News India Live, Digital Desk: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में थानेदारों की कुर्सी इन दिनों दांव पर लगी है, और इसे बचाने या पाने का रास्ता अब एक परीक्षा से होकर गुजर रहा है. जिले के नए कप्तान, एसएसपी शैलेश कुमार पांडेय, ने पुलिसिंग को चुस्त-दुरुस्त करने के लिए एक ऐसा अनोखा तरीका अपनाया है, जिससे पूरे पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है.हुआ यूं कि एसएसपी ने सोमवार देर रात सभी थानेदारों की एक क्राइम मीटिंग बुलाई. बैठक में मौजूद इंस्पेक्टर और एसओ यही सोच रहे थे कि यह अपराध की समीक्षा के लिए एक सामान्य बैठक होगी. लेकिन मीटिंग शुरू होते ही एसएसपी ने जो ऐलान किया, उससे सभी के होश उड़ गए. उन्होंने कहा कि आज आप सबकी एक परीक्षा होगी, और इसी परीक्षा का रिजल्ट तय करेगा कि कौन थानेदारी के काबिल है और कौन नहीं.नकल न हो, इसलिए जमा करा लिए मोबाइलइससे पहले कि कोई कुछ समझ पाता या किसी तरह की 'मदद' ले पाता, एसएसपी ने सभी अधिकारियों के मोबाइल फोन जमा करा लिए. इसके बाद सबको एक प्रश्न पत्र थमा दिया गया. इस पर्चे में सीआरपीसी की धाराओं, कोर्ट और शासन के नए आदेशों, और विभागीय नियमों से जुड़े कई सवाल थे. मकसद साफ था- यह जानना कि कानून और व्यवस्था को संभालने वाले इन अफसरों को अपने काम की जमीनी और कानूनी समझ कितनी है.परीक्षा का परिणाम तय करेगा भविष्यएसएसपी शैलेश पांडेय ने साफ कर दिया है कि यह सिर्फ एक टेस्ट नहीं है, बल्कि थानेदारों के प्रदर्शन को आंकने का एक पैमाना है.इस परीक्षा में जो अधिकारी अच्छे नंबरों से पास होंगे, उन्हें अच्छी पोस्टिंग दी जाएगी और जो पहले से थानेदार हैं, उनकी कुर्सी बची रहेगी.जो लोग इस परीक्षा में फेल होंगे या जिनका प्रदर्शन खराब रहेगा, उन्हें थानेदारी से हटाकर दूसरी जिम्मेदारियां दी जाएंगी.एसएसपी के इस औचक "एग्जाम" ने जिले के पुलिस विभाग में एक नई बहस छेड़ दी हैं,. जहां कुछ लोग इसे पुलिसिंग में सुधार के लिए एक बेहतरीन कदम मान रहे हैं,, वहीं कई थानेदारों की नींद उड़ी हुई हैं,. अब देखना यह है कि इस परीक्षा का रिजल्ट मुरादाबाद की कानून-व्यवस्था में कितना सुधार लाता हैं,.
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