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हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाने का महत्व और विधि

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हनुमान जी और सिंदूर का महत्व

लाइव हिंदी खबर :- ज्योतिष शास्त्र में मंगल ग्रह को पराक्रम का प्रतीक माना जाता है, और इसे श्रीराम भक्त हनुमान से जोड़ा जाता है। मंगलवार का दिन मंगल ग्रह का दिन होता है।


हिंदू धर्म में सिंदूर का विशेष महत्व है। विवाहित महिलाएं इसे अपनी मांग में लगाती हैं, और यह पूजा-पाठ में भी महत्वपूर्ण होता है। देवी-देवताओं को भी सिंदूर का तिलक किया जाता है, और हनुमान जी को तो सिंदूर का चोला चढ़ाया जाता है।


रामचरितमानस के अनुसार, जब श्री राम, सीता और लक्ष्मण ने चौदह वर्षों का वनवास पूरा किया और अयोध्या लौटे, तब हनुमान जी ने माता सीता को सिंदूर लगाते देखा। उन्होंने माता सीता से इसके बारे में पूछा, तो माता सीता ने बताया कि यह श्री राम के प्रेम का प्रतीक है।


हनुमान जी ने सोचा कि यदि वह अपने पूरे शरीर पर सिंदूर लगाते हैं, तो उन्हें भगवान राम का अधिक प्रेम प्राप्त होगा। इस सोच के साथ, उन्होंने अपने शरीर को सिंदूर से रंग लिया और सभा में गए। जब श्री राम ने उन्हें देखा, तो उन्होंने हनुमान जी से इसका कारण पूछा। हनुमान जी ने बताया कि यह उन्होंने भगवान राम के प्रेम के लिए किया।


इस पर श्री राम इतने प्रसन्न हुए कि उन्होंने हनुमान जी को गले लगा लिया। तभी से हनुमान जी की मूर्तियों को सिंदूर से रंगा जाता है, जिससे उनकी शक्ति और भक्तों की आस्था बढ़ती है।


सिंदूर चढ़ाने की विधि और मंत्र
पंडित शर्मा के अनुसार, यदि आप हनुमान जी की प्रतिमा पर सिंदूर चढ़ाना चाहते हैं, तो पहले उनकी मूर्ति को जल से स्नान कराएं। इसके बाद सभी पूजा सामग्री अर्पित करें। फिर मंत्र का उच्चारण करते हुए, चमेली के तेल में सिंदूर मिलाकर या सीधे देसी घी लगाकर मूर्ति पर सिंदूर चढ़ाएं।


मंत्र-
सिन्दूरं रक्तवर्णं च सिन्दूरतिलकप्रिये।
भक्तयां दत्तं मया देव सिन्दूरं प्रतिगृह्यताम।।


जानकारों के अनुसार, हनुमान जी को सिंदूर का चोला तब चढ़ाया जाता है जब उनकी कृपा प्राप्त करनी हो। मंगलवार को चोला चढ़ाने की मान्यता है, जबकि शनिवार को शनि महाराज के कष्ट कम करने के लिए चोला चढ़ाया जाता है।


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