लाइव हिंदी खबर :- किसी व्यक्ति के जीवन में ग्रहों का महत्वपूर्ण प्रभाव होता है। इसी कारण, एक ही समय पर जन्म लेने वाले व्यक्तियों के स्वभाव और जीवन में भिन्नताएँ देखी जाती हैं। ज्योतिष के अनुसार, जन्म से लेकर मृत्यु तक ग्रहों का व्यक्ति पर अलग-अलग प्रभाव रहता है।
जब ग्रहों में दोष होता है, तो व्यक्ति को उसकी मेहनत का उचित फल नहीं मिलता, जिससे वह अपनी इच्छाओं को पूरा करने में असफल रहता है। ज्योतिष विशेषज्ञों का कहना है कि जब ग्रहों की अशुभ स्थिति होती है, तो व्यक्ति चारों ओर से समस्याओं में घिरा रहता है।
इस स्थिति से बचने के लिए, विशेषज्ञों का सुझाव है कि व्यक्ति को नवग्रहों को प्रसन्न करने के बजाय उनके स्वामी देवी-देवताओं की पूजा करनी चाहिए। दैवीय शक्तियों की आराधना से ग्रहों की कृपा अपने आप प्राप्त होती है और दुर्भाग्य से मुक्ति मिलती है।
किस ग्रह को कैसे करें प्रसन्न
सूर्य देव: सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए विष्णु भगवान की पूजा और हरिवंश पुराण की कथा का आयोजन करें।
चंद्र देव: चंद्र देव को प्रसन्न करने के लिए भोले शिव की आराधना करें।
मंगल देव: मंगल देव को प्रसन्न करने के लिए हनुमान जी की पूजा या दुर्गा जी की आराधना तथा दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।
बुध देव: बुध देव को प्रसन्न करने के लिए श्री गणेश की पूजा करें।
बृहस्पति देव: बृहस्पति देव को प्रसन्न करने के लिए विष्णु भगवान या माता सरस्वती की पूजा करें। संतान के लिए हरि पूजन करें।
शुक्र देव: शुक्र देव को प्रसन्न करने के लिए लक्ष्मी जी की पूजा करें।
शनि देव: शनि देव को प्रसन्न करने के लिए भैरव जी या माता काली की पूजा करें।
राहू देव: राहू देव को प्रसन्न करने के लिए भैरव की पूजा करें।
केतु देव: केतु देव को प्रसन्न करने के लिए श्री गणेश की पूजा-अराधना करें।
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