धूम्रपान बनाम मधुमेह: मधुमेह एक दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्या है। यह शरीर की ग्लूकोज चयापचय क्षमता को प्रभावित करता है। इस रोग से ग्रस्त लोगों में, अग्न्याशय पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं कर पाता। साथ ही, शरीर इंसुलिन का उचित उपयोग भी नहीं कर पाता।समय के साथ, उच्च रक्त शर्करा स्तर शरीर के अंगों को नुकसान पहुँचा सकता है। हृदय रोग, गुर्दे की विफलता और अंधेपन जैसी समस्याएँ गंभीर और घातक हो सकती हैं। टाइप 2 मधुमेह सबसे आम प्रकार है। दुनिया भर में 95% से ज़्यादा मामलों में यही मधुमेह पाया जाता है। टाइप 1 मधुमेह वंशानुगत होता है। लेकिन टाइप 2 मधुमेह जीवनशैली से ज़्यादा प्रभावित होता है।धूम्रपान मधुमेह के खतरे को कैसे बढ़ाता है? धूम्रपान करने वालों में धूम्रपान न करने वालों की तुलना में टाइप 2 मधुमेह होने की संभावना 30 से 40 प्रतिशत अधिक होती है। सिगरेट के रसायन कोशिकाओं को नुकसान पहुँचाते हैं, सूजन पैदा करते हैं और शरीर की रक्त शर्करा को नियंत्रित करने की क्षमता को कम करते हैं। धूम्रपान मधुमेह की समस्याओं को और भी बदतर बना सकता है। अगर मधुमेह से पीड़ित लोग धूम्रपान करते हैं, तो उन्हें हृदय संबंधी समस्याओं, उच्च रक्तचाप, गुर्दे की क्षति, अंधेपन और खराब रक्त संचार का खतरा होता है, जिसके कारण अंग-विच्छेदन की नौबत आ सकती है।धूम्रपान छोड़ने के ये हैं फायदेरक्त शर्करा नियंत्रण,इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार,सर्जरी के बाद तेजी से स्वास्थ्य लाभ,हृदय रोग और गुर्दे की विफलता का कम जोखिमधूम्रपान छोड़ने के 8 हफ़्तों के भीतर इंसुलिन ज़्यादा प्रभावी ढंग से काम करना शुरू कर देता है। शोध से पता चला है कि यह रक्त शर्करा के स्तर को कम करने में मदद करता है। हालाँकि धूम्रपान छोड़ने से मधुमेह ठीक नहीं होता, लेकिन यह शरीर को इस बीमारी से दूर रखने और इससे जुड़ी जानलेवा जटिलताओं को रोकने में मदद कर सकता है।
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