नई दिल्ली: यह पहली बार है कि टेरर मॉड्यूल का नेटवर्क डॉक्टरों ने मिलकर खड़ा किया। ये सभी जैश ए मोहम्मद और अंसार गजवत उल हिंद के लिए काम कर रहे थे। श्रीनगर पुलिस और खुफिया एजेंसियों ने जब श्रीनगर में ही जैश के समर्थन में पोस्टर लगाने वाले आरिफ को दबोचा तो पूरे नेटवर्क का भंडाफोड़ हुआ।
आतंकी खड़ा कर रहे थे टेरर मॉड्यूल
इसके बाद फरीदाबाद के डॉ मुजम्मिल शकील और सहारनपुर में डॉक्टर आदिल अहमद को पकड़ा गया। खुलासा हुआ कि ये सभी आरोपी अपना टेरर मॉड्यूल खड़ा कर रहे थे। कश्मीर में पोस्टर मामले की जांच के दौरान इन डॉक्टरों के नाम सामने आए। सबसे पहले एक आरोपी आरिफ की गिरफ्तारी हुई और खुलासा हुआ कि एक स्लीपर मॉड्यूल आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद और अलकायदा के समर्थन से काम कर रहा।
अल फलाह यूनिवर्सिटी में डॉक्टर था संदिग्ध
मुजम्मिल पीसीसी डॉक्टर है और फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी में डॉक्टर था। वो पिछले तकरीबन साढ़े 3 साल से यहां रह रहा था। मुजम्मिल की निशानदेही पर फरीदाबाद पुलिस ने एक स्विफ्ट कार बरामद की। इस स्विफ्ट कार के अंदर से एके-47 जैसी दिखने वाली असॉल्ट राइफल बरामद की। इस असॉल्ट राइफल की तीन मैगजीन और 83 राउंड कारतूस भी बरामद किए गए। पुलिस ने एक पिस्टल, दो पिस्टल की मैगजीन और दो खाली खोखे भी बरामद किए। डॉ मुजम्मिल के जैश ए मोहम्मद से जुड़े होने के लिंक और पक्के सबूत पुलिस को मिले है।
धमाके की हर कड़ी को सुलझाने में अहम
दिल्ली धमाके की हर कड़ी को सुलझाने में अहम किरदार है डॉ उमर का है। जिसके बारे में कहा जा रहा है कि वह मारा गया। डॉक्टर उमर कश्मीर में पुलवामा का रहने वाला है। 2015 में इसने श्रीनगर के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज से MBBS की डिग्री ली। बाद में यही रेजिडेंट डॉक्टर बन गया।
2023 में शिफ्ट हुआ था फरीदबाद
अनंतनाग के हॉस्पिटल में भी काम किया। फिर साल 2023 के आसपास फरीदबाद शिफ्ट हो गया और अल फलाह मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर बन गया। उमर किसी भी गाड़ी में विस्फोटक लगाने का एक्सपर्ट था। टारगेट वाली जगह पर ले जाकर धमाका करने का एक्सपर्ट था। यह डॉक्टर आदिल का करीबी है।
घटना में तीसरा संदिग्ध भी हो चुका गिरफ्तार
डॉ आदिल अहमद को इससे पहले श्रीनगर में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के समर्थन में पोस्टर लगाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इससे हुई पूछताछ के दौरान सहारनपुर मे काम कर रहे डॉक्टर आदिल अहमद और डॉ उमर के नाम का भी खुलासा हुआ। टीम ने 6 नवंबर को सहारनपुर में दबिश देकर आदिल को पकड़ा और उसकी निशानदेही पर अनंतनाग स्थित अस्पताल के लॉकर से एके-47 बरामद की। दूसरी ओर, खुलासा हुआ कि डॉ मुजम्मिल ने फरीदाबाद में ही धौज गांव अलग से एक कमरा किराये पर लिया था।
आतंकी खड़ा कर रहे थे टेरर मॉड्यूल
इसके बाद फरीदाबाद के डॉ मुजम्मिल शकील और सहारनपुर में डॉक्टर आदिल अहमद को पकड़ा गया। खुलासा हुआ कि ये सभी आरोपी अपना टेरर मॉड्यूल खड़ा कर रहे थे। कश्मीर में पोस्टर मामले की जांच के दौरान इन डॉक्टरों के नाम सामने आए। सबसे पहले एक आरोपी आरिफ की गिरफ्तारी हुई और खुलासा हुआ कि एक स्लीपर मॉड्यूल आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद और अलकायदा के समर्थन से काम कर रहा।
अल फलाह यूनिवर्सिटी में डॉक्टर था संदिग्ध
मुजम्मिल पीसीसी डॉक्टर है और फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी में डॉक्टर था। वो पिछले तकरीबन साढ़े 3 साल से यहां रह रहा था। मुजम्मिल की निशानदेही पर फरीदाबाद पुलिस ने एक स्विफ्ट कार बरामद की। इस स्विफ्ट कार के अंदर से एके-47 जैसी दिखने वाली असॉल्ट राइफल बरामद की। इस असॉल्ट राइफल की तीन मैगजीन और 83 राउंड कारतूस भी बरामद किए गए। पुलिस ने एक पिस्टल, दो पिस्टल की मैगजीन और दो खाली खोखे भी बरामद किए। डॉ मुजम्मिल के जैश ए मोहम्मद से जुड़े होने के लिंक और पक्के सबूत पुलिस को मिले है।
धमाके की हर कड़ी को सुलझाने में अहम
दिल्ली धमाके की हर कड़ी को सुलझाने में अहम किरदार है डॉ उमर का है। जिसके बारे में कहा जा रहा है कि वह मारा गया। डॉक्टर उमर कश्मीर में पुलवामा का रहने वाला है। 2015 में इसने श्रीनगर के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज से MBBS की डिग्री ली। बाद में यही रेजिडेंट डॉक्टर बन गया।
2023 में शिफ्ट हुआ था फरीदबाद
अनंतनाग के हॉस्पिटल में भी काम किया। फिर साल 2023 के आसपास फरीदबाद शिफ्ट हो गया और अल फलाह मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर बन गया। उमर किसी भी गाड़ी में विस्फोटक लगाने का एक्सपर्ट था। टारगेट वाली जगह पर ले जाकर धमाका करने का एक्सपर्ट था। यह डॉक्टर आदिल का करीबी है।
घटना में तीसरा संदिग्ध भी हो चुका गिरफ्तार
डॉ आदिल अहमद को इससे पहले श्रीनगर में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के समर्थन में पोस्टर लगाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इससे हुई पूछताछ के दौरान सहारनपुर मे काम कर रहे डॉक्टर आदिल अहमद और डॉ उमर के नाम का भी खुलासा हुआ। टीम ने 6 नवंबर को सहारनपुर में दबिश देकर आदिल को पकड़ा और उसकी निशानदेही पर अनंतनाग स्थित अस्पताल के लॉकर से एके-47 बरामद की। दूसरी ओर, खुलासा हुआ कि डॉ मुजम्मिल ने फरीदाबाद में ही धौज गांव अलग से एक कमरा किराये पर लिया था।
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