साथ ही मौसम भी हमेशा मुफीद रहता है। यह पठारी क्षेत्र है। बहुत ज्यादा लोगों की आवाजाही भी नहीं है। पर्यटन स्थल है तो विदेशी पर्यटक आते हैं। खजुराहो से अन्य जगहों के लिए कनेक्टिविटी भी अच्छी है।
खजुराहो की दावेदारी मजबूत मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार एयरफोर्स की टीम ने नए एयरबेस के लिए चार जगहों पर जमीन देखी थी। इसमें इलाहाबाद, खजुराहो, झांसी और ग्वालियर है। सामरिक और सुरक्षा की दुष्टि से खजुराहो काफी महत्वपूर्ण है। ऐसे में खजुराहो का चयन किया गया है। वहीं, कहा जा रहा है कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद मध्य भारत में एक नए एयरबेस की जरूरत महसूस की गई, जहां से ऑपरेशन को सही तरीके से अंजाम दिया जा सके। इसके बाद से ही जगह की तलाश शुरू हो गई थी। जमीन अधिग्रहण की प्रकिया शुरू होती है तो खजुराहो के लिए यह बड़ी सौगात होगी।
इसे लेकर स्थानीय सांसद वीडी शर्मा और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह में बात हुई है। अभी तक रक्षा मंत्रालय की ओर से इसे लेकर पॉजिटिव संकेत हैं। सहमति के बाद एयरफोर्स की टीम यह देखेगी कि इसके लिए कितने गांवों की जमीन आएगी।
खजुराहो क्योंवहीं, जानकारों का कहना है कि खजुराहो कम आबादी वाला जगह है। यहां एयरबेस की विस्तार की संभावनाएं हैं। साथ ही पाकिस्तान की सीमा से यह न तो ज्यादा दूर है और न ही नजदीक है। इससे ऑपरेशन में आसानी होगी। अभी मध्य प्रदेश में सिर्फ ग्वालियर में ही एयरबेस है। ग्वालियर से भी एक ही सीध में पड़ेगा। साथ ही मौसम भी हमेशा मुफीद रहता है। यह पठारी क्षेत्र है। बहुत ज्यादा लोगों की आवाजाही भी नहीं है। पर्यटन स्थल है तो विदेशी पर्यटक आते हैं। खजुराहो से अन्य जगहों के लिए कनेक्टिविटी भी अच्छी है।
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