तेहरान/नई दिल्ली: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूसी तेल खरीदने पर भारत के खिलाफ टैरिफ युद्ध शुरू कर दिया है। ट्रंप ने भारत के कुछ सामानों पर तो 50 फीसदी टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। इससे दोनों देशों के बीच तनाव कई साल बाद अपने चरम पर पहुंच गए हैं। संकट की इस घड़ी में दोस्त ईरान ने भारत का खुलकर समर्थन किया है। ईरान ने कहा है कि वह भारत के साथ अपने द्विपक्षीय संबंध को मजबूत करना चाहता है और तेहरान दिल्ली के सामने दोस्ती का हाथ बढ़ा रहा है। ईरान ने भारत से अपील की कि वह एक बार फिर से तेहरान से तेल लेना शुरू कर दे और रणनीतिक महत्व के सेक्टर में सहयोग का विस्तार करे। भारत में ईरान के राजदूत डॉक्टर इराज इलाही ने कहा कि ब्रिक्स एक ऐसा मंच है जिसकी मदद से भारत अमेरिकी टैरिफ को मात दे सकता है।
द पायनियर अखबार को दिए इंटरव्यू में इलाही ने कहा कि ब्रिक्स एक मजबूत बहुपक्षीय फोरम है जहां पर भारत और ईरान सहयोग कर सकते हैं। एक प्रमुख रणनीति यह है कि स्थानीय मुद्रा को द्विपक्षीय व्यापार में इस्तेमाल किया जाए। इससे अमेरिकी डॉलर पर से निर्भरता कम होगी और प्रतिरोधक क्षमता को विकसित किया जाए। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी एशिया की है और भारत तथा ईरान इसमें अहम भूमिका निभा सकते हैं। ईरानी राजदूत ने कहा, 'भारत को गंभीरतापूर्वक ईरान के साथ ऊर्जा व्यापार को फिर से शुरू करने पर विचार करना चाहिए।'
इलाही ने कहा, 'भारत और ईरान न केवल पुराने पार्टनर हैं, बल्कि एक भरोसेमंद पड़ोसी देश हैं।' ईरानी राजदूत का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब अमेरिका ने भारत पर 50 फीसदी का टैरिफ बम फोड़ा है। इससे पहले अमेरिकी प्रतिबंधों की वजह से ही भारत ने ईरान से तेल लेना बंद कर दिया था। इलाही ने कहा कि ईरान भारत को तेल देने के लिए पूरी तरह से तैयार है जो सस्ता भी होगा। इलाही ने कहा कि भारत के साथ भागीदारी की संभावना कहीं ज्यादा है। प्रतिबंधों के बावजूद भारत और ईरान ने अपनी दोस्ती का विस्तार किया है। हम भारत के साथ लंबी अवधि की आर्थिक भागीदारी चाहते हैं जो आपसी भरोसे और स्वतंत्रता पर आधारित होगा।
डोनाल्ड ट्रंप के भारतीय कंपनियों के ईरान की मदद पर करने पर आलोचना पर इलाही ने कहा कि अमेरिका अक्सर डराने के लिए ऐसा करता है। यह हैरान करने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रतिबंध अब कम प्रभावी होते जा रहे हैं। अमेरिका पूरी दुनिया से आर्थिक युद्ध नहीं छेड़ सकता है। ईरानी राजदूत ने कहा कि भारतीय कंपनियों के लिए ईरान में निवेश के काफी ज्यादा मौके हैं। डॉक्टर इलाही ने भारतीय नेताओं को सीधा संदेश देते हुए कहा कि ईरान भारत के साथ खुलकर और मजबूती के साथ सहयोग बढ़ाना चाहता है। यह न केवल एनर्जी बल्कि मैनुफैक्चरिंग, तकनीक और रणनीतिक व्यापार के क्षेत्र में हो सकता है। हम एक मजबूत और स्वतंत्र ग्लोबल साऊथ चाहते हैं। भारत हमेशा ईरान का भरोसेमंद पार्टनर देश बना रहेगा।
द पायनियर अखबार को दिए इंटरव्यू में इलाही ने कहा कि ब्रिक्स एक मजबूत बहुपक्षीय फोरम है जहां पर भारत और ईरान सहयोग कर सकते हैं। एक प्रमुख रणनीति यह है कि स्थानीय मुद्रा को द्विपक्षीय व्यापार में इस्तेमाल किया जाए। इससे अमेरिकी डॉलर पर से निर्भरता कम होगी और प्रतिरोधक क्षमता को विकसित किया जाए। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी एशिया की है और भारत तथा ईरान इसमें अहम भूमिका निभा सकते हैं। ईरानी राजदूत ने कहा, 'भारत को गंभीरतापूर्वक ईरान के साथ ऊर्जा व्यापार को फिर से शुरू करने पर विचार करना चाहिए।'
इलाही ने कहा, 'भारत और ईरान न केवल पुराने पार्टनर हैं, बल्कि एक भरोसेमंद पड़ोसी देश हैं।' ईरानी राजदूत का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब अमेरिका ने भारत पर 50 फीसदी का टैरिफ बम फोड़ा है। इससे पहले अमेरिकी प्रतिबंधों की वजह से ही भारत ने ईरान से तेल लेना बंद कर दिया था। इलाही ने कहा कि ईरान भारत को तेल देने के लिए पूरी तरह से तैयार है जो सस्ता भी होगा। इलाही ने कहा कि भारत के साथ भागीदारी की संभावना कहीं ज्यादा है। प्रतिबंधों के बावजूद भारत और ईरान ने अपनी दोस्ती का विस्तार किया है। हम भारत के साथ लंबी अवधि की आर्थिक भागीदारी चाहते हैं जो आपसी भरोसे और स्वतंत्रता पर आधारित होगा।
डोनाल्ड ट्रंप के भारतीय कंपनियों के ईरान की मदद पर करने पर आलोचना पर इलाही ने कहा कि अमेरिका अक्सर डराने के लिए ऐसा करता है। यह हैरान करने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रतिबंध अब कम प्रभावी होते जा रहे हैं। अमेरिका पूरी दुनिया से आर्थिक युद्ध नहीं छेड़ सकता है। ईरानी राजदूत ने कहा कि भारतीय कंपनियों के लिए ईरान में निवेश के काफी ज्यादा मौके हैं। डॉक्टर इलाही ने भारतीय नेताओं को सीधा संदेश देते हुए कहा कि ईरान भारत के साथ खुलकर और मजबूती के साथ सहयोग बढ़ाना चाहता है। यह न केवल एनर्जी बल्कि मैनुफैक्चरिंग, तकनीक और रणनीतिक व्यापार के क्षेत्र में हो सकता है। हम एक मजबूत और स्वतंत्र ग्लोबल साऊथ चाहते हैं। भारत हमेशा ईरान का भरोसेमंद पार्टनर देश बना रहेगा।
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