News India Live, Digital Desk: Gandhi Jayanti 2025 Special : महात्मा गांधी, जिन्होंने हमारे देश को अहिंसा के रास्ते पर चलकर आज़ादी दिलाई, उनकी जीवनी से हम सब परिचित हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि उन्होंने अपनी कानून की पढ़ाई (law education) लंदन में की थी, जिसमें यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन (UCL) और इनर टेंपल (Inner Temple) जैसी बेहद प्रतिष्ठित संस्थाएं शामिल हैं? 2 अक्टूबर 2025 को जब देश बापू की 156वीं जयंती (156th birth anniversary) मना रहा होगा, तो क्या आपने कभी सोचा है कि जिस कॉलेज में राष्ट्रपिता ने ज्ञान हासिल किया, वहां आज पढ़ाई का कितना खर्चा आता होगा? यकीनन, ये जानकर आपके होश उड़ जाएंगे कि उस वक्त और आज की शिक्षा की कीमतों में कितना बड़ा अंतर आ चुका है.जब बापू लंदन गए थे (साल 1888 की कहानी)महात्मा गांधी ने साल 1888 में इनर टेंपल (Inner Temple) में दाखिला लिया था, जो कि लंदन के चार प्रसिद्ध 'इन्स ऑफ कोर्ट' में से एक है. उस समय उन्होंने अपनी तीन साल की पढ़ाई के लिए कुल मिलाकर सिर्फ 140 पाउंड (Pound), 1 शिलिंग और 5 पेंस (pence) की फीस चुकाई थी. यह आज से लगभग 137 साल पहले की बात है! उनके लंदन में बिताए तीन सालों ने उनके व्यक्तित्व को बहुत निखारा था, जहाँ उन्होंने अपनी कानूनी शिक्षा पूरी की और बैरिस्टर (Barrister) बने. वह यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन (UCL) में अंग्रेजी साहित्य (English Literature) की कक्षाओं में भी शामिल हुए थे, हालांकि उन्होंने इसमें विशेषज्ञता हासिल नहीं की.आज की तारीख में उन्हीं कॉलेजों में पढ़ने का खर्चा कितना है?आज की तारीख में, लंदन के उन्हीं प्रतिष्ठित संस्थानों में, खासकर कानून (Law) जैसे कोर्स की पढ़ाई करना बहुत महंगा है.अगर हम यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन (UCL) में बैचलर ऑफ लॉ (LLB) कोर्स की बात करें, तो 2025 के अकादमिक वर्ष के लिए इसकी सालाना ट्यूशन फीस (annual tuition fees) लगभग 29,000 GBP (ग्रेट ब्रिटेन पाउंड) है. यह भारतीय रुपयों में तकरीबन 30-31 लाख रुपये सालाना तक जा सकती है. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में तो अंडरग्रेजुएट कोर्स की सालाना फीस 39.05 लाख रुपये तक बताई गई है.कानून की पढ़ाई से जुड़े अन्य पोस्टग्रेजुएट कोर्स (postgraduate courses) भी हैं. जैसे, PGDL (पोस्टग्रेजुएट डिप्लोमा इन लॉ) या बार कोर्स (बैरिस्टर बनने के लिए). इनकी फीस भी काफी ज्यादा होती है. इनर टेंपल (Inner Temple) जैसे 'इन्स ऑफ कोर्ट' में 'बार कोर्स' (Barrister training) की फीस एक साल के लिए लगभग £16,450 (लगभग 17 लाख रुपये) तक हो सकती है, जिसमें अतिरिक्त खर्चे शामिल नहीं हैं. कई जगहों पर लाखों पाउंड की स्कॉलरशिप भी मिलती है, लेकिन ट्यूशन फीस का एक बड़ा हिस्सा छात्रों को खुद ही वहन करना होता है.सिर्फ फीस ही नहीं, लंदन में रहने के अन्य खर्चे भी हैं बहुत ज्यादाट्यूशन फीस (Tuition fees) के अलावा, लंदन जैसे शहर में रहने का खर्च (living cost) भी काफी ज़्यादा है. इसमें छात्रों के लिए आवास (rent), खाना-पीना (food), स्थानीय यात्रा (transport), किताबें (books) और अन्य निजी खर्च (personal expenses) शामिल होते हैं. औसतन, छात्रों को प्रति वर्ष 12,000 GBP (लगभग 12-13 लाख रुपये) के अतिरिक्त खर्च का भी अनुमान लगाना चाहिए, जो पढ़ाई के दौरान चाहिए होगा.यानी, जहाँ गांधीजी ने तीन साल की अपनी कानून की पढ़ाई और रहने-सहने का पूरा खर्च बहुत ही कम (शायद कुल 500-600 पाउंड में) पूरा कर लिया था, वहीं आज उनके उन्हीं कॉलेजों में सिर्फ एक साल की कानून की पढ़ाई का कुल खर्च भारतीय रुपयों में लगभग 30-40 लाख तक पहुंच जाता है, जिसमें रहने-खाने का खर्च अलग से शामिल है. यह अंतर वाकई यह दर्शाता है कि उच्च शिक्षा, खासकर विदेश में, आज कितनी महंगी हो गई है और शिक्षा के क्षेत्र में भी कैसे बड़े बदलाव आए हैं.
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