नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गांधी परिवार की मुश्किलें फिर बढ़ गई हैं। इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने बड़ा खुलासा करते हुए दावा किया है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी और पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 142 करोड़ रुपये का गबन किया है। ईडी ने आज दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में यह दावा दायर किया है।
राहुल गांधी और सोनिया गांधी नवंबर 2023 तक इस आय से लाभान्वित होते रहे। इसी अवधि के दौरान, ईडी ने नेशनल हेराल्ड से संबंधित 751.9 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की थी, ऐसा अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस. वी. राजू ने अदालत में दावा किया।
ईडी के विशेष अभियोजक जोहेब हुसैन ने दावा किया कि अपराध की आय में न केवल मूल अपराध से प्राप्त संपत्ति शामिल है, बल्कि उस अपराध से संबंधित या उससे प्राप्त अन्य संपत्ति भी शामिल है।
इस मामले में पहले ही एक “पूर्वानुमानित अपराध” की रिपोर्ट की जा चुकी है। सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सुमन दुबे और सैम पित्रोदा पर “विश्वासघात” का आरोप है। ईडी ने अदालत को यह भी बताया कि गांधी परिवार ‘यंग इंडियन’ कंपनी का 76% शेयरधारक था।
50 लाख में मिली 90.25 करोड़ की संपत्तिईडी के अनुसार, यंग इंडियन कंपनी ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) से मात्र 50 लाख रुपये का भुगतान कर 90.25 करोड़ रुपये की संपत्ति हासिल कर ली। ईडी का कहना है कि यह लेनदेन ‘मुख्यतः धन शोधन का एक रूप’ है।
मामले की पृष्ठभूमिइस मामले की जांच 2021 में शुरू हुई थी। भाजपा नेता डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी की शिकायत के बाद यह कार्रवाई की गई थी। उन्होंने इस संबंध में 2014 में अदालत में शिकायत दर्ज कराई थी। अदालत ने अब ईडी को इस मामले में आरोपपत्र की एक प्रति स्वामी को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई जल्द ही होगी और अदालत इस बात पर विचार कर रही है कि आईपीसी की धारा 223 के तहत एक समेकित नोटिस जारी किया जाए या नहीं।
आखिर मामला क्या है?इस मामले में आरोप है कि कांग्रेस पार्टी ने ‘यंग इंडियन’ नामक कंपनी के माध्यम से ‘एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड’ (एजेएल) की संपत्ति बहुत कम कीमत पर हस्तांतरित कर दी। देश भर में फैली इस संपत्ति की कीमत सैकड़ों करोड़ रुपये में है। हालांकि गांधी परिवार इस कार्रवाई को ‘राजनीतिक प्रतिशोध’ बता रहा है, लेकिन ईडी का कहना है कि उनके पास मनी लॉन्ड्रिंग साबित करने के लिए वित्तीय सबूत हैं। अब पूरे देश का ध्यान इस बात पर केंद्रित है कि अदालत इस मामले में आगे क्या फैसला लेती है।
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