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भारत की वजह से पुतिन हुए मजबूर... ट्रंप ने बताई रूस के अलास्का सम्मेलन में शामिल होने की वजह, जानें क्या कहा

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वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन शुक्रवार 15 अगस्त को अलास्का में मिलने वाले हैं, जहां दोनों नेता यूक्रेन में जारी युद्ध को खत्म करने की संभावनाओं पर चर्चा करेंगे। इस मुलाकात के पहले डोनाल्ड ट्रंप ने बड़ा दावा किया है। उन्होंने रूस के राष्ट्रपति को मुलाकात के लिए तैयार होने के पीछे भारत पर लगाए गए टैरिफ की वजह बताया। अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस महीने की शुरुआत में भारत के ऊपर 25 प्रतिशत का बेस टैरिफ लगाया था। इसके बाद ट्रंप ने रूसी तेल खरीदने के लिए भारत के ऊपर 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाने की घोषणा की।



ट्रंप के अतिरिक्त टैरिफ के बाद भारत से अमेरिका में आयात होने वाले सामानों पर शुल्क 50 प्रतिशत पहुंच गया है जो ब्राजील के साथ सर्वोच्च स्तर पर है। फॉक्स रेडिया पर एक शो में ट्रंप ने कहा कि भारत पर उनके टैरिफ ने नई दिल्ली को रूस से तेल खरीदने से रोक दिया। इसने संभवतः मॉस्को को बातचीत की मेज पर लाने में भूमिका निभाई।



भारत से तेल खरीदने का असर

यह पूछे जाने पर कि क्या प्रतिबंधों की उनकी धमकियों ने पुतिन के फैसले को प्रभावित किया, ट्रंप ने कहा कि 'हर चीज का असर होता है।' उन्होंने कहा कि मैंने भारत से कहा था कि हम रूसी तेल खरीदने पर आपसे शुल्क लेंगे। इससे उन्हें रूसी तेल खरीदने से हाथ धोना पड़ा। जब आप अपना दूसरा सबसे बड़ा ग्राहण खो देते हैं, तो इसका असर पड़ता है।



ट्रंप ने इस बात को लेकर पुष्टि करने से इनकार कर दिया कि क्या वह यूक्रेन में युद्ध रोकने के लिए आर्थिक प्रोत्साहन देने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि वह सार्वजनिक रूप से अपनी चाल नहीं चलेंगे। उन्होंने जोर देकर कहा कि उनकी प्राथमिकता पुतिन के साथ प्रगति है।



दूसरी बैठक की जताई संभावना

ट्रंप ने दूसरी बैठक की संभावना जताई औऱ कहा कि अगर बातचीत अच्छी रही तो वह यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की को भी अगली बैठक जहां भी होंगे, वहां बुलाएंगे। उन्होंने कहा कि 'हमारे पास तीन अलग-अलग जगहों के बारे में विचार है। इसमें अलास्का में रुकने की संभावना भी शामिल है, क्योंकि यह अब तक का सबसे आसान विकल्प होगा।'

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