नई दिल्ली: फेस्टिव डिमांड और जीएसटी रेट्स में कटौती का सबसे ज्यादा फायदा ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को हुआ है। इस त्योहारी मौसम में करीब 7,67,000 पैसेंजर गाड़ियां बिकीं। इनमें कार (Car), एसयूवी (SUVs) और वैन (Van) शामिल हैं। 42 दिन के इस फेस्टिव सीजन में करीब 40.5 लाख दोपहिया गाड़ियां भी बिकीं। इनमें मोटरसाइकिल, स्कूटर और मोपेड शामिल हैं। इसका मतलब है कि हर दिन औसतन 18,261 गाड़ियां और 96,500 दोपहिया वाहन बिके।
रोक रखी थी खरीदारीइंडस्ट्री की एक रिपोर्ट के मुताबिक ऑटो कंपनियों के लिए यह अब तक का सबसे अच्छा त्योहारी सीजन (Festive Season) साबित हुआ। Hyundai Motors India Ltd के होल टाइम डायरेक्टर और सीओओ तरूण गर्ग बताते हैं कि जीएसटी रेट्स में कमी (GST Rate Cut) की उम्मीद में लोगों ने खरीदारी रोककर रखी थी। 22 सितंबर को नवरात्रि के पहले दिन से जैसे ही जीएसटी के नए रेट्स लागू हुए, बड़ी संख्या में लोग गाड़ियों के शोरूम पहुंचे। इस कारण डीलरों को अपने शोरूम सामान्य से कहीं ज्यादा देर तक खुले रखने पड़े। हालत यह हो गई कि डीलरों के पास गाड़ियों की डिलीवरी देने के लिए समय कम पड़ गया।
रूरल मार्केट में ज्यादा मांग
फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) के आंकड़ों के मुताबिक इस साल त्योहारी सीजन में पीवी सेगमेंट (Passenger Vehicle Segment) में 23% की बढ़ोतरी हुई जबकि दोपहिया वाहन सेगमेंट (2 Wheeler Segment) में 22% की बढ़ोतरी देखी गई। बिक्री में इस उछाल से कमाई भी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई। अनुमान है कि PV सेगमेंट से 76,700 से 84,400 करोड़ रुपये का टर्नओवर हुआ। वहीं, दोपहिया वाहन सेगमेंट से 36,500 से 40,500 करोड़ रुपये का टर्नओवर हुआ। कार की कीमत औसत कीमत 10 से 11 लाख रुपये और दोपहिया वाहन की 90,000 हजार से 1 लाख रुपये रही।
ग्रामीण बाजारों में गाड़ियों की बिक्री में 3 गुना और दोपहिया वाहनों की बिक्री में 2 गुना ग्रोथ देखी गई। अच्छी बारिश के कारण फसलें अच्छी हुईं और गाड़ियों के लिए फाइनेंस आसानी से उपलब्ध हो गया। इन सब वजहों से ऑटोमोबाइल कंपनियों को ग्रामीण मांग का भरपूर फायदा मिला। वित्तीय वर्ष 2026 में पहली बार ग्रामीण इलाकों से कार और एसयूवी की बिक्री का हिस्सा 40% को पार कर गया और यह लगभग 42% पर पहुंच गया। वित्तीय वर्ष 2024 और 2025 में ग्रामीण बाजारों का औसत हिस्सा 38% था।
छोटी कारों का बड़ा कमाल
ग्रामीण बाजारों के पक्ष में इस बदलाव का एक बड़ा कारण छोटी कारों की मांग में आई तेजी थी। इस कारण देश की सबसे बड़ी ऑटो कंपनी मारुति सुजुकी की खुदरा बाजार हिस्सेदारी अक्टूबर में बढ़कर 43% हो गई जो पिछले साल इसी महीने में 41% से कम थी। यही ट्रेंड दोपहिया वाहन सेगमेंट में भी देखने को मिला। इस अवधि में बिकने वाले हर पांच दोपहिया वाहनों में से तीन ग्रामीण इलाकों में खरीदे गए। यह 61% की हिस्सेदारी है, जो कई महीनों में सबसे ज्यादा है।
रोक रखी थी खरीदारीइंडस्ट्री की एक रिपोर्ट के मुताबिक ऑटो कंपनियों के लिए यह अब तक का सबसे अच्छा त्योहारी सीजन (Festive Season) साबित हुआ। Hyundai Motors India Ltd के होल टाइम डायरेक्टर और सीओओ तरूण गर्ग बताते हैं कि जीएसटी रेट्स में कमी (GST Rate Cut) की उम्मीद में लोगों ने खरीदारी रोककर रखी थी। 22 सितंबर को नवरात्रि के पहले दिन से जैसे ही जीएसटी के नए रेट्स लागू हुए, बड़ी संख्या में लोग गाड़ियों के शोरूम पहुंचे। इस कारण डीलरों को अपने शोरूम सामान्य से कहीं ज्यादा देर तक खुले रखने पड़े। हालत यह हो गई कि डीलरों के पास गाड़ियों की डिलीवरी देने के लिए समय कम पड़ गया।
रूरल मार्केट में ज्यादा मांग
फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) के आंकड़ों के मुताबिक इस साल त्योहारी सीजन में पीवी सेगमेंट (Passenger Vehicle Segment) में 23% की बढ़ोतरी हुई जबकि दोपहिया वाहन सेगमेंट (2 Wheeler Segment) में 22% की बढ़ोतरी देखी गई। बिक्री में इस उछाल से कमाई भी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई। अनुमान है कि PV सेगमेंट से 76,700 से 84,400 करोड़ रुपये का टर्नओवर हुआ। वहीं, दोपहिया वाहन सेगमेंट से 36,500 से 40,500 करोड़ रुपये का टर्नओवर हुआ। कार की कीमत औसत कीमत 10 से 11 लाख रुपये और दोपहिया वाहन की 90,000 हजार से 1 लाख रुपये रही।
ग्रामीण बाजारों में गाड़ियों की बिक्री में 3 गुना और दोपहिया वाहनों की बिक्री में 2 गुना ग्रोथ देखी गई। अच्छी बारिश के कारण फसलें अच्छी हुईं और गाड़ियों के लिए फाइनेंस आसानी से उपलब्ध हो गया। इन सब वजहों से ऑटोमोबाइल कंपनियों को ग्रामीण मांग का भरपूर फायदा मिला। वित्तीय वर्ष 2026 में पहली बार ग्रामीण इलाकों से कार और एसयूवी की बिक्री का हिस्सा 40% को पार कर गया और यह लगभग 42% पर पहुंच गया। वित्तीय वर्ष 2024 और 2025 में ग्रामीण बाजारों का औसत हिस्सा 38% था।
छोटी कारों का बड़ा कमाल
ग्रामीण बाजारों के पक्ष में इस बदलाव का एक बड़ा कारण छोटी कारों की मांग में आई तेजी थी। इस कारण देश की सबसे बड़ी ऑटो कंपनी मारुति सुजुकी की खुदरा बाजार हिस्सेदारी अक्टूबर में बढ़कर 43% हो गई जो पिछले साल इसी महीने में 41% से कम थी। यही ट्रेंड दोपहिया वाहन सेगमेंट में भी देखने को मिला। इस अवधि में बिकने वाले हर पांच दोपहिया वाहनों में से तीन ग्रामीण इलाकों में खरीदे गए। यह 61% की हिस्सेदारी है, जो कई महीनों में सबसे ज्यादा है।
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