सतना: मध्य प्रदेश के सतना जिले में एक बार फिर से देश का सबसे गरीब आदमी मिला है। प्रशासनिक कारनामे ने एक व्यक्ति की सलाना आय को शून्य कर दिया है। अभी तीन दिन पहले एक व्यक्ति की आय को 3 रुपए सालाना बताया गया था। इन दोनों का इनकम सर्टिफिकेट वायरल हो रहा है।
दरअसल, सतना जिले के उचेहरा तहसील के अमदरी गांव के रहने वाले संदीप कुमार नामदेव को 7 अप्रैल 2025 को तहसील ने इनकम सर्टिफिकेट जारी किया। इसमें उनकी सलाना आय जीरो रुपए दर्ज की गई है। तहसील का यह दस्तावेज न सिर्फ चौंकाने वाला है, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही की गवाही भी देता है। प्रमाण पत्र पर तहसील कार्यालय के अधिकृत अधिकारी रविकांत शर्मा के हस्ताक्षर भी हैं। अब यह दस्तावेज सोशल मीडिया पर जमकर वायरल है। वायरल हो रहे इनकम सर्टिफिकेट को देखकर लोग सोच रहे हैं कि अगर शून्य आय है, तो संदीप जिंदा कैसे है? उसका जीवन यापन कैसे होता है?
दो दिन पहले आया था तीन रुपये वाला इनकम सर्टिफिकेट
बता दें कि इससे पहले कोठी तहसील के रामस्वरूप पिता श्यामलाल निवासी नयागांव को 22 जुलाई 2025 को जारी इनकम सर्टिफिकेट पत्र में उनकी सालाना आय तीन रुपये दर्ज की गई थी। हालांकि प्रशासन ने इसे 'त्रुटि' बताया और बाद में आय को 30 हजार सालाना कर दिया था। लेकिन तब तक ये मामला भी लोगों के बीच व्यवस्था की हास्यास्पद हालत बन चुका था।
अधिकारी ने जारी किया नया इनकम सर्टिफिकेट
हालांकि इस बार भी मामला वायरल होने के बाद 20 जुलाई को इनकम सर्टिफिकेट पत्र निरस्त कर दिया था। इसके बाद संदीप को 40 हजार रुपए सालाना आय वाला प्रमाण पत्र जारी कर दिया था।
दरअसल, सतना जिले के उचेहरा तहसील के अमदरी गांव के रहने वाले संदीप कुमार नामदेव को 7 अप्रैल 2025 को तहसील ने इनकम सर्टिफिकेट जारी किया। इसमें उनकी सलाना आय जीरो रुपए दर्ज की गई है। तहसील का यह दस्तावेज न सिर्फ चौंकाने वाला है, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही की गवाही भी देता है। प्रमाण पत्र पर तहसील कार्यालय के अधिकृत अधिकारी रविकांत शर्मा के हस्ताक्षर भी हैं। अब यह दस्तावेज सोशल मीडिया पर जमकर वायरल है। वायरल हो रहे इनकम सर्टिफिकेट को देखकर लोग सोच रहे हैं कि अगर शून्य आय है, तो संदीप जिंदा कैसे है? उसका जीवन यापन कैसे होता है?
दो दिन पहले आया था तीन रुपये वाला इनकम सर्टिफिकेट
बता दें कि इससे पहले कोठी तहसील के रामस्वरूप पिता श्यामलाल निवासी नयागांव को 22 जुलाई 2025 को जारी इनकम सर्टिफिकेट पत्र में उनकी सालाना आय तीन रुपये दर्ज की गई थी। हालांकि प्रशासन ने इसे 'त्रुटि' बताया और बाद में आय को 30 हजार सालाना कर दिया था। लेकिन तब तक ये मामला भी लोगों के बीच व्यवस्था की हास्यास्पद हालत बन चुका था।
अधिकारी ने जारी किया नया इनकम सर्टिफिकेट
हालांकि इस बार भी मामला वायरल होने के बाद 20 जुलाई को इनकम सर्टिफिकेट पत्र निरस्त कर दिया था। इसके बाद संदीप को 40 हजार रुपए सालाना आय वाला प्रमाण पत्र जारी कर दिया था।
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