इंटरनेट डेस्क। जगदीप धनखड़ ने पद से इस्तीफा दे दिया। इसके साथ उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला भी दे दिया। लेकिन अटकलों को कौन रोक सकता है। ऐसे में धनखड़ ने अपने इस्तीफे का कारण खराब स्वास्थ्य को बताया, लेकिन विपक्ष से लेकर तमाम राजनीतिक विश्लेषकों का कुछ और ही मानना है। मीडिया रिपोटर्स की माने तो विपक्षी नेता धनखड़ के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफे की टाइमिंग पर सवाल उठा रहे हैं और सरकार को घेर रहे हैं। विपक्ष का कहना है कि धनखड़ को जबरन इस्तीफा देना पड़ा है।

धनखड़ के पास आया था फोन
मीडिया रिपोटर्स की माने तो इस बीच एक बात ये भी सामने आई है कि जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग पर विपक्ष के नोटिस को स्वीकारने के कुछ देर बाद दो दिग्गज मंत्रियों का धनखड़ को फोन आया था। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, मंत्रियों ने बताया था कि इस कदम से पीएम मोदी खुश नहीं हैं। इस पर धनखड़ ने जवाब देते हुए कहा था कि वो नियमों के अंदर ही काम कर रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा और संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने ये फोन किया था।

दोनों मीटिंग में नहीं पहुंचे थे
मीडिया रिपोटर्स की माने तो जानकारी के अनुसार, राज्यसभा में सोमवार को बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की पहली मीटिंग के बाद ये सब हुआ। इसके बाद शाम 4 बजकर 30 मिनट पर हुई दूसरी बीएसी मीटिंग में नेताओं ने न जाने का फैसला किया।
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