मॉस्को: रूस ने सोमवार को दिल्ली में लाल किले पर हुए आतंकवादी हमले की निंदा की है। उसने भारत के साथ एकजुटता भी जताई है। इस विस्फोट के बाद कई देशों ने भारत के साथ संवेदना जताई है और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में समर्थन का ऐलान किया है। इस विस्फोट में 12 लोगों की मौत हो गई, जबकि एक दर्जन से अधिक लोग जख्मी हुए हैं। भारत ने लाल किले के पास हुए इस विस्फोट को आतंकवादी घटना माना है और इसमें शामिल लोगों को न्याय के कटघरे में पेश करने की कसम खाई है।
रूसी विदेश मंत्रालय ने क्या कहा
रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने कहा, "रूस 10 नवंबर को दिल्ली के लाल किले पर हुए कार बम विस्फोट में मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता है और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता है। आतंकवाद की बुराई को मिटाने के लिए वैश्विक एकजुटता महत्वपूर्ण है।"
भारत के साथ हर मुश्किल में खड़ा रहा रूस
रूस ने हर मुश्किल समय में भारत का समर्थन किया है। उसने आजादी के बाद से ही भारत की हर तरह से मदद की है। पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध में रूस के समर्थन ने भारत को महत्वपूर्ण बढ़त दिलाई है। वर्तमान में भी भारत और रूस के संबंध काफी मजबूत हैं। दोनों देश अंतरिक्ष से लेकर रक्षा के क्षेत्र में करीबी सहयोग कर रहे हैं। रूस भारत के पहले मानव मिशन गगनयान में भी मदद कर रहा है।
भारत-रूस रक्षा संबंध
भारत और रूस के रक्षा संबंध मजबूत और गहरे हैं, जो दशकों पुराने सैन्य-तकनीकी सहयोग और संयुक्त सैन्य अभ्यासों पर आधारित हैं। भारत रूस से लड़ाकू विमान, पनडुब्बी, टैंक और मिसाइल जैसे सैन्य हार्डवेयर का एक प्रमुख खरीदार है। दोनों देश ब्रह्मोस जैसी सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल को संयुक्त रूप से विकसित और निर्मित करते हैं। इसके अलावा भारत कई रूसी हथियारों का निर्माण भी करता है, जिनमें एसयू-30एमकेआई लड़ाकू विमान, टी-90 टैंक, एके-203 राइफल शामिल हैं।
रूसी विदेश मंत्रालय ने क्या कहा
रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने कहा, "रूस 10 नवंबर को दिल्ली के लाल किले पर हुए कार बम विस्फोट में मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता है और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता है। आतंकवाद की बुराई को मिटाने के लिए वैश्विक एकजुटता महत्वपूर्ण है।"
भारत के साथ हर मुश्किल में खड़ा रहा रूस
रूस ने हर मुश्किल समय में भारत का समर्थन किया है। उसने आजादी के बाद से ही भारत की हर तरह से मदद की है। पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध में रूस के समर्थन ने भारत को महत्वपूर्ण बढ़त दिलाई है। वर्तमान में भी भारत और रूस के संबंध काफी मजबूत हैं। दोनों देश अंतरिक्ष से लेकर रक्षा के क्षेत्र में करीबी सहयोग कर रहे हैं। रूस भारत के पहले मानव मिशन गगनयान में भी मदद कर रहा है।
भारत-रूस रक्षा संबंध
भारत और रूस के रक्षा संबंध मजबूत और गहरे हैं, जो दशकों पुराने सैन्य-तकनीकी सहयोग और संयुक्त सैन्य अभ्यासों पर आधारित हैं। भारत रूस से लड़ाकू विमान, पनडुब्बी, टैंक और मिसाइल जैसे सैन्य हार्डवेयर का एक प्रमुख खरीदार है। दोनों देश ब्रह्मोस जैसी सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल को संयुक्त रूप से विकसित और निर्मित करते हैं। इसके अलावा भारत कई रूसी हथियारों का निर्माण भी करता है, जिनमें एसयू-30एमकेआई लड़ाकू विमान, टी-90 टैंक, एके-203 राइफल शामिल हैं।
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