गाय का घी से लेकर तिल के तेल तक – डॉ. आलोक चोपड़ा ने बताए भारतीय रसोई के लिए वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित सर्वोत्तम तेल
भारतीय खाना पकाने में तेल का इस्तेमाल अनिवार्य है, लेकिन सही तेल का चुनाव करना सेहत के लिए बेहद जरूरी हो गया है। हार्ट स्पेशलिस्ट और फंक्शनल मेडिसिन एक्सपर्ट डॉ. आलोक चोपड़ा ने हाल ही में उन पाँच तेलों की सूची साझा की है, जो भारतीय व्यंजनों के लिए न केवल स्वादिष्ट बल्कि स्वास्थ्य के लिहाज से भी उपयुक्त हैं। उनका दावा है कि ये सुझाव किसी ट्रेंड पर नहीं बल्कि विज्ञान आधारित हैं।
1. घी (Ghee) – पाचन और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ावा"भारतीय व्यंजनों के लिए सही तेल चुनें – ट्रेंड नहीं, विज्ञान को मानें," – डॉ. आलोक चोपड़ा
डॉ. चोपड़ा के अनुसार, देसी घी न केवल भोजन को स्वादिष्ट बनाता है बल्कि यह विटामिन A, D, E और K से भरपूर होता है। यह पाचन क्रिया को सुधारता है और इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है। अगर सीमित मात्रा में उपयोग किया जाए, तो घी दिल के लिए भी सुरक्षित है।
2. नारियल का तेल (Coconut Oil) – मस्तिष्क और आंतों के लिए फायदेमंदनारियल तेल में मौजूद मीडियम-चेन ट्राइग्लिसराइड्स (MCTs) शरीर में तेजी से मेटाबोलाइज होकर ऊर्जा का स्रोत बनते हैं। यह तेल न केवल ब्रेन फंक्शन को बेहतर करता है, बल्कि पाचन तंत्र के लिए भी बेहद फायदेमंद है। NIH (National Institutes of Health) के अनुसार, MCTs विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के उपचार में सहायक हो सकते हैं।
3. सरसों का तेल (Mustard Oil) – दिल का रखवालाडॉ. चोपड़ा बताते हैं कि सरसों का तेल हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है और शरीर में सूजन को कम करता है। यह ओमेगा-5 फैटी एसिड से भरपूर होता है, जो कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में मदद करता है और रक्त प्रवाह को सुचारू रखता है।
4. तिल का तेल (Sesame Oil) – जोड़ों और त्वचा के लिए लाभकारीतिल का तेल एंटीऑक्सीडेंट्स और हेल्दी फैट्स से युक्त होता है। यह तेल जोड़ों के दर्द में राहत देता है और त्वचा को पोषण प्रदान करता है। भारतीय भोजन में इसका उपयोग न केवल पारंपरिक है बल्कि वैज्ञानिक रूप से भी स्वास्थ्यवर्धक माना गया है।
5. मूंगफली का तेल (Groundnut Oil) – संतुलित वसा और प्लांट स्टेरोल्स का स्रोतडॉ. चोपड़ा के मुताबिक मूंगफली के तेल में हेल्दी फैट्स होते हैं और यह प्लांट स्टेरोल्स से समृद्ध होता है। हालांकि, इसका उपयोग सीमित मात्रा में करना चाहिए क्योंकि अत्यधिक सेवन दिल की सेहत पर असर डाल सकता है। यह तेल खास तौर पर डीप फ्राई करने वाले व्यंजनों के लिए उपयुक्त होता है।
महत्वपूर्ण सलाह:यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से है। किसी भी स्वास्थ्य समस्या या खानपान से संबंधित निर्णय से पहले अपने डॉक्टर या डाइटीशियन की सलाह जरूर लें।
डॉ. आलोक चोपड़ा की यह सलाह हमें यह समझने में मदद करती है कि भारतीय कुकिंग के लिए हर ट्रेंडी तेल जरूरी नहीं है। हमारे पारंपरिक तेल, जैसे घी, तिल का तेल और सरसों का तेल, वैज्ञानिक आधार पर भी फायदेमंद साबित हुए हैं। सही जानकारी के साथ, हम स्वाद और सेहत दोनों को बनाए रख सकते हैं।
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