उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित, बाबा नीम करोली महाराज के पावन कैंची धाम आश्रम के नजदीक दो गाँव, भूमियाधार और ककड़ीघाट, अपनी अद्भुत प्राकृतिक सुंदरता और शांत वातावरण के लिए तेजी से लोकप्रियता बटोर रहे हैं. इन स्थानों को ‘धरती का स्वर्ग’ कहना कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी, क्योंकि यहाँ प्रकृति और आध्यात्मिकता का एक अनोखा संगम देखने को मिलता है.
नीम करोली बाबा के भक्तों और प्रकृति प्रेमियों के लिए ये दोनों गाँव एक छिपा हुआ खजाना हैं. कैंची धाम से महज कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर स्थित भूमियाधार, अपनी शांत पहाड़ियों, हरी-भरी वादियों और ताजी हवा के लिए जाना जाता है. यहाँ की निर्मल हवा और मनमोहक दृश्य पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देते हैं. इसी तरह, पास में ही स्थित ककड़ीघाट भी उतना ही आकर्षक है, जो कोसी नदी के तट पर बसा एक शांत स्थान है, जहाँ पहाड़ों और घाटियों का विहंगम दृश्य मन को सुकून देता है.
ये गाँव उन लोगों के लिए एक आदर्श जगह हैं जो शहर की भीड़भाड़ और कोलाहल से दूर एकांत और शांति की तलाश में हैं. यहाँ पर्यटक शांत माहौल में आराम कर सकते हैं, आध्यात्मिक शांति का अनुभव कर सकते हैं, या आसपास के ट्रेल्स पर घूमते हुए प्रकृति की गोद में खो सकते हैं. पक्षियों की चहचाहट और हवा में तैरती पवित्रता की भावना हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करती है.
भूमियाधार और ककड़ीघाट धीरे-धीरे लोकप्रिय पर्यटन स्थल बनते जा रहे हैं, लेकिन अभी भी इन्होंने अपनी मूल शांति और प्राकृतिक सौंदर्य को बरकरार रखा है. बाबा नीम करोली के अनुयायी अक्सर यहाँ आकर ध्यान और चिंतन में लीन होते हैं, और सामान्य पर्यटक भी इस शांत और मनमोहक माहौल का आनंद लेने के लिए पहुँच रहे हैं. अगर आप नैनीताल या कैंची धाम जाने की योजना बना रहे हैं, तो इन अलौकिक सौंदर्य वाले गाँवों का भ्रमण निश्चित रूप से आपके अनुभव को यादगार बना देगा.
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