मुंबई – विदर्भ के चंद्रपुर के वन क्षेत्र में पिछले छह दिनों में बाघ के हमले में छह महिलाओं की जान चली गई है। घने जंगल में तेंदू पत्ता तोड़ने गई ये महिलाएं बाघ का शिकार बन गईं।
इससे पहले तीन महिलाओं की मौत के बाद एक बाघिन को पकड़ा गया था। इसके बाद भी हमलों का सिलसिला जारी है।
कल चंद्रपुर जिले के ताड़ोबा-अंधारी टाइगर रिजर्व के बफर जोन में कचराबाई अरुण भारदे (आयु 54) नामक महिला तेंदूपत्ता तोड़ रही थी, तभी एक बाघ ने झाड़ी से उस पर झपट्टा मारा और देखते ही देखते उसके शरीर को नोच डाला।
इस घटना से मृतक महिला के बेटे और अन्य ग्रामीण नाराज हो गए और उन्होंने मांग की कि जब तक बाघ अभयारण्य के चारों ओर बाड़ लगाने की गारंटी नहीं दी जाती, तब तक वे शव स्वीकार नहीं करेंगे। इसके बाद मोर्चा के अधिकारियों व पुलिस ने ग्रामीणों को शांत किया और बाघ से सुरक्षा का आश्वासन दिया। मृतक के परिवार को 5 लाख रुपए का मुआवजा दिया गया। 50,000. शेष राशि का भुगतान केस के कागजात तैयार होने के बाद किया जाएगा।
इस सप्ताह की शुरुआत में चंद्रपुर जिले में एक सास और बहू उस समय बाघ का शिकार हो गईं जब वे तेंदू पत्ते इकट्ठा कर रही थीं। फिर बाघ ने दो महिलाओं को मार डाला। जबकि कल छठी महिला बाघ का शिकार हो गई।
एक वरिष्ठ वन अधिकारी ने बताया कि हमने बाघों के हमलों को रोकने के लिए 450 वन रक्षकों को तैनात किया है। फिर भी गांव वाले हमारी चेतावनियों को नजरअंदाज कर देते हैं कि सावधान रहें और जंगल में बहुत अंदर न जाएं। इसके कारण वे बाघों के हमलों का शिकार हो जाते हैं।
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