अमितेश सिंह, बलिया: अतिरिक्त सिविल जज (सीनियर डिवीजन) संजय कुमार गोड़ की कोर्ट ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) बलिया के कार्यालय को कुर्क करने का आदेश जारी किया है। कोर्ट ने प्रशासनिक लापरवाही पर कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि उसके आदेशों की बार-बार अवहेलना अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कोर्ट ने चेतावनी दी कि जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सकती है।
यह मामला क्लर्क सचिनंद बनाम प्रबंध समिति आदि से जुड़ा है। कोर्ट ने तीन नवंबर 2025 को दिए आदेश में कहा कि एक और चार अक्टूबर 2005 के पूर्व आदेश के तहत 1239342.55 रुपये की राशि कुर्क करने के निर्देश पर बीएसए के खाते पर रोक लगाई गई थी। 28 अक्तूबर को कोर्ट ने प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत और जनहित को ध्यान में रखते हुए उक्त राशि छोड़कर शेष कर्मचारियों के वेतन और अन्य मदों में भुगतान की अनुमति दी थी।
कोर्ट ने टिप्पणी की कि बीएसए कार्यालय को कई अवसर देने के बावजूद धनराशि कुर्की के आदेश का पालन ना करना गंभीर आपत्तिजनक है और प्रशासनिक उदासीनता को दर्शाता है। कोर्ट ने अमीन सुधीर सिंह को निर्देश दिया कि वे तय तिथि तक बीएसए बलिया के कार्यालय को कुर्क कर आख्या कोर्ट में जमा करें। आदेश की प्रति एसपी बलिया को भी भेजी गई है ताकि अनुपालन सुनिश्चित हो।
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि न्यायिक आदेशों की अवमानना पर अब जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई जाएगी। अगली सुनवाई सात नवंबर को होगी, जहां कुर्की की रिपोर्ट पर विचार किया जाएगा। इस आदेश से शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है।
यह मामला क्लर्क सचिनंद बनाम प्रबंध समिति आदि से जुड़ा है। कोर्ट ने तीन नवंबर 2025 को दिए आदेश में कहा कि एक और चार अक्टूबर 2005 के पूर्व आदेश के तहत 1239342.55 रुपये की राशि कुर्क करने के निर्देश पर बीएसए के खाते पर रोक लगाई गई थी। 28 अक्तूबर को कोर्ट ने प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत और जनहित को ध्यान में रखते हुए उक्त राशि छोड़कर शेष कर्मचारियों के वेतन और अन्य मदों में भुगतान की अनुमति दी थी।
कोर्ट ने टिप्पणी की कि बीएसए कार्यालय को कई अवसर देने के बावजूद धनराशि कुर्की के आदेश का पालन ना करना गंभीर आपत्तिजनक है और प्रशासनिक उदासीनता को दर्शाता है। कोर्ट ने अमीन सुधीर सिंह को निर्देश दिया कि वे तय तिथि तक बीएसए बलिया के कार्यालय को कुर्क कर आख्या कोर्ट में जमा करें। आदेश की प्रति एसपी बलिया को भी भेजी गई है ताकि अनुपालन सुनिश्चित हो।
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि न्यायिक आदेशों की अवमानना पर अब जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई जाएगी। अगली सुनवाई सात नवंबर को होगी, जहां कुर्की की रिपोर्ट पर विचार किया जाएगा। इस आदेश से शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है।
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